सरायकेला रियासत | Saraikela Pricly State | Kharsawan Princly State | खरसावां रियासत

Saraikela Kharsawan Princely State सरायकेला खरसावां देशी रियासत आजादी के समय भारत में 560 से ज्यादा देशी रियासते थी। इन देशी रियासतों में अविभाजित बिहार में केवल दो देशी रियासते थी:- सरायकेला रियासत और खरसावां रियासत। इन रियासतों में कभी भी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रत्यक्ष आधिपत्य नही हो पाया था। सरायकेला और खरसावां […]

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पोरहाट के सिंह वंश

सिंहभूम के सिंहवंशी राज्य का विस्तृत अध्ययन | Detailed Study Of Singh Dynadty Of Porhat

Singh Dynasty Of Porhat पोरहाट के सिंह वंश सिंह राजवंश के कारण इस क्षेत्र का नाम सिंहभूम पड़ा, ऐसा दावा किया जाता है। हो जनजाति का मानना है कि सिंहभूम का यह नाम उसके आराध्य देव “सिंहबोंगा” के नाम से रखा गया। टिकैत नृपेंद्र नारायण सिंहदेव के पुस्तक “सिंहभूम, सरायकेला खरसावां थ्रू द एजेज के […]

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पलामू के चेरो वंश | Chero Dynasty Of Palamu

पलामू के चेरो राजवंश Chero Dynasty Of Palamu परिचय – उत्तरी भारत में पाल वंश के पतन के बाद चेरो वंश का उदय हुआ। इसका शासनकाल 12वीं सदी से 19वीं सदी के मध्य था। इनका शासन उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ राज्य में विस्तृत था। इसकी प्रथम राजधानी बिहियां (भोजपुर) थी जो बाद में […]

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झारखंड के समकालीन राजा

झारखंड के समकालीन राजा | Contemprory King Of Jharkhand

Contemprory King Of Jharkhand झारखंड के समकालीन राजा नागवंशी राजा समुद्रगुप्त के समकालीन नागवंशी राजा– मदन राय, प्रताप राय और कंदरिया राय शशांक के समकालीन नागवंशी राजा – हरिराय और गजराय हर्षवर्धन के समकालीन नागवंशी राजा – गजराय, सुंदर राय और मुकुन्द राय इल्तुतमिश, बलवन के समकालीन नागवंशी राजा – हरिकर्ण अल्लाउद्दीन खिलजी के समकालीन […]

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सुतिया नागखण्ड Sutia Nagkhand

सुतिया नागखण्ड की विस्तृत जानकारी| Sutia Nagkhand Detailed Study

झारखंड राज्य निर्माण प्रक्रिया सुतिया नागखण्ड झारखंड में राज्य निर्माण तथा शासन व्यवस्था की शुरूआत मुंडा जनजातियों ने किया। झारखंड में मुंडा जनजातियों का आगमन संभवतः तिब्बत से रोहतासगढ़ के रास्ते से हुआ। इस दौरान मुंडाओं को यहाँ के स्थानीय जनजातियों के साथ वर्ग-संघर्ष हुआ। यहाँ के जनजातियों असुर, बिरजिया और बिरहोर के साथ वर्ग-संघर्ष […]

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Jharkhand during Gupta period

गुप्तकाल और गुप्तोत्तर काल में झारखंड

गुप्तकालीन झारखंड Jharkhand During Gupta Period कुषाणों के पतन के बाद गुप्तकाल का उदय हुआ। गुप्तकाल के सबसे प्रतापी राजा समुद्रगुप्त के दरबारी कवि द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति में समुद्रगुप्त के सारे विजयों का वर्णन मिलता है। इन विजयों में आटविक विजय की चर्चा भी है। प्रयाग प्रशस्ति में लिखा हुआ है कि समुद्रगुप्त ने […]

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Ancient history Of Jharkhand

वैदिक काल और महाजनपद काल मे झारखंड

Jharkhand During Vedic Period Ancient history Of Jharkhand वैदिक काल भारत के इतिहास में 1500 BC से 600 BC के कालखंड को वैदिक काल कहा जाता है। वैदिक काल मे झरखंड क्षेत्र में असुर, खड़िया और बिरहोर जाती के उपस्थिति का पता चलता है। जनजातियों के लिए “असुर” शब्द का प्रयोग किया जाता है। ऋग्वेद […]

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शाहजहाँकालीन झारखंड

शाहजहाँकालीन झारखंड | Jharkhnd During Shahjahan Period

Jharkhand During Shahjahan Period शाहजहाँकालीन झारखंड शाहजहाँ का शासनकाल 1628 से 1658 तक था। मुगल बादशाह शाहजहाँ के समय में मुगलों एवं झारखंड के क्षेत्रीय राजाओं के साथ राजनीतिक संबंध निम्न थे:- नागवंश के साथ संबंध शाहजहाँ के समकालीन नागवंशी राजा दुर्जनशाल और रघुनाथ शाह थे। 1627 में जब दुर्जनशाल मुगलों की कैद से आजाद […]

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