अकबरकालीन झारखंड

अकबरकालीन झारखंड | Jharkhand During Akbar Period

Jharkhand During Akbar Period अकबरकालीन झारखंड मुगल शासक अकबर का शासन 1556 ई से 1605 ई तक रहा। इसके शासन के पूर्वार्द्ध (1556-76) तक झारखंड मुगलों के प्रभाव से स्वतंत्र रहा। इस दौरान मुगल- विरोधी अफगान झारखंड में पूर्ण सक्रिय रहा। अकबर के शासन के 30वें वर्ष 1585 में मुगलों का संबंध झारखंड से वास्तविक […]

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मुगलकालीन झारखंड

बाबर/हुमायूँ/शेरशाहकालीन झारखंड | History Of Jharkhand During Babur, Humayun & Shershah Period

Jharkhand During Mughal Period मुगलकालीन झारखंड बाबरकालीन झारखंड बाबर ने 1526 में इब्राहिम लोदी को पानीपत की पहली लड़ाई में हराकर मुगल वंश की नींव डाली। मुगल तुर्क था और लोदी अफगान। तुर्क और अफगान के बीच इस संघर्ष का प्रभाव पूरे उत्तर भारत मे पड़ा। पानीपत की लड़ाई के बाद अफगान बंगाल और दक्षिण […]

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Jainism In Jharkhand

झारखंड में जैन धर्म का प्रभाव | Jainism In Jharkhand

झारखंड में जैन धर्म Jainism In Jharkhand ईसा पूर्व 6ठी शताब्दी में चले धार्मिक आंदोलन का झारखंड में व्यापक प्रभाव पड़ा। इस काल मे झारखंड में बौद्ध और जैन धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ। झारखंड में जैन और बौद्ध दोनों संप्रदायों का केंद्र मानभूम (आधुनिक धनबाद) था। जैन सम्प्रदाय के 23वें तीर्थांकर पार्श्वनाथ स्वामी का निर्वाण […]

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मौर्यकालीन झारखंड

मौर्यकालीन झारखंड | Jharkhand During Mourya Period

Jharkhand During Mouryan Empire मौर्यकालीन झारखंड नंद वंश के बाद झारखंड मौर्य वंश के अधीन हुआ था। नंद वंश के अंतिम राजा को चंद्रगुप्त मौर्य ने पराजित किया और मगध पे मौर्य वंश की स्थापना की। चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु कौटिल्य द्वारा रचित “अर्थशास्त्र” पुस्तक में झारखंड का उल्लेख “कुकुटदेश” के नाम से मिलता […]

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Buddhism In Jharkhand

झारखंड में बौद्ध धर्म का उदय | Buddhism In Jharkhand

झारखंड में बौद्ध धर्म के अवशेष Buddhism In Jharkhand बेलनीगढ़ (गोड्डा) यहाँ से बुद्धकालीन अवशेष प्राप्त हुए है। पलामू किला (लातेहार) बुद्ध की भूमि स्पर्श करती हुई एक मूर्ति पलामू का किला से प्राप्त हुई है। सीतागढ़ा पहाड़ (हजारीबाग) यह पहाड़ हजारीबाग जिले में अवस्थित है। यहां छठी शताब्दी के बौद्ध मठ के अवशेष मिले […]

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पलामू के रक्सेल वंश

पलामू के रक्सेल वंश | Raksel Dynasty Of Palamu

Raksel Dynasty पलामू के रक्सेल वंश चेरो वंश से पहले पलामू में रक्सेल वंश का शासन था। रक्सेलों का शासन दक्षिण-पूर्वी पलामू में था। ये अपने को हैहयवंशी राजपूत कहते थे। इसका मूल निवास स्थान राजपुताना (आधुनिक राजस्थान) था। राजपुताना से ये रोहतासगढ़ आये। रोहतासगढ़ होते हुए ये पलामू प्रविष्ट किये। पलामू में प्रवेश करने […]

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सल्तनतकालीन झारखंड | Jharkhand During Sultanate Period | Ancient History Of Jharkhand

Jharkhand In Sultanate Period सल्तनतकालीन झारखंड परिचय –1206 से 1526 तक के कालखण्ड को सल्तनतकाल के नाम से जाना जाता है। सल्तनत काल में 5 राजवंश हुए गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश और लोदी वंश। इस काल में मुसलमानों का झारखंड में प्रवेश सिर्फ दुश्मनों का पीछा करते समय हुआ और बिहार-उड़ीसा […]

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छोटानागपुर के नागवंश | Nag Dynasty Of Chhotanagpur| Ancient History Of Jharkhand| झारखंड का प्राचीन इतिहास

नागवंश झारखंड राजधानी सूतियांबे –राजा फनीमुकुट राय ने रांची के पिठोरिया में इसकी पहली राजधानी सूतियांबे को बनाया । पहली शताब्दी से तीसरी शताब्दी तक यह नागवंशी साम्राज्य की राजधानी रही। चुटिया – नाग वंश के चौथे राजा प्रताप राय ने अपनी राजधानी को सूतियांबे से चुटिया (रांची रेलवे स्टेशन के आसपास) हस्तांतरित किया। तीसरी […]

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