अरावली पर्वत श्रेणी
Aravali Mountain Range
Extension Of Aravali Range
विस्तार – इस पर्वत का विस्तार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में है। इस पर्वतमाला का सर्वाधिक विस्तार (550 KM) राजस्थान में है। राजस्थान में अरावली का कुल 80% क्षेत्र अवस्थित है। इसका विस्तार गुजरात के पालनपुर से दिल्ली (JNU) तक है। दक्षिणी भाग में इसकी लंबाई और चौड़ाई ज्यादा है वहीं उत्तरी भाग मैं इसकी लंबाई और चौड़ाई कम है। इसकी औसत लंबाई लगभग 800 किमी है। उत्तर में यह भेड़ के पीठनुमा और दक्षिण में पंखाकर है।
Origin Of Aravali
उत्पत्ति – इस पर्वतमाला का निर्माण प्रीकैंब्रियन काल (600-750 मिलियन वर्ष पूर्व) में हुआ था। यह एक अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है। इस पर्वतमाला में धारवाड़ चट्टानों (ग्रेनाइट, निस, सिस्ट, क्वार्टजाइट) की प्रमुखता है। अरावली पर्वतमाला की उत्पत्ति अरब सागर (लक्षद्वीप के मिनिकॉय से) से मानी जाती है जो भूपटल पर (खेड़ब्रह्मा) पालनपुर के समीप दिखाई पड़ती है। इसलिए अरब सागर को अरावली का पिता भी कहा जाता है। अरावली के निर्माण के समय इसका प्रारंभिक स्वरूप वलयाकार था और इसकी प्रारंभिक ऊंचाई 2700 से 2800 मीटर थी। अपरदन और निक्षेपन के कारण अभी इसकी औसत ऊंचाई 930 मी है।
Oldest Mountain Of World
विश्व की सबसे प्राचीनतम पर्वतमाला दिल्ली पर्वत समूह को माना जाता था जो समय के साथ अपरदित एवं विघटित हो गई। दिल्ली समूह का निर्माण आर्कियन युग में हुआ है। इसके बाद विश्व की सबसे प्राचीनतम पर्वतमाला अरावली को माना जाता है। अरावली प्राचीन गोंडवाना का हिस्सा था जिसका निर्माण प्लेटों के अभिसारी गति से हुआ है।
Comparison Of Aravali
👍 अरावली को यूएसए के अपलेसियन पर्वत श्रृंखला कर्नाटक के भूगर्भिक धारवाड़ की पहाड़ियां तथा इसे विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के समकालीन माना जाता है।
👍 अरावली की तुलना कर्णवत अंग (कान) से की जाती है।
👍 इसकी तुलना वाद्य यंत्र तंदुरा से की जाती है।
अरावली के अन्य नाम
मेरु पर्वत/सुमेरू पर्वत/परिपत्र पर्वत – विष्णु पुराण में।
आड़ावाला पर्वत – राजस्थानी भाषा में।
डोसी पर्वत – हरियाणा में
अरबुदा देवी पर्वत – सिरोही में
अरावली – गुजरात में।
अरावली की जनजातियां
अरावली को राजस्थान के आदिवादियों की जन्मस्थली मानी जाती है। यहां मीणा, भील, गरसिया, सहरिया, कंजर, कथोड़ी, डामोर जनजातियां पाई जाती है।
Division Of Aravali Mountain Range
👊 मुख्य रूप से अरावली को तीन भागों में बांटा जाता है जरगा श्रेणी, हर्षनाद श्रेणी और दिल्ली श्रेणी।
जरगा श्रेणी ▶️ हर्षनाद श्रेणी ▶️ दिल्ली श्रेणी।
जरगा श्रेणी – इस पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी गुरुशिखर (1722 मी) है, जो अरावली की जरगा श्रेणी में अवस्थित है। गुरुशिखर के पाद पर स्थित शहर माउंट आबू में जैन संप्रदाय का प्रसिद्ध दिलवाड़ा का जैन मंदिर अवस्थित है। माउंट आबू के समीप खमनौर पहाड़ी से बनास नदी निकलती है।
Note:- Internal Security Academy माउंट आबू पर स्थित है। पहले आईपीएस प्रशिक्षण संस्थान माउंट आबू में था जो अब हैदराबाद में है। राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू है। माउंट आबू में मीठे पानी की झील “नक्की झील” अवस्थित है।
हर्षनाद श्रेणी – इस पर प्रसिद्ध जावर की खान (जिंक, सल्फर और शीशा) तथा मकराना (संगमरमर) की खान है। जावर की खान उदयपुर में है। अलवर में इसे हर्षनाद की पहाड़ी के नाम से जाना जाता है।
दिल्ली श्रेणी – इस श्रेणी में खेतड़ी की खान (तांबा) है तथा रायसिना हिल दिल्ली में श्रेणी में अवस्थित है। दिल्ली में स्थित रायसीमा हिल्स पर राष्ट्रपति भवन अवस्थित है।
अरावली से निकलने वाली नदियां
अरावली की पहाड़ से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियां है:- लूनी नदी, बनास नदी, बेडच, खारी, सुकड़ी, कोठरी और साबरमती नदी।
Aravali Is a Climate Divider
अरावली की पहाड़ जलवायु विभाजक का काम करती है। अरब सागर से आने वाली मॉनसून को यह अपने पश्चिम की तरफ थार क्षेत्र में जाने नहीं देता है जिस वजह से खार क्षेत्र में मौसम शुष्क रहता है। वहीं इसके पूर्वी क्षेत्र में मालवा का तथा मेवाड़ का पठार स्थित है। अरब सागर से आने वाली मॉनसून को अरावली पर्वत हिमालय की तरफ मोड़ देता है।
अरावली में स्थित पठार
1. आबू पठार यह राजस्थान के सिरोही जिले में अवस्थित है इस पठार पर ही आबू शहर बसा हुआ है तथा कुछ दूरी पर गुरु शिखर एवं माउंट आबू अवस्थित है। गुरु शिखर को कर्नल टॉड ने संतो का शिखर कहा था।
2. लसलिया पठार यह राजस्थान के उदयपुर जिले में अवस्थित है।
3. बिजासन पठार यह पठार राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में अवस्थित है।
4. उड़िया का पठार या रजस्थान के सिरोही जिले में अवस्थित है यह राजस्थान का सबसे ऊंचा पठार है।
5. भोराट का पठार यह राजस्थान के उदयपुर व राज्य संबंध के मध्य फैला हुआ है।
6. ऊपरमाल पठार – यह भीलवाड़ा और चित्तौड़ जिला में फैला हुआ है।
7. मैसा का पठार – चित्तौड़ का किला इस पठार पर ही अवस्थित है।
अरावली में स्थित पहाड़
सेर (सिरोही), दिलवाड़ा (सिरोही), अचलगढ़, कुंभलगढ़, तारागढ़, नाग पहाड़ (सर्पिलाकर), रंगीन पहाड़िया (सवाई माधोपुर)।
गिरवा – उदयपुर के आसपास कुछ अर्धचंद्राकार पहाड़ियां पाई जाती है जिसे गिरवा कहा जाता है।
भाकर – सिरोही जिले में पाई जाने वाली तीव्र ढाल की पहाड़ियों को भाकर कहा जाता है।
मागरा – उदयपुर जिले में कई छोटी-छोटी अवशिष्ट पहाड़ियां पाई जाती है जिसे मागरा नाम से बुलाया जाता है।
Minerals Found In Aravali
अरावली पर्वतमाला में कई धातु एवं अधातु खनिज पाए जाते हैं जैसे झुंझुनू में स्थित खेतड़ी-सिंघाना में कॉपर की खान। जयपुर क्षेत्र में लोहे पाए जाते हैं। चूना पत्थर, बलुआ पत्थर तथा संगमरमर की प्राप्ति भी क्षेत्र से होती है। संगमरमर की प्राप्ति के लिए मकराना क्षेत्र प्रसिद्ध है। मकराना से निकले हुए संगमरमर से ही ताजमहल और कोलकाता में स्थित विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण हुआ है। अरावली में खनिजों की प्रचुरता के कारण इसे “खनिजों की आजायबघर” कहा जाता है।
Important Facts On Aravali
👊 सांभर झील चारों तरफ से अरावली की पहाड़ी से गरी हुई है।
👊 उदयपुर के पास इस पहाड़ी को जरगा पहाड़ीयां, कुंभलगढ़ तथा गोगुंडा में इसे हर्षनाद की पहाड़ियां, तथा दिल्ली में इसे दिल्ली कटक के नाम से जाना जाता है।
👊 अरावली पर्वतमाला में स्थित दर्रो को “नाल” कहा जाता है।
Aravali Mountain Range
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