Brahmputra Drainage System

ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली विस्तृत अध्ययन| Brahmputra Drainage System

India Geography

ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली

Brahmputra Drainage System

Origin of Brahmaputra river

सिंधु और सतलज की तरह ब्रह्मपुत्र नदी भी एक पूर्ववर्ती नदी का उदाहरण है जिसका प्रवाह हिमालय के निर्माण के पहले से ही है।ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थल तिब्बत (चीन) में स्थित मानसरोवर झील के समीप चेमा युंगदुंग (कैलाश श्रेणी) हिमानी से होती है। इसकी कुल लंबाई 2900 किमी है। यह भारत में 916 किमी की दूरी तय करती है। यह नदी चीन भारत और बांग्लादेश 3 देशों से होकर गुजरती है। इसका सबसे ज्यादा प्रवाह चीन में है। भारत में यह अरुणाचल प्रदेश और असम राज्य से होकर गुजरती है फिर यह बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। यह बांग्लादेश में सुंदरवन का डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। यह दुनिया की 9वी सबसे बड़ी नदी है तथा यह दुनिया की सब 15वीं सबसे लंबी नदी है।

Note:- उत्तर में हिमालय पर्वतमाला का विस्तार पश्चिम में स्थित नंगा पर्वत से पूर्व में स्थित नामचाबरवा पर्वत तक है। सिंधु और ब्रह्मपुत्र दोनों हिमालय के समानांतर बहती है तथा नंगा पर्वत के पास सिंधु नदी दक्षिण की तरफ मुड़ जाती है वही नामचाबरवा पर्वत के पास यांगयाप दर्रे के सहारे ब्रह्मपुत्र नदी दक्षिण-पश्चिम की तरफ मुड़ जाती है।

ब्रह्मपुत्र का अपवाह क्षेत्र

ब्रह्मपुत्र नदी का अपवाह क्षेत्र भूटान, चीन, भारत और बांग्लादेश में फैला हुआ है। भूटान से निकलने वाली कई नदियां ब्रह्मपुत्र नदी में आकर मिलती है। ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश में दिहांग गार्ज निर्माण करती है वहीं यह नामचाबरवा पर्वत के पास सांगपो कैनियन का निर्माण करती है। ब्रह्मपुत्र नदी मार्ग बदलने के लिए जानी जाती है जिस वजह से असम में यह बहुत बाढ़ लाती है।

माजुली नदी द्वीप

विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी के द्वारा असम में बनाया जाता है जिसका नाम माजुली है। ब्रह्मपुत्र नदी बहुत तेज प्रवाह से भारत में प्रवेश करती है जिस कारण ब्रह्मपुत्र नदी गुम्फित अपवाह के साथ बहती है। अर्थात तेज धारा के कारण ब्रह्मपुत्र कई शाखाओं में वितरित हो जाती है और पुनः कुछ दूरी के बाद ब्रह्मपुत्र नदी में ही वह शाखा मिल जाती है। जिस कारण कई नदी द्वीपों का निर्माण होता है। इसी तरह के द्वीपों में सबसे बड़ा द्वीप माजुली द्वीप है। ब्रह्मपुत्र की धारा “खेरखुटिया खूटी” के द्वारा माजुली द्वीप का निर्माण हुआ है। यह भारत का पहला द्वीप है जिसे जिला बनाया गया है। माजुली को असम की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। माजुली में चावल की प्रचुर मात्रा में खेती होती है। इसका नाम गिनीज रिकॉर्ड बुक में दर्ज है।

ब्रह्मपुत्र नदी के अन्य नाम

तिब्बत – त्सांग पो

चीन – यारलूंग त्सांग पो

अरुणाचल प्रदेश – दिहांग/सियांग

असम – ब्रह्मपुत्र (असम में ब्रह्मपुत्र नदी सादिया से धुबरी तक बहती है, उसके बाद बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। इसी बीच यह ब्रह्मपुत्र नदी नाम से जाना जाता है)। ब्रह्मपुत्र नदी सादिया से लेकर धुबरी तक Ramp Valley में बहती है। ब्रह्मपुत्र नदी में ही राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या- 2 स्थित है जो सादिया से धुबरी तक 891 किमी जाती है।

बांग्लादेश – जमुना (बांग्लादेश में जब तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र से मिल जाती है तब इसका नाम जमुना हो जाता है)

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे शहर

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे कई शहर बसे हैं जैसे लहासा, सादिया, पासीघाट, डिब्रूगढ़, जोरहट, तेजपुर, गुवाहाटी, धुबरी, सोकोआ घाट बसा है। बांग्लादेश के मेमनसिंह नगर ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा हुआ शहर है।

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां

दिबांग नदी (Dibang River)

यह नदी मिशमी पहाड़ी से निकलती है और सादिया के निकट (पासीघाट) में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। इस नदी का प्रवाह अरुणाचल प्रदेश और असम में मिलता है। इस नदी के ब्रह्मपुत्र नदी में मिलने के बाद ही दिबांग नदी का नाम ब्रह्मपुत्र पड़ता है। इस नदी पर अरुणाचल प्रदेश में दिबांग बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजना निर्माणाधीन है।

Note:- दिबांग घाटी अरुणाचल प्रदेश का एक जिला है जो भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है।

लोहित नदी (Lohit River)

यह नदी पूर्वी तिब्बत के जयाल छू पर्वत से निकलती है। भारत में इसका प्रवाह अरुणाचल प्रदेश और असम में है। यह नदी बहुत तेज रफ्तार एवं उफान के साथ सादिया के पास सियांग नदी (ब्रह्मपुत्र नदी) में मिल जाती है। यह नदी मिशमी पहाड़ी से होकर गुजरती है जहां की जनजातियां इसे तेल्लू नाम से बुलाती है। इसे खूनी की नदी भी कहा जाता है, यह नाम इस नदी के पानी में मिली हुई लाल लेटराइट मिट्टी के वजह से पड़ा है। परशुराम कुंड नामक तीर्थ स्थान लोहित नदी में ही अवस्थित है। इस नदी का उपयोग रिवर राफ्टिंग के लिए किया जाता है।

भूपेन हजारीका पुल

ब्रिज भारत की सबसे लंबी सड़क ब्रिज जिसे ढोला सदिया ब्रिज कहा जाता है वह लोहित नदी पर ही अवस्थित है। यह ब्रिज अरुणाचल प्रदेश एवं असम को जोड़ती है।

बोगीबिल ब्रिज

यह ब्रिज असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाया गया है। इस पर रेल पथ तथा सड़क पर दोनों बने हुए हैं। यह पुल असम के धेमाजी जिला और डिब्रूगढ़ जिला को जोड़ता है। यह 4.94 किमी लंबा है। यह भारत का सबसे लंबा तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-रोड सेतू है।

बूढ़ी दिहांग

यह नदी अरुणाचल प्रदेश के पटकाई बूम पहाड़ी से निकलती है। दिहिंगमुख (असम) में यह ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है।

धनसिरी नदी (Dhansiri River)

यह नदी नागालैंड के लेसांग पहाड़ से निकलती है तथा ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। इंटाकी राष्ट्रीय उद्यान इसी नदी के तट पर अवस्थित है। इस नदी यह नदी कार्बी आंगलोंग पठार को नागालैंड से अलग करती है। इस नदी का प्रवाह नागालैंड और असम में मिलता है। धनसिरि और कोपीली नदी के कटाव ने मिकिर पहाड़ी को प्रायद्वीपीय पठार से अलग कर दिया है। दोयांग नदी इसकी प्रमुख सहायक नदी है।

Note:- दोयांगनदी नागालैंड की सबसे लंबी और सबसे बड़ी नदी है। नागालैंड में एकमात्र बांध दोयांग बांध इसी नदी पर ही अवस्थित है।

Note:- नागालैंड से एक और नदी मेलेक नदी आकर ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है।

बराक नदी (Barak River)

900 किलोमीटर की यह नदी मणिपुर से निकलती है तथा नागालैंड मिजोरम और असम होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। यह नदी बांग्लादेश में प्रवेश के दौरान दो भागों में बांट जाती है एक भाग को सुरमा नदी तथा दूसरे भाग को कुशियार नदी कहा जाता है। पुनः दोनो नदी किशोरगंज में आपस में मिल जाती है तथा आगे मेघना नाम से बहती है।राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 6 इसी नदी पर बनाया गया है जो लखीमपुर से भंगा तक है। बांग्लादेश में इसे प्रारम्भ में सुरमा नदी तथा बाद में इसे मेघना नदी कहा जाता है। इस नदी के मिलने के बाद ही पदमा और जमुना की संयुक्त धारा को मेघना कहा जाता है। और यह तीनों संयुक्त धारा बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। यह नदी कैची मोड बनाती हुई गुजरती है।

Note:- त्रिपुरा से निकलने वाली गुमटी नदी जाकर मेघना नदी (बराक नदी) में मिल जाती है। इसी नदी पर भारत-बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग बनाया गया है।

कोपिली नदी (Kopili River)

यह नदी मेघालय से निकलकर असम में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। इस नदी के किनारे प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर स्थित है। असम में कोपिली जल विद्युत परियोजना इसी नदी पर अवस्थित है।

सुबनसिरी नदी (Subansiri River

यह तिब्बत के पठार से निकलकर असम के लखीमपुर जिला में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। यह मिरी पहाड़ीयों के सहारे भारत में प्रवेश करती है। यह ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है। इसका प्रवाह असम और अरुणाचल प्रदेश में है। लोअर सुबनसिरी बहुद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना अरुणाचल प्रदेश और असम के सीमा पर निर्माणाधीन है।

Note:- अरुणाचल प्रदेश के दो जिले ऊपरी सुबनसिरी और निचली सुबनसिरी का नाम इस नदी के नाम से रखा गया है।

रंगा नदी

यह नदी अरुणाचल प्रदेश से निकलती है। यह नदी डफला और मिरी पर्वत श्रेणी के बीच से गुजरती है तथा माजुली द्वीप के पास ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है।

कामेंग नदी (Kameng River)

यह नदी तिब्बत और अरुणाचल के सीमा पर स्थित तवांग (अरुणाचल प्रदेश) से निकलकर तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। इसे अरुणाचल प्रदेश में कामेंग और असम में जिया-भरेली नाम से जाना जाता है। पखुई बाघ अभ्यारण तथा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कामेंग नदी क्षेत्र में अवस्थित है। यह नदी आका और डफला पर्वत श्रेणी के बीच से होकर गुजरती है।

Note:-अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी कामेंग और पश्चिम कामेंग जिला का नाम इसी नदी के नाम पर रखा गया है।

रायडक नदी

यह नदी भूटान, भारत और बांग्लादेश में बहती है। भूटान में इस नदी का नाम “वांग चू” है। पश्चिम बंगाल का शहर अलीपुरद्वार इसी नदी के किनारे अवस्थित है। भूटान की राजधानी थिम्पू इसी नदी के तट पर अवस्थित है। चूखा जल विद्युत परियोजना तथा ताला जल विद्युत परियोजना किस नदी पर भारत के सहयोग से बनाया गया है।

मानस नदी (Manas River)

यह नदी भूटान से निकलकर जोगीघोपा में ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। भारत में यह नदी अरुणाचल प्रदेश और असम राज्य से होकर गुजरती है। इस नदी के किनारे भूटान में रॉयल मानस नेशनल पार्क तथा असम में मानस नेशनल पार्क अवस्थित है।

संकोश नदी (Sankosh River)

इस नदी को गदाधर नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी भूटान की सबसे बड़ी नदी है। यह असम और पश्चिम बंगाल की सीमा बना कर बहती है। यह नदी भूटान से निकलकर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। भारत और भूटान की संयुक्त जल विद्युत परियोजना संकोश नदी पर बनाया है।

तीस्ता नदी (Tista River)

यह नदी चोलामू और गुरूडोंगमर झील से निकलती है तथा फुलचोरी (बांग्लादेश) में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। यह सिक्किम की सबसे बड़ी नदी है। भारत में यह नदी सिक्किम और पश्चिम बंगाल में बहती है। कालिमपोंग शहर इसी नदी के किनारे हैं। पहले यह नदी पद्मा नदी (गंगा नदी) से मिलती थी लेकिन 1787 में इसका मार्ग बदल गया और अब यह जमुना नदी (ब्रह्मपुत्र) से मिलती है। रंगीत नदी तथा रेंग्पो नदी तीस्ता की प्रमुख सहायक नदी है। रंगीत बांध सिक्किम में रंगीत नदी पर है। तीस्ता नदी के मिलने के बाद ही ब्रह्मपुत्र नदी का नाम जमुना पड़ता है। जलपाईगुड़ी शहर तीस्ता नदी के तट पर अवस्थित है।

Note:- तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर भारत और बांग्लादेश में जल विवाद है।

अन्य नदियां

उपरोक्त नदियों के अलावा भी कई अन्य छोटी-छटी नदियां ब्रह्मपुत्र नदी पर मिलती है जैसे: – कलादान नदी, मंगरा नदी, पगलादिया नदी, जिया भरेली नदी, पिथुमारी नदी, पोरसा नदी कोलांग नदी, चंपामती नदी, सरलभंगा नदी, दिसंग नदी, दिखी नदी।

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सुंदरवन डेल्टा (Sundarvan Delta)

सुंदरवन डेल्टा का निर्माण पदमा जमुना और मेघना नदी के मुहाने पर होता है। जब यह तीनों नदी मेघना नाम से बंगाल की खाड़ी में गिरती है तब यह सुंदरवन की डेल्टा बनाती है। सुंदरवन का डेल्टा का विस्तार हुगली नदी से बालेश्वर नदी (खुलना, बांग्लादेश) तक है। यह विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है। यहां सुंदरी वृक्ष (Mangrove) पाया जाता है जो खारे पानी में पैदा होता है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन भी है। यह एक दलदली क्षेत्र है जहां बंगाल टाइगर का निवास स्थान है। बंगाल का उत्तरी एवं दक्षिणी 24 परगना जिला इस डेल्टा के क्षेत्र में आता है।

Note:- विश्व में पाए जाने वाली आर्द्रभूमियों को पृथ्वी का किडनी कहा जाता है वही अमेज़न वर्षा वन क्षेत्र को पृथ्वी का फेफड़ा कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी का 20% ऑक्सीजन की उत्पत्ति यहीं से होती है।

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Damodar River System Video

https://youtu.be/ArAndQxJb-Q

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