भारत के शास्त्रीय नृत्य
Classical Dance Of India
शास्त्रीय नृत्य भारत में कुल 8 नृत्य को शास्त्रीय नृत्य का दर्जा दिया गया है। वह है भारतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, कुचिपुड़ी, कथकली ओडीसी, कत्थक, सत्रीया और मणिपुरी।
शास्त्रीय नीतियों में तांडव (शिव) और लास्य (पार्वती) भाव परिलक्षित होते हैं विभिन्न शास्त्रीय नृत्य के भाव निम्नलिखित है: –
शास्त्रीय नृत्य | परिलक्षित भाव |
मोहिनीअट्टम | लास्य भाव |
भारतनाट्यम | लास्य भाव |
ओडिसी | लास्य भाव |
कुचिपुड़ी | लास्य भाव |
भारतनाट्यम | लास्य भाव |
सत्त्रिया | लास्य भाव |
कथकली | तांडव भाव |
कत्थक | तांडव -लास्य |
भारतनाट्यम (Bharatnatyam)
इस नृत्य का विकास तमिलनाडु में हुआ। तमिलनाडु केयर कार्ड जिला के चिदंबरम नगर में भारतनाट्यम का जन्म हुआ था। भरतमुनि इसके आदि आचार्य माने जाते हैं। यह एक एकल स्त्री प्रधान नृत्य है। इस नृत्य के दौरान कविता पाठ करने वाले व्यक्ति को “नडन्नवार” कहा जाता है। भारतनाट्यम में तीन पणी (घराने) विद्यमान है तंजोर कांचीपुरम और पंडनलुण।
प्रसिध्द कलाकार:- लीला सैमसन, यामिनी कृष्णमूर्ति, वैजयंती माला मालविका सराभाई, मृणालिनी साराभाई, टी वाला सरस्वती, पद्मा सुब्रमण्यम, प्रियदर्शनी गोविन्द, रुक्मिणी देवी अरुंडेल, सोनल मानसिंह।
मोहिनीअट्टम (Mohiniattam)
एक शास्त्रीय नृत्य है। यह एक एकल महिला नृत्य है। इस नृत्य में कथकली और भारतनाट्यम का मिश्रण पाया जाता है।
प्रसिध्द कलाकार: – भारतीय शिवाजी, कल्याणी अम्मा, रागिनी देवी, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, गीता नायक, शांताराम, तारा निडीगाडी।
कुचिपुड़ी (Kuchipudi)
कुचिपुड़ी नृत्य का विकास आंध्र प्रदेश के कुचिपुड़ी गांव से हुआ है। इस नृत्य को स्त्री और पुरुष मिलकर करते हैं। इस नृत्य के दौरान कृष्ण लीला की प्रस्तुति की जाती है। इस नृत्य में मटके को सर में रखकर पीतल की थाली के ऊपर नृत्य का प्रचलन है।
प्रसिध्द कलाकार :- यामिनी कृष्णमूर्ति लक्ष्मी नारायण शास्त्री, स्वप्न सुंदरी, वेदांतम सत्यनारायण, वैंपति चेनासत्यम, राजा रेड्डी, कौशल्या रेड्डी, राधा रेड्डी, भावना रेड्डी।
कथकली (Kathkali)
यह दक्षिण केरला की एक प्रसिद्ध नृत्य है। यह एक पुरुष प्रधान नृत्य है जिसमें मुखौटा का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक मौका भी नहीं नित्य है जिसमें हाथ के इशारे तथा चेहरे के भाव से प्रस्तुति किया जाता है।
प्रसिद्ध कलाकार:- मुकुंदराज शिवरामन कोप्पन नायर, गोपीनाथ कृष्णा, बल्लतोल नारायण मैनन उदय शंकर, कृष्णा नायर, शांताराव, मृणालिनी साराभाई, आनंद शिवरामन, कृष्णन कुट्टी।
ओडीसी (Odisi)
यह शास्त्रीय नृत्य उड़ीसा में प्रचलित है। इस नृत्य का उल्लेख कोणार्क के सूर्य मंदिर के अभिलेख में मिलता है। यह नृत्य त्रिभंगी मुद्रा में किया जाता है।
प्रसिद्ध कलाकार: – संयुक्ता पाणिग्रही, सोनल मानसिंह, किरण सहगल, माधवी मुद्गल, केलुचरण महापात्र, मोहन महापात्र, पंकज चरणदास, हरेकृष्ण बेहरा, मायाधर रावत, कालीचरण पटनायक इंद्राणी रहमान, शेरोन लोवेन (USA) मिरता बारवि (अर्जेंटीना)।
Trick – 1) उड़ीसा में प्रचलित टाइटल (महापात्रा, पटनायक, राउत, पाणिग्रही, बेहरा) से कुछ कलाकारों का नाम याद रह जाएगा जैसे केलुचरण महापात्र मोहन महापात्र हरे मायाधर रावत कालीचरण पटनायक संयुक्ता पाणिग्रही।
महापात्र – केलुचरण महापात्र, मोहन महापात्र, सुजाता महापात्र, लक्ष्मीप्रिया महापात्र
बेहरा – हरेकृष्णा बेहरा
राउत – मायाधर राउत
पटनायक – कालीचरण पटनायक
पाणिग्रही- संयुक्ता पाणिग्रही
मोहंती – कुमकुम मोहंती
प्रधान – गंगाधर प्रधान
माहलीक – गीता माहलिक
विश्वास -शर्मिला विश्वास
चरण – पंकज चरण दास, दुर्गा चरण रणवीर
मुद्गल/सहगल -माधवी मुद्गल, किरण सहगल
सोनल मानसिंह – pioneer in both Odisi & Bharatnatyyam
इंद्राणी रहमान
कत्थक
कत्थक शास्त्रीय नृत्य पूरे उत्तर भारत में प्रचलित है। मुख्यतः यह नृत्य उत्तर प्रदेश में किया जाता है। इस नृत्य को चार घराना में बांटा गया है: – जयपुर घराना, लखनऊ घराना, रायगढ़ घराना और बनारस घराना।
प्रसिध्द कलाकार
जयपुर घराना- शोभना नारायण
रायगढ़ घराना – कार्तिक राम, पंडित रामलाल
लखनऊ घराना- लच्छू महाराज, बिरजू महाराज
बनारस घराना – सितारा देवी
सत्रीया (Sattria)
यह भारत की सबसे नवीनतम शास्त्रीय नृत्य है। यह नृत्य असम में प्रचलित है। इसे 15 नवंबर 2000 को संगीत अकादमी द्वारा शास्त्रीय नृत्य का दर्जा दिया गया। इस नृत्य का संस्थापक महान संत शंकरदेव को माना जाता है। इस नृत्य में कई विधाएं प्रचलित है जैसे दशावतार नृत्य चाली नृत्य, अप्सरा नृत्य, रास नृत्य।
प्रसिद्ध कलाकार – भयन मोटकर, परमानंद बोरबायन, जतिन गोस्वामी, कृष्णाक्षी कश्यप, रामकृष्ण तालुकदार ।
मणिपुरी (Manipuri)
यह नृत्य मणिपुर में प्रचलित है। इस नीति का मुख्य विषय रासलीला होता है।
प्रसिध्द कलाकार – गुरु अमली सिंह, आतंब सिंह, चारु माथुर, सोनरिक सिंह, गोपाल सिंह, बिंबावती, गुरु विपिन सिंह, गुरू नलकुमार, दिलेश्वर मुखर्जी, कलावती देवी, भीमावती देवी, रीता देवी और झावेरी बहने (दर्शना, नैना सुवर्णा, रंजना)।
Trick:- गनी चाचा का आंगन कब से सुना था अब झावेरी बहने मणिपुरी नृत्य करती है।
ग – गंभीनी देवी
नी -नीलेश्वर मुखर्जी
चा -चारु माथुर
चा – चालिया देवयानी
आं – आतंब सिंह
ग – गोपाल सिंह
न – नल कुमार सिंह
क -कलावती देवी
ब -बिंबावती देवी
से -सिंहजीत सिंह
सु – सुनरिक सिंह
ना – निर्मला सिंह
अ – अमली सिंह
ब – बिपिन सिंह
झावेरी बहने मणिपुरी नृत्य करती है – झावेरी (दर्शना, नैना सुवर्णा, रंजना झावेरी)
Classical Dance Of India
अरब सागर में गिरने वाली नदियां