खोरठा स्वर वर्ण

खोरठा स्वर वर्ण | Khortha Vowel

JPSC/JSSC खोरठा

Khortha Swar Varn

खोरठा स्वर वर्ण

देवनागरी के स्वर वर्ण

अ, आ, इ ई, उ, ऊ, ए, ऐ,ओ, औ, ऋ अं, अ:

देवनागरी के 13 स्वर वर्ण में से खोरठा में सिर्फ 8 स्वर वर्ण का प्रयोग होता है और 5 (ऐ, औ, ऋ अं, अ:) का प्रयोग नहीं होता है।

खोरठा में कुल 8 स्वर वर्ण होते है।

अ, आ, इ ई, उ, ऊ ए, ओ

Note:- ऋ, ऐ और औ का उपयोग खोरठा में कही भी नही होता।

खोरठा स्वर के प्रकार- खोरठा स्वर के दो प्रकार के होते है- मूल स्वर और संयुक्त स्वर। कुल मूल स्वर 6 तथा संयुक्त स्वर 2 है। मूल स्वर के दो भेद है ह्रस्व और दीर्घ।

ह्रस्व स्वर- खोरठा में सिर्फ़ 3 ह्रस्व स्वर होते है:- अ, इ और उ

दीर्घ स्वर- खोरठा में 3 दीर्घ स्वर होते है:- आ, ई, ऊ

संयुक्त स्वर- जो स्वर ह्रस्व और दीर्घ दोनो के रूप में प्रयुक्त होता है उसे संयुक्त स्वर कहा जाता है। संयुक्त स्वर दो है:- ए और ओ।

स्वर के नियम

◆ ई और ऊ कभी भी शब्दो के साथ जोड़कर नही लिखा जाता है जैसे ऊपर, मकई लिखना गलत है। इसके जगह उपर और मकइ लिखे। ई और ऊ को खोरठा में हमेशा स्वतंत्र रूप से तथा दिशासूचक (निकटवर्ती के लिये ‘ई’ तथा दूरवर्ती के लिये ‘ऊ’) सर्वनाम के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।

जैसे:- ई चीज के किन, ऊ तोर दीदी हकउ

★ खोरठा में “ऐ” के स्थान पर “अइ” का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- ऐनक- अइनक, पैसा-पइसा, मैदा-मइदा, खैर-खइर, थैला-थइला।

★ खोरठा में “औ” के स्थान पर “अउ” का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- औरत-अउरत, कैलाश- कइलास, मौजा-मउजा, औजार-अउजार, कैसा-कइसा, जौ-जउ।

★ “ऋ” के स्थान पर “री/रि” का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- ऋषि- रिसि, ऋण – रिन, ऋतु- रितु।

★ विसर्ग (:) का प्रयोग खोरठा में नही होता है। खोरठा में विसर्ग को हटा लिया जाता है। जैसे:- दुःख-दुख, निःसंदेह-निसनदेह, छः-छ।

महत्वपूर्ण तथ्य

💊 खोरठा में ध्वनि को “साड़ा” कहा जाता है।

💊 खोरठा शिष्ट साहित्य के शुरुआत में अवग्रह (ऽ) का प्रयोग किया जाता था जो अब बंद हो चुका है जैसे गेलऽ हलय। अब मूल क्रिया और सहायक क्रिया के बीच में हाईफन (-) का प्रयोग कर या मूल क्रिया में “ओ” कार डालकर सही रूप बनाया जाता है। जैसे:-गेल-हलय/गेलो हलय

💊 अनुस्वार तथा चंद्र बिंदु का व्यवहार खोरठा में हिंदी जैसा ही होता है। जैसे:- मंतर, आँइख। खोरठा में अर्धचद्र का व्यवहार नहीं होता है।

💊 इ तथा उ का प्रयोग खोरठा में मध्यस्वरागम (Epenthisis)के रूप में बहुत ज्यादा होता है जैसे:- आँइख, बुइध, मउध।

💊 उच्चारण

अ, आ – कंठ

इ, ई – तालू

उ, ऊ – होंठ (ठोर)

ए – कंठ-तालू

ओ – कंठ

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