खोरठा के प्रसिद्ध कवि | famous writers of khortha

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Famous Khortha Writer

खोरठा के प्रसिध्द कवि

दलेल सिंह

ये रामगढ़ राज्य के राजा थे। इन्होंने अपने पिता रामसिंह के नाम पर रामगढ़ किले का निर्माण कराया था। इसे खोरठा के प्रथम कवि कहा जाता हैं। इनके द्वारा लिखित उपन्यास “शिवसागर” को खोरठा का प्रथम काव्य-ग्रंथ कहा जाता हैं। राम रसावन, गोविंद लीलामृत, राजा रहस्य इसकी अन्य रचनाएँ है।

रुद्र सिंह (रुद्र प्रताप)

ये दलेल सिंह के बेटे थे। इसने राजकाज में ज्यादा रुचि नही ली और वृंदावन जाके संन्यासी बने। खोरठा भाषा में “ज्ञान सुधाकर” इसकी प्रमुख रचना है।

पद्मदास

ये राजा दलेल सिंह के दरबारी कवि थे। इन्होंने दलेल सिंह के इच्छानुसार उसके पुत्र के लिए “हितोपदेश” की रचना खोरठा भाषा में की। इन्होंने खोरठा का पहला रीतिकाव्य “काव्य मंजरी” की भी स्थापना की।

तितकी राय

इसकी कोई रचना नही है किंतु इन्होंने खोरठा में कई प्रसिद्ध गीत बनाए थे। इन गीतों को संग्रहित करके सिराजुद्दीन अंसारी ने “खोरठा के खूंटा तितकी राय” नामक शीर्षक से एक किताब प्रकाशित करवाया।

शमशुद्दीन अंसारी

इनका उपनाम सिराज है। इनका जन्म बोकारो जिला के माराफारी में 21 जनवरी 1947 में हुआ था। इन्होंने “खोरठा के खूंटा तितकी राय” तथा झारखंडेक एना (निबंध) की रचना की। इन्हें 2006 में बोकारो सामाजिक कार्यकर्ता सम्मान मिला था। इन्हें 2017 में अखरा सम्मान दिया गया।

जनार्दन गोस्वामी

इसका उपनाम “व्यथित” है। इनका जन्म बोकारो जिला के माराफारी में 1963 को हुआ था। इनके पिता का नाम पूनम गोस्वामी था। इन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की थी। इन्हीं श्रीनिवास पानूरी सम्मान से सम्मानित किया गया है। इनकी प्रमुख रचनाएं है:- माराफारी (खंडकाव्य), हिलोर (कविता संग्रह), चांदी की जूता (हास्य व्यंगय), सेवातिक बृंद (कविता संग्रह), खटरस (कहानी संग्रह), लोरे (कविता संग्रह)।

डॉ आनंद किशोर दांगी

इनका जन्म चतरा जिला के गिद्धौर में हुआ था। इनके माता का नाम यशोदा देवी तथा पिता का नाम गोविंद दांगी था। इन्हें 2020 में जयशंकर प्रसाद स्मृति सम्मान दिया गया है। इनकी प्रमुख रचनाएं है:- साठोत्तरी खोरठा (पद्य साहित्य), इंजोरिया (कविता संग्रह), माटीक गंध (लोकगीत संग्रह), झरोखा (कविता संग्रह), खोरठा कवियों का काव्यगत परिचय, खोरठा भाषाक सामान्य परिचय, खोरठा व्याकरण और रचना। इसके अलावा इनकी प्रमुख कविताएं है: – माय माटीक भासा खोरठा, झारखंडक विद्यार्थी, आरो -आरो, बेटी, हउसला, मोबाइलेक झुनझुना।

✅ खोरठा के प्रसिध्द कवि ✅

खोरठा भाषा का उद्भव और विकास

https://youtu.be/WyzAUp6Mq9E

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