झारखंड आपदा प्रबंधन
Jharkhand Disaster Management
झारखण्ड खान दुर्घटना
Jharkhand Mines Disaster
झारखंड खनिज सम्पन्न राज्य होने के वजह से यहां खान आपदा भारत मे सबसे ज्यादा होती है।
झारखंड का खदानों का शहर धनबाद जिला में खान आपदा सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। (Jharkhad Disaster Management)
खान हादसा का मुख्य कारण
a) जहरीली गैसों का रिसाव( कार्बन मोनो ऑक्साइड)
b) विस्फोटक गैसों का रिसाव(हाइड्रोजन सल्फाइड, मिथेन, धूल)
c) खानों का ढहना
d) खान में पानी का रिसाव
e) खराब खनन उपकरण का इस्तेमाल
f) खनन प्रक्रिया में लापरवाही
झारखंड में घटित कुछ बड़े खान हादसे
चासनला खान दुर्घटना –
भारत के इतिहास में इसे सबसे बड़ी खान दुर्घटना माना गया है। यह दुर्घटना 27 दिसंबर 1975 को घटित हुआ जिसमे कुल 375 लोगो की मौत हुई। चासनला खान धनबाद जिला में BCCL के अंतर्गत आता है। इस दुर्घटना का कारण कोयला खदान में अचानक जलभराव था। खदान के ऊपर स्थित एक जलाशय का पानी खान के अंदर आ गया था। इस दुर्घटना के ऊपर “काला पत्थर” नाम का बॉलीवुड सिनेमा बन चुका है जिसमे अमिताभ और शशि कपूर मुख्य किरदार में थे।
ढोरी खान दुर्घटना
यह खान दुर्घटना धनबाद जिला के ढोरी कोयला खान में 1965 में हुआ था। इस दुर्घटना का कारण विस्फोट से लगी आग मथा। इस दुर्घटना से 268 लोग मारे गए।
बागडिही खान दुर्घटना
यह खान दुर्घटना धनबाद जिला के झरिया स्थित बगडीही कोयला खान में 2001 में हुई जिसमें 29 श्रमिको की जान गई थी। दुर्घटना की मुख्य वजह खान में पानी का अचानक आ जाना था।
गजलीटांड खान दुर्घटना
यह खान दुर्घटना 1995 में गजलीटांड़ (कतरास, धनबाद) कोयला खान में हुआ था। इस दुर्घटना का मुख्य कारण कतरी नदी का पानी खान में घुस जाना था। इसमें 64 खान मजदूर की मृत्यु हुई।
लालमटिया खान दुर्घटना
यह दुर्घटना गोड्डा जिला स्थित लालमटिया कोयला खान में खान के छत धँसने के कारण 2016 में हुआ जिससे 20 श्रमिको की जान गई।
भाटडीह खान दुर्घटना
यह दुर्घटना 2006 में विस्फोट की वजह से धनबाद जिला के महुदा क्षेत्र स्थित भाटडीह के नागदा भूमिगत खान में हुआ था जिससे 50 लोगो की जान गई थी।
हुरिलाडीह खान दुर्घटना
यह दुर्घटना 1983 में हुई थी।
Note:- दुनिया मे सबसे बड़ा कोयला खान दुर्घटना फ्रांस (कोर्रीयर खान) में 1906 में हुआ जिसमे 1099 लोगो की जान गई थी।
NIDM के अंतर्गत झारखण्ड के जलवायु प्रदेश
NIDM ने पूरे भारत को 15 कृषि जलवायु प्रदेश में विभाजित किया है जिसमे से तीन (जोन 4, जोन 5 और जोन 6) झारखंड में पढ़ता है।
a) मध्य एवं उत्तरी पूर्वी पठारी प्रदेश (जोन-4) – सबसे ज्यादा क्षेत्रफल इसी जलवायु प्रदेश में आता है। इस प्रदेश के अंतर्गत।इस जलवायु प्रदेश की अंतर्गत सम्पूर्ण संताल परगना, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो,चतरा, हज़ारीबाग, रामगढ़, राँची और कोडरमा आता है।
b) मध्य एवं पश्चिमी पठारी प्रदेश (जोन-5) – इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत पलामू, गढ़वा, लातेहार, लोहारदग्गा, सिमडेगा पलामू और खूँटी आता है।
c) दक्षिण पूर्वी पठारी प्रदेश (जोन-6) – सबसे कम क्षेत्रफल इसी जलवायु प्रदेश में आता है। इस जलवायु प्रदेश की अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां आता है।
Jharkhand Disaster Management Video Part-1
Jharkhand Disaster Management Video Part-2
Jharkhand Disaster Management Video Part-3
Jharkhand Disaster Management Video Part-4
Jharkhand Disaster Management Video Part-5
Jharkhand Disaster Management Video Part-6
Good sir
🙏
*टाइपिंग की त्रुटि – कोरियर्स माइनिंग दुर्घटना(1906) में 1099 मजदूरों की जान गई थी, न कि 11099
* साथ ही सबसे बड़ी खान दुर्घटना चीन के बेंक्सीहु कोलियरी (1942) को माना जाता है।
Very good observation