Famous Sportsman Of Jharkhand

झारखंड के खेल विभूति | Famous Sportsman Of Jharkhand

झारखंड के विभूति

झारखंड के प्रसिद्ध खिलाड़ी

Famous Sportsman Of Jharkhand

Hockey Players Of Jharkhand

Sylvanus Dungdung

ये झारखंड से भारत के महान हॉकी खिलाड़ी रहे है। इसे झारखंड का “आयरन मैन” कहा जाता है। 2016 में इसे “ध्यानचंद पुरस्कार” मिला। 1980 के मास्को ओलंपिक में स्पेन को हराकर भारत ने हॉकी का गोल्ड मेडल जीता था इस टीम के सदस्य रहे है सिल्वेनुस डुंगडुंग। भारत ने हॉकी में अंतिम बार ओलंपिक गोल्ड मेडल 1980 में ही प्राप्त किया।

Micheal Kindo

ये झारखंड में जन्मे महान हॉकी खिलाड़ी थे,जिसने भारतीय जल सेना में सेवा भी दिया जहां इन्हे 1971 में Best Services Sportsman Award मिला। 1972 में “अर्जुन पुरस्कार” मिला, किसी भी आदिवासी खिलाड़ी द्वारा यह पुरस्कार पानेवाले प्रथम खिलाड़ी थे। ये 1972 के हुए म्यूनिख ओलंपिक में कास्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे। पहला हॉकी वर्ल्ड कप 1971 में हुआ जिसमे ये भारतीय टीम को तीसरा स्थान मिला था।

दूसरे हॉकी वर्ल्ड कप (1973, उपविजेता) और तीसरे वर्ल्ड कप 1975, विजेता में भी ये भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे। माइकल किंडो बाद में SAIL हॉकी टीम के कोच बने। राउरकेला और सिमडेगा क्षेत्र को हॉकी नर्सरी बनाने में इसका प्रमुख योगदान है।

Note :- पहला हॉकी world cup पाकिस्तान ने स्पेन को हराकर जीता था, बार्सिलोना (Spain) में। भारत ने पहला हॉकी वर्ल्ड कप 1975 में पाकिस्तान को हराकर जीता था मलेशिया के क्वालालमपुर में।

मनोहर टोपनो – ये 1984 के लांस एंजिल्स ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।

कांति बा – 2002 में मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम में ये स्वर्ण पदक विजेता भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य थी। ये सिमडेगा की है।

मसिरा सुरीन – 2002 में मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम में ये स्वर्ण पदक विजेता भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य थी।

सलीमा टेटे – सिमडेग की सलीमा टेटे 2021 में होने वाली टोकियो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य चुनी गई है। 2018 में हुए ब्यूनस आयर्स युथ ओलिंपिक में रजत पदक विजेता टीम की कप्तान थी। इसे एशिया हॉकी फेडरेशन ने 2 वर्ष 2023 से 2025 तक के लिए एशिया का एथलीट एंबेसडर बनाया है।

सुमराय टेटे

यह झारखंड से भारत महिला हॉकी टीम की सदस्य थी जब 2002 में भारत ने मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इस प्रतियोगिता में सुमराय टेटे के अलावा झारखंड से मसिरा सुरीन और कान्ति बा भी इस टीम की सदस्य थी। 2017 में इसे ध्यानचंद पुरस्कार प्रदान किया गया।

ये भारतीय महिला हॉकी टीम की कैप्टन भी बनी। 2006 मेलबर्न में आयोजित कॉमनवेल्थ हॉकी टीम की कैप्टन थी, जिसमे भारत को रजत पदक मिला। इसे झारखंड महिला हॉकी टीम का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। 2011 से 2014 तक टेटे भारतीय हॉकी महिला टीम की सहायक कोच भी रही

निक्की प्रधान

ये झारखण्ड की पहली महिला खिलाड़ी है जिसने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। और ये झारखंड की 6ठी खिलाड़ी है जिसने ओलंपिक (रियो ओलंपिक, 2016) में भारतीय टीम की तरफ से ओलंपिक में प्रतिनिधित्व किया।

इससे पहले जयपाल मुंडा (1928, एमस्टरडम), माइकल किंडो (1972, म्यूनिख), सिल्वेनुस डुंगडुंग (1980, मास्को), , मनोहर टोपनो (1984, लांस एंजिल्स) अजीत लकड़ा (1992, बार्सिलोना) ने ओलंपिक खेला है। ये खूँटी जिला की निवासी है।

गोपाल भेंगरा – ये 1978 में आयोजित हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के सदस्य थे। ये भारतीय सेना में थे। जब जीवन के आखरी समय मे गरीबी से घिर गए, तब सुनील गावस्कर की संस्था “champ” से इसे प्रतिमाह आर्थिक सहयोग मिलता था। हाल ही में इनका निधन हो गया।

हेलन सोय – ये भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की कप्तान रह चुकी है।

दयामनी सोय – यह झारखंड शेर भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी रह चुकी है।

Note:- पुष्पा प्रधान ने भारतीय U-14 हॉकी महिला टीम, हेलेन सोय ने जूनियर महिला टीम, सुमराय टेटे और अंसुता लकड़ा ने सीनियर महिला हॉकी टीम की कप्तानी की है।

पुष्पा प्रधान

खुंटी निवासी पुष्पा प्रधान झारखंड से भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रमुख खिलाड़ी रही है। 2004 में नई दिल्ली में आयोजित महिला हॉकी एशियाा कप स्वर्ण पदक विजेता टीम की ये सदस्य रही है। ये भारतीय U-14 महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रह चुकी है।

पुष्पा टोपनो – यह झारखंड शेर भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी रह चुकी है।

लकड़ा परिवार

बिमल लकड़ा, बीरेंद्र लकड़ा और असुंता लकड़ा तीन भाई बहन थे जो भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख सदस्य रहे। बड़े भाई बिमल लकड़ा 2002 के एशियन गेम के सिल्वर विजेता टीम के सदस्य थे। सुमराय टेटे के बाद असुंता लकड़ा झारखंड की दूसरी महिला हॉकी खिलाड़ी है जिसने भारतीय टीम की कप्तानी की।

जयपाल सिंह मुंडा – ये झारखंड के प्रसिद्ध हॉकी प्लेयर थे। इनके बारे में जानने के लिए यहाँ click करे।

झारखंड महिला हॉकी टीम (सीनियर) के सदस्य –अलबेला रानी टोप्पो, अलका डुंगडुंग, अल्फा केरकेट्टा, अनीमा मींज, अंजू केरकेट्टा, अंशु लकरा, बितान डुंगडुंग, विजन सोय, विनीता तिर्की, विद्या डुंगडुंग, कंचन निधि केरकेट्टा, कांति प्रधान, कुनुल भेंगरा, मरियम सोरेग, मुक्ता मुंडू, नीतू कुमारी, नील प्रोजीता माझी, नोमिता खालको, प्यारी मंजू टोपनो, रजनी सोरेंग, रीमा बक्सला, रेशमा सोरेंग, रोशनी डुंगडुंग, रूमाना खातून, सिमता मिंज, सुभाषी हेमब्रोम, सुप्रिया मुंडू, सुशीला लकड़ा, सुषमा कुमारी।

Famous Archerer Of Jharkhand

मंगल सिंह चंपिया

ये झारखंड के प्रसिद्ध तीरंदाज है जिसे 2009 में अर्जुन पुरस्कार मिला है। 2008 बीजिंग ओलंपिक में इन्होंने भाग लिया।

दीपिका कुमारी

ये झारखंड से विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त धनुर्धर है जिसे 2012 में अर्जुन पुरस्कार तथा 2016 में पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसका जन्म रांची जिला में हुआ था। दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ खेल 2010 में इन्होंने व्यक्तिगत रिकर्व प्रतियोगिता मैं स्वर्ण पदक हासिल किया। वहीं इसी प्रतियोगिता में महीला टीम रिकर्व प्रतियोगिता में मुंबईला देवी तथा डोला बनर्जी के साथ मिलकर स्वर्ण पदक जीती। ये numoto Scuderia कम्पनी की Brand Ambassador है।

पूर्णिमा महतो

ये झारखण्ड की पहली महिला खिलाड़ी जिसे द्रोणाचार्य पुरस्कार (2013) मिला। इन्होने 1998 कॉमनवेल्थ गेम में तीरंदाजी में रजत पदक जीती। 2008 ओलंपिक में भारतीय तीरंदाजी टीम की सहायक कोच और 2012 के ओलंपिक में मुख्य कोच बनाई गई।

झानो हांसदा

इस महिला तीरंदाज ने 2006 में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया था। तथा 2006 में ही विश्व आर्चरी प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था। दोहा एशियन गेम तथा 19वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।

कोमालिका बारी

झारखंड की यह प्रसिद्ध तीरंदाज ने 2021 में विश्व महिला प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक तथा इसी इवेंट में मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीता।

लक्ष्मीरानी माँझी

यह घाटशिला की प्रसिद्ध महिला तीरंदाज है जिन्होंने 2015 में हुए कोपेनहेगन विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीती। 2016 रियो ओलंपिक में क्वालीफाई भी की थी।

मधुमिता कुमारी

ये झारखंड की प्रसिद्ध महिला तीरंदाज है जिन्होंने 2018 जकार्ता एशियन गैम में रजत पदक हासिल की थी। यह रांची विश्वविद्यालय की ब्रांड एंबेसडर है।

अंकिता भगत

झारखंड की अंकिता भगत ने उन 40 में सीनियर नेशनल और चोरी चैंपियनशिप का खिताब जीता है।

रीना कुमारी

यह झारखंड की प्रसिद्ध तीरंदाज है जिन्होंने 2004 एथेंस ओलिंपिक में क्वालीफाई किया था।

डोला बनर्जी

ये मूलतः पश्चिम बंगाल की है जो टाटा आर्चरी क्लब से जुड़ी रही। 2010 कॉमनवेल्थगैम में कांस्य पदक हासिल की थी। इसी प्रतियोगिता में दीपिका कुमारी ने स्वर्ण पदक हासिल की थी। 2005 में इसे अर्जुन पुरस्कार मिला।

राहुल बनर्जी

ये प्रसिद्ध तीरंदाज डोला बनर्जी का भाई है जो टाटा आर्चरी क्लब से जुड़ा है। इसने 2010 कॉमनवेल्थ गैम में स्वर्ण पदक हासिल किया और कॉमनवेल्थ गैम में स्वर्ण हासिल करने वाले प्रथम भारतीय तीरंदाज बने। 2011 में इसे अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। इन्होंने 2009 में विश्व आर्चरी प्रतियोगिता में रजत पदक तथा एशियन गेम में स्वर्ण पदक हासिल किया।

जयंत तालकुदार

ये मूलतः असम के निवासी है, ये टाटा आर्चरी क्लब से जुड़े हुए है। 2006 में हुए विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। 2006 में इसे अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।

अतनु दास

ये मूलतः पश्चिम बंगाल का है जो टाटा आर्चरी क्लब से जुड़ा रहा। ये दीपिका कुमारी का पति है। 2021 में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में व्यक्तिगत और मिश्रित दोनो स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया।

रिमिल बिरुली

जमशेदपुर की प्रसिद्ध महिला तीरंदाज जिन्होंने 16th एशियन गैम, गवानझु (चीन) में कांस्य पदक विजेता महिला रिकर्व टीम की सदस्य थी।

शिरिन स्नेह

यह आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो की बेटी है जिसने 9 साल की उम्र में तिरुपति में आयोजित लेनिन वोल्गा मेमोरियल राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता मैं 2016 को दो स्वर्ण पदक जीती थी।

Famous Cricketer Of Jharkhand

झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन

झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना 15 नवंबर 2000 को की गई थी। झारखंड टीम ने पहला फर्स्ट क्लास मैच नवंबर, 2004 में सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी (2004-05) में माधव राव सिंधिया स्टेडियम, राजकोट में खेला जो मैच ड्रॉ रहा।

2021 में झारखंड टीम ने 422 रन बनाया था जो भारत का प्रथम श्रेणी ODI क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्कोर है। अभी झारखंड टीम के कप्तान सौरभ तिवारी तथा उप कप्तान विराट सिंह है।

अभी झारखंड क्रिकेट टीम के प्रमुख सदस्य

बल्लेबाज – सौरभ तिवारी, विराट सिंह, कुमार देवव्रत, इशांक जग्गी, कुमार सूरज, विकास विशाल,

ऑल राउंडर – उत्कर्ष सिंह, कौशल सिंह।

विकेटकीपर – नदीम सिद्दीकी कुमार कुशर्गा, पंकज कुमार

गेंदबाज – अनुकूल रॉय, शाहबाज नदीम, राहुल शुक्ला, सुशांत मिश्रा, आशीष कुमार, वरुण एरोन, बाल कृष्णा, विवेकानंद तिवारी, साहिल राज, विकास सिंह, शुभम कुमार सिंह और मोनू कुमार।

कोच – राजीव कुमार

महेंद्र सिंह धौनी – इसके बारे में जानकारी के लिए यहाँ click करे।

वरुण एरोन

झारखंड से भारतीय क्रिकेट टीम के ये दूसरे खिलाड़ी है। रणजी ट्राफी में ये झारखंड टीम का नेतृत्व कर चुके है। इस तेज गेंदबाज ने अपना पहला एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। आईपीएल में वरुण ऐरोन गुजरात टाइटंस की तरफ से खेले थे।

सौरव तिवारी

झारखंड से भारतीय क्रिकेट टीम के ये तीसरे खिलाड़ी है। 2008 के U-19 विश्वविजेता टीम के सदस्य रह चुके है। इसने अपना पहला अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

शाहबाज नदीम

ये अंतराष्ट्रीय क्रिकेट प्लेयर थे जिसने 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। 2018-19 कि विजय हजारे ट्राफी में हैटट्रिक साथ 8 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच रहे थे। IPL 2022 में ये लखनऊ सुपरजाइंट्स की तरफ से खेले।

इंशाक जग्गी – IPL मैं यह रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (2008), डेक्कन चार्जर्स (2011, 2012) और कोलकाता नाइट राइडर (2017, 2018) की तरफ से टीम के हिस्से रहे है।

नोट:- झारखंड ने 2010-11 में एकमात्र राष्ट्रीय स्तर की ट्रॉफी विजय हजारे ट्राफी, गुजरात को फाइनल में हराकर जीती है। यह मुकाबला होलकर क्रिकेट स्टेडियम, इंदौर में हुआ था। इस टूर्नामेंट में इशांक जग्गी ने सबसे ज्यादा रन बनाया था।

ईशान किशन

ये झारखंड टीम क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे। 2016 U-19 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। झारखंड की तरफ से एक मैच में सबसे ज्यादा रन किसी राष्ट्रीय टेस्ट मुकाबले में ईशान किशन का है (273 रन)। 2018-19 में विजय हज़ारे ट्राफी जो झारखंड ने जीता था, उसमें सबसे ज्यादा रन ईशान किशन का था (405 रन)। 2020 के IPL में मुम्बई इंडियन की तरफ से सबसे ज्यादा रन (516) बनाया था। इसी सीजन में सबसे ज्यादा छक्के मारने का कीर्तिमान किया था।

इन्होंने डेब्यू अंतराष्ट्रीय T20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 39 बॉल में 56 रन बनाया और मैन ऑफ दी मैच बना। 2021 में ही श्रीलंका के खिलाफ ODI डेब्यू मैच में 42 बॉल 59 रन बनाया था। ये विकेटकीपर है।

अनुकूल रॉय

ये झारखंड क्रिकेट टीम के प्रसिध्द बॉलर है। U-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में ये सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी है। ये IPL में Mumbai Indian की तरफ से खेलते है। 2022 में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से टीम के हिस्सा थे।

शुभलक्ष्मी शर्मा

हज़ारीबाग की शुभलक्ष्मी शर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेफ्ट आर्म्स बॉलर थी। इसने 2012 में पहला अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच वेस्ट इंडीज के साथ खेली। 2012 में ODI ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू की। एकलौता टेस्ट मैच 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली।

Famous Boxer Of Jharkhand

अरुणा मिश्रा

ये झारखंड के प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज है। 2004 और 2005 में इन्होंने एशियन गेम में गोल्ड मैडल हासिल किया। 2005 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और 2006 में कांस्य पदक हासिल किया। 34वें और 35वें राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक हासिल किया।

लक्ष्मी पाडिया

इस महिला मुक्केबाज ने 34वें राष्ट्रीय खेल में गोल्ड मैडल हासिल किया था।

दिवाकर प्रसाद

इस बॉक्सर ने 2009 में 56वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया था।

मिशन बेंजामिन लकड़ा

इस बॉक्सर ने 2009 में 56वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था। तथा 34वें राष्ट्रीय खेल 2011 में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

एंथ्रेन्स लकड़ा – यह ओलंपिक में हिस्सा ले चुका है।

सुषमा कुमारी यादव – 34 वें राष्ट्रीय खेल में सुषमा कुमारी यादव ने 56 किलोग्राम महिला बॉक्सिंग मुकाबले में स्वर्ण पदक हासिल की थी।

नीतू चहल – 34 वें राष्ट्रीय खेल में सुषमा कुमारी यादव ने 69 किलोग्राम महिला बॉक्सिंग मुकाबले में स्वर्ण पदक हासिल की थी।

प्रवीण कुमार – 34 वें राष्ट्रीय खेल में प्रवीण ने 91 किलोग्राम पुरुष बॉक्सिंग मुकाबले में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

स्वप्ना प्रिया नामेनानी – 34 वें राष्ट्रीय खेल में इसने सुपर हैवीवेट बॉक्सिंग मुकाबले में झारखंड को स्वर्ण पदक दिलाई थी।

Famous Football PlayersOf Jharkhand

प्रदीप कुमार बनर्जी – ये मूलतः बंगाल के थे और झारखंड के टाटा स्टील से जुड़े थे। ये भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे। इनके नेतृत्व में 1962 में भारत एशियन गैम में स्वर्ण पदक जीता था। इन्हें FIFA ने “शताब्दी आर्डर ऑफ मेरिट” पुरस्कार प्रदान किया था।

दीपक कुमार मंडल

नोआमुंडी के दीपक कुमार मंडल एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी है। इसे 2002 में All India Football Federation Award (AIFF Award) मिला था जो भारत मे फुटबॉल के क्षेत्र में सबसे बड़ा अवार्ड है। इन्हें 2010 में अर्जुन पुरस्कार मिला।

Note:- सबसे ज्यादा 6 बार IAFF अवार्ड सुनील क्षेत्री को मिल चुका है।

संजय बालमुचू

ये झारखंड से भारत के प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी है। Indian Super Leage में ये Mumbai City FC के तरफ से खेलते है। ये चर्चिल ब्रदर्स और मोहन बगान क्लब के तरफ से खेल चुके है।

लाल मोहन हांसदा

ये झारखंड के फॉरवर्ड फुटबॉल प्लेयर है। ये United Sports Club की तरफ से खेलते है।

सुधीर तिर्की – ये प्रसिद्ध को “छोटानागपुर का पेले” उपनाम से बुलाया जाता है।

सुमित्रा मरांडी

ये भारतीय महिला फुटबाल टीम की सदस्य रही है। 2014 में South Asian Football Federation Champianship में भारतीय महिला टीम की सदस्य थी।

अष्टम उरांव

यह Under -17 भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान रही है। इसे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।

U-17 FIFA WOMEN WORLD CUP का आयोजन 2022 में भारत में किया गया। इस प्रतियोगिता में भारतीय फुटबॉल टीम में झारखण्ड के 6 खिलाड़ी शामिल थी। अष्टम उराव इस टीम की कप्तान बनाई गईं। अन्य खिलाड़ी सुधा अंकिता तिर्की, अंजली मुंडा, अनीता कुमारी, नीतू लिंडा और पूर्णिमा कुमारी

अली इमाम, बेंजामिन बालमुचू, संतोष मिंज, अनिल भट्टाचार्य, अनिल बनर्जी, देवेश रंजन सेन, रोबिन राणा, सुबोध कुमार, बिगन सोय, रीता कुमारी

एथलेटिक्स

बिबिन मैथ्यू

ये झारखंड से प्रसिद्ध Field & Track Spinter है।तेहरान एशियान इनडोर चैंपियनशिप, 2010 में 400 मी दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया। इसी प्रतियोगिता के 4×400 रिले दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। 2010 के South-Asian Game के 400 मी दौड़ तथा1 4×400 मी रिले दौड़ दोनो में स्वर्ण पदक हासिल किया। 400 मीटर के दौड़ 47.81 सेकेंड में पूरा करने का इसका Indian Record है।

विजय नीलमणी खलको – ये विश्व के प्रथम अंतराष्ट्रीय आदिवासी एथलीट है।

पैदल चाल – 34वीं राष्ट्रीय खेल में गुरमीत सिंह ने 20 किलोमीटर पैदल चाल पुरूष प्रतियोगिता में झारखंड को स्वर्ण पदक दिलाया था वही 20 KM महिला पैदल चाल में एल दीपमाला देवी ने स्वर्ण पदक दिलाया था।

Famous Chess players Of Jharkhand

दीप सेनगुप्ता – चक्रधरपुर के दीप सेनगुप्ता 2010 में भारत के 22th ग्रांडमास्टर बने। ये झारखंड के पहले ग्रांडमास्टर है।

नीरज कुमार मिश्रा – झारखंड के नीरज कुमार मिश्रा 1991 में “अंतराष्ट्रीय मास्टर” बने। ये भारतीय शतरंज टीम के कोच भी रहे।

Famous Coach From Jharkhand

संजीव कुमार सिंह

ये एक प्रसिद्ध तीरंदाज है जिसने एशियन गैम में कांस्य पदक हासिल किया था। वर्तमान में ये Tata Football Academy & Sports के अध्यक्ष है। ये झारखंड से भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच रहे। इसके कोच के कार्यकाल में भारतीय तीरंदाजी ने कई पदक जीते। इन्हें 1992 में अर्जुन पुरस्कार और 2007 में द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया।

नरेंद्र सिंह सैनी – इन्हें 2013 में हॉकी कोच के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया गया।

धर्मेंद्र तिवारी – 2020 में टाटा अर्चरी तीरंदाजी अकैडमी के कोच धर्मेंद्र तिवारी को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नोट:- झारखंड से अब तक 4 कोच को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला है – पूर्णिमा महतो, संजीव कुमार सिंह,नरेंद्र सिंह सैनी और धर्मेंद्र तिवारी

जयदीप महतो – तीरंदाजी

काजल दास – क्रिकेट

शेखर बोस , जयदीप सरकार – वॉलीबॉल

आरिफ इमाम, सतनाम सिंह एथलेटिक्स

सुशील वर्मा – फुटबॉल

नरेंद्र सिंह, सिल्वेनास डुंगडुंग – हॉकी

पर्वतारोहण (Mountaineering)

झारखंड के प्रमुख पर्वतारोही का वर्णन नीचे दिया गया है:-

प्रेमलता अग्रवाल – ये झारखंड की पहली थी महिला जिसे पदम श्री सम्मान दिया गया। ये एक प्रसिद्ध पर्वतारोही है जो सातों महादेश के सर्वोच्च शिखर में पहुंची। ऐवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम झारखंडी यही है। ये भारत की दूसरी सर्वाधिक उम्र की महिला है जिसने ऐवरेस्ट पर चढ़ाई की (2011 में ,48 साल की उम्र में)। इनका ही रिकॉर्ड जम्मू कश्मीर की रहने वाली संगीता सिंधी बहल (53 वर्ष में) ने 2019 में तोड़ा। ये टाटा स्टील में कार्यरत है और यहीं इसने बछेंद्री पाल से प्रशिक्षण ली थी। इसे 2013 में पदम श्री अवार्ड दिया गया तथा 2017 में तेनजिंग नोर्वे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

प्रदीप चंद्र साहू और चेतना साहू –इसे “पहाड़ चढ़ो साहू” के उपनाम से बुलाया जाता है। 19 मई 2016 को इन्होंने अपनी धर्म-पत्नी चेतना साहू के साथ माउंट एवरेस्ट में चढ़ाई की।

बछेन्द्री पाल – ये मूल रूप से उत्तराखंड की है। ये टाटा स्टील एडवेन्चर फाउंडेशन की मुख्य कोच है। प्रेमलता अग्रवाल, विनीता सोरेन, मेघलाल महतो तथा कई झारखंड के पर्वतारोही को इन्होंने प्रशिक्षण दिया है। 1984 में इन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की तथा एवेरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की प्रथम महिला है। इन्हें 1984 पदम श्री और 2019 में पदम भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विनीता सोरेन- सरायकेला-खरसवां की विनीता सोरेन विश्व की पहली आदिवासी महिला है जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पे चढ़ाई की। इन्होंने यह कीर्तिमान 16 मई 2012 में हासिल किया। इस अभियान में विनीता के साथ मेघलाल महतो और राजेंद्र सिंह पाल भी थे।

मेघलाल महतो – मेघलाल महतो ने विनीता सोरेन और राजेंद्र सिंह पाल के साथ ही 16 मई 2012 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई किया था।

राजेन्द्र सिंह पाल – ये बछेन्द्री पाल के भाई है जिन्होंने 16 मई, 2012 को विनीता सोरेन और मेघलाल महतो के साथ एवरेस्ट की चढ़ाई की। ये 2 घंटे पहले पहुँच गए थे।

अस्मिता दोरजी – जमशेदपुर के निवासी अस्मिता दोरजी ने बिना ऑक्सीजन के विश्व के आठवें सबसे ऊंचे शिखर माउंट मंसालु पे चढ़ाई की है।

ताइक्वांडो

प्रीति कुमारी – 34वीं राष्ट्रीय खेल, राँची में इन्होंने झारखंड को पहला मैडल (कांस्य पदक) दिलाई थी।

सोनल राजपूत – 34वीं राष्ट्रीय खेल, राँची में इन्होंने झारखंड को पहला स्वर्ण पदक दिलाई थी।

योगा

कर्माकर बहन – अनुषा कर्माकर और अनुष्का कर्माकरइन दोनों बहनों का संबंध योग से है इन दोनों ने 2015 में बैंकॉक में आयोजित एशियन योग चैंपियनशिप में भारतीय टीम को 8 पदक दिलाई था। इनके प्रदर्शन से भारतीय टीम ओवरऑल चैंपियन बनी थी।

लॉन बॉल

2022 में आयोजित बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में भारतीय महिला टीम को स्वर्ण पदक मिला जिसमें 4 खिलाड़ियों में से दो रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे झारखंड की थीं। इसके अलावा नयमोनि और पिंकी टीम का हिस्सा रही थी।

34 वी राष्ट्रीय खेल में झारखंड को सुनील बहादुर ने लॉन बॉल सिंगल पुरुष प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक दिलाया था।

34 वी राष्ट्रीय खेल में झारखंड के सुनील बहादुर, चंदन कुमार और दिनेश कुमार ने लॉन बॉल ट्रिपल पुरुष प्रतियोगिता में झारखंड को स्वर्ण पदक दिलाया था।

34वीं राष्ट्रीय खेल में झारखंड के चंदन कुमार, दिनेश कुमार, कृष्णा कुमार और राजीव कुमार ने लॉन बॉल पुरुष प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक दिल आया था।

34वीं राष्ट्रीय खेल में झारखंड की फरजाना खान और आरजू रानी ने लोन बोल डबल प्रतियोगिताओं में झारखंड को स्वर्ण पदक दिलाया था।