पांडेय गणपत राय | Pandey Ganpat Roy Biography

Jharkhand GKझारखंड के विभूति

पांडेय गणपत राय

Pandey Ganpat Roy

पांडेय गणपत राय का जन्म 17 जनवरी 1809 ई में लोहारदग्गा के भौरों गाँव (भंडारा ब्लॉक) मे हुआ था। ये एक जमींदार कायस्थ परिवार से थे। इसके पिता का नाम राम किशुन राय श्रीवास्तव था माता का नाम सुमित्रा देवी था। इसके पत्नी का नाम सुगंधा कुँवर था। इसके चाचा सदाशिव राय श्रीवास्तव नागवंशी राजा जगन्नाथ शाहदेव के दीवान थे। चाचा की मृत्यु के पश्चात इनके सामर्थ्य को देखकर नागवंशी राज्य का दीवान बनाया गया। दीवान बनने के बाद इन्हीं तीन स्थानों में आना जाना पड़ता था पालकोट, पातिया भौरों। उस समय नागवंशी राजाओं का मुख्यालय पालकोट था। गणपत राय की जमीनदारी का मुख्यालय पातिया था।

1857 ई के विद्रोह के दौरान रामगढ़ बटालियन के विद्रोही सैनिक जब एक शक्तिशाली नेतृत्व के आभाव में भटक रहे थे। उस वक्त इन्होंने ही विद्रोही सैनिकों की मुलाकात विश्वनाथ शाहदेव से कराया। विश्वनाथ शाहदेव ने इन 600 सैनिकों के साथ मुक्तिवाहिनी सेना का स्थापना किया। गणपत राय इस मुक्तिवाहिनी सेना के प्रधान सेनापति नियुक्त हुए। मुक्तिवाहिनी सेना ने 1 अगस्त 1857 को डोरंडा छावनी पर अधिकार कर लिया। 2 अगस्त को पूरे राँची में मुक्तिवाहिनी सेना का अस्थाई अधिकार हो गया।

विश्वनाथ शाहदेव के साथ इन्होंने चतरा की लड़ाई में भी अंग्रेजो के विरुद्ध युद्ध किया। मगर इस लड़ाई से दोनो को चतरा से भागना पड़ा। बाद में ये दोनों लोहारदग्गा के जंगलों से छापामार युद्ध जारी रखा।

गणपत राय को कैप्टेन नेशन ने परेहपाट गाँव से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी यहाँ के जमींदार महेंद्र शाही के विश्वासघात के कारण हुआ। पांडेय गणपत राय को 21 अप्रैल 1858 में राँची जिला स्कूल के मुख्य द्वार के पास कदम्ब के पेड़ से लटकाकर फाँसी दे दिया गया। इसी पेड़ में 5 दिन पहले विश्वनाथ शाहदेब को फाँसी दिया गया था।

इनके सम्मान में पांडेय गणपत राय मेमोरियल बैडमिंटन चैंपियनशिप की शुरुआत 2018 से की गई। इनके सम्मान में रांची स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में गणपत रॉय इंडोर स्टेडियम बनाई गई है।

Pandey Ganpat Roy Biography

https://youtu.be/reldc4VPGDk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *