भारत की प्रमुख झीलें
Famous Lakes In India
झील का परिचय
पृथ्वीके सतह में बने गड्ढे में जब जल जमा हो जाता है और यह जल-राशि चारों तरफ से स्थल से जुड़ा हुआ होता है तो इसे झील कहते हैं। भारत के उत्तरी पर्वतीय भाग में झीलों की अधिकता है किंतु भारत के मैदानी भाग एवं तटीय भाग में भी कई झीलें पाई जाती है। झीलों का निर्माण प्राकृतिक रूप से भी होता है तथा इसका निर्माण मनुष्य अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए करता है। कई झीलों का निर्माण बहुउद्देशीय परियोजना को आकार देने के लिए करता है इस तरह के झील को मानव निर्मित झील भी कहा जाता है।
झील के प्रकार (Type Of lakes)
प्लाया झील – हवाओं के निरंतर प्रवासी प्रवाह के अपरदन से जब किसी भूभग में गड्ढे हो जाता है। इस प्रकार से बने झील को प्लाया झील कहा जाता है। इस तरह के झील प्रायः लवणीय होते हैं। भारत के राजस्थान में इस तरह के कई जिलों के उदाहरण मिलते हैं। जैसे डीडवाना, सांभर, लुणकनसर, पञ्च भद्रा, कुचामन, तलछापर, पोखरण इत्यादि। अधिक खारापन वाले प्लाया को “सैलीनास” कहा जाता है। प्लाया को और अरब रेगिस्तान में खबारी (या मामलाहा) है तथा सहारा रेगिस्तान में “शीट्ट” कहते हैं।
Note:- सांभर झील एक बालसन का उदाहरण है। बालसन उस प्लाया को कहा जाता है जो मरुस्थलीय क्षेत्र में उच्चभूमि या पर्वतीय क्षेत्र से घिरी हुई बेसिन जहां आसपास की जल -सरिताएं गिरती है।
लैगून झील – इस झील को अनूप जेल भी कहा जाता है। यह झील भारत के तटीय भागों में पाया जाता है। जब समुद्र का भाग बालू, चट्टान, मिट्टी या प्रवालभित्ति के जमा होने के वजह से समुद्र के मुख्य भाग से अलग हो जाता है तो लैगून झील का निर्माण होता है। कुछ लैगून झील सकरी जल प्रवाह द्वारा समुद्र से जुड़े भी होते हैं। भारत में लैगून झील के उदाहरण है चिल्का झील, अष्टमुदी झील, वेंबनाड झील, पुलिकट झील, कोलेरू झील इत्यादि।
विवर्तनिक झील – इस प्रकार की झील का निर्माण पृथ्वी के अंदर होने वाले आंतरिक हलच के वजह से किसी भूभाग का ऊंचा होने या धंसने के वजह से बने गड्ढे में जल भरने से होता है। इस तरह की झील का उदाहरण है वूलर झील, बेटा झील (ककरा नदी, करीमगंज, असम)। कुमायूं हिमालय में इस तरह के अनेकों झील पाए जाते हैं।
ज्वालामुखी झील (Crater Lake)–इस तरह के झील का निर्माण ज्वालामुखी उदगार के समय बने हुए Crater मैं जल भरने से हुआ है। इसका उदाहरण महाराष्ट्र के लोणार झील है।
हिमानी झील – इस तरह के झील का निर्माण हिमनद के अपरदन के कारण होता है। भारत के कुमायूं हिमालय में इस तरह के अनेकों जिन मिलते हैं जैसे राकस ताल, भीमताल, खुरपाताल, नौकुचिया ताल, देवताल इत्यादि
भारत के प्रमुख झीलें
झील | अवस्थिति |
चिल्का झील | उड़ीसा |
अंशुपा झील (महानदी) | कटक (उड़ीसा) |
कांजी झील (महानदी) | भुवनेश्वर (उड़ीसा) |
लोकटक झील | मोरांग, मणिपुर |
पलकदिल झील | मिजोरम |
टैमदिल झील | मिजोरम |
वेंबनाड झील (लैगून झील) | केरल |
अष्टमुदी झील (लैगून झील) | केरल |
पेरियार झील | केरल |
सास्तामकोट्टा झील | केरल |
सोंगमो झील (चांगु झील) | सिक्किम |
चोलामू झील | सिक्किम (तीस्ता नदी का उद्गम) |
गुरूडोंगमर झील | सिक्किम (तीस्ता नदी) |
बेलंदुर झील (पन्नेयर नदी) | बंगलोर (कर्नाटक) |
पंपा सरोवर (तुंगभद्रा नदी) | कोप्पल (कर्नाटक) |
लिंगमबुद्धि झील (कावेरी) | मैसूर (कर्नाटक) |
लोनार झील | बुलढाणा (महाराष्ट्र) |
शिवजीसागर (कोयना नदी | सतारा (महाराष्ट्र) |
पवई झील | मुंबई (महाराष्ट्र) |
तुलसी झील | मुंबई (महाराष्ट्र) |
विहार झील | मुंबई (महाराष्ट्र) |
सुखना झील | चंडीगढ़ |
हुसैनसागर झील | तेलंगाना |
हिमायतसागर झील | तेलंगाना |
उस्मानसागर झील | तेलंगाना (मुसी नदी) |
नागार्जुन सागर झील | तेलंगाना |
निजाम सागर झील | तेलंगाना |
पुलिकट झील | आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु |
कोलेरू झील (लैगून झील) | आंध्र प्रदेश |
डल झील | श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) |
वूलर झील | बांदीपोरा (जम्मू कश्मीर) |
बेरीनाग झील | जम्मू कश्मीर |
शेषनाग झील | अनंतनाग (जम्मू कश्मीर) |
कौसरनाग झील | जम्मू कश्मीर |
अनंतनाग झील | जम्मू कश्मीर |
मानसबल झील (झेलम नदी) | श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) |
गंगाबल झील | जम्मू कश्मीर |
नागिन झील | श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) |
मानसर झील | जम्मू (जम्मू कश्मीर) |
सुरिनसर झील | जम्मू कश्मीर |
अंचार झील | जम्मू कश्मीर |
पुष्कर झील | अजमेर (राजस्थान) |
नक्की झील | माउंट आबू (राजस्थान) |
कुचामन झील (खारा) | नागौर (राजस्थान) |
सांभर झील (खारा) | जयपुर (राजस्थान) |
राजसमंद झील (गोमती नदी) | राजसमंद (राजस्थान) |
जयसमंद झील (ढेबर झील) | उदयपुर (राजस्थान) |
पिछोला झील | उदयपुर (राजस्थान) |
रंगसागर झील | उदयपुर (राजस्थान) |
स्वरूप सागर झील | उदयपुर (राजस्थान) |
तालछापर झील (खारा) | चूरु (राजस्थान) |
पोखरण झील (खारा) | जैसलमेर (राजस्थान) |
लूणकरणसर झील (खारा) | बीकानेर (राजस्थान) |
फतेहसागर झील | उदयपुर (राजस्थान) |
आनासागर झील | अजमेर, राजस्थान |
कावोद झील (खारा) | जैसलमेर, राजस्थान |
रेवासा झील (खारा) | सीकर, राजस्थान |
काछोर झील (खारा) | सीकर, राजस्थान |
फलोदी झील (खारा) | जोधपुर, राजस्थान |
डीडवाना झील (खारा) | नागौर, राजस्थान |
नावां झील (खारा) | नागौर, राजस्थान |
पचपदरा (पंचभद्रा) झील | बाड़मेर (राजस्थान) भारत में सबसे खारा झील |
डोडीताल झील | देहरादून (उत्तराखंड) |
सातताल झील | उत्तराखंड |
नैनीताल झील | उत्तराखंड |
राकसताल झील | उत्तराखंड |
मालाताल झील | उत्तराखंड |
खुरपाताल झील | उत्तराखंड |
नौकुछियाताल झील | नैनीताल (उत्तराखंड) |
रूपकुंड झील | चमोली, उत्तराखंड |
कोडाईकनाल झील | तमिलनाडु |
कालीवेली झील | तमिलनाडु |
वीरानम झील | तमिलनाडु |
चेम्बारमबाक्कम झील (आडयार नदी) | चेन्नई (तमिलनाडु) |
स्टेनले झील | तमिलनाडु (कावेरी नदी) |
सूरजकुंड झील | फरीदाबाद (हरियाणा) |
मच्छीयाल झील | मंडी (हिमाचल प्रदेश) |
रेवलसर झील | मंडी (हिमाचल प्रदेश) |
दशीर झील | केलांग (हिमाचल प्रदेश) |
सूरजताल झील (चंद्रा नदी) | लाहुल स्पीति (HP) |
चंद्रताल झील | लाहुल स्पीति (HP) |
नाको झील | किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) |
पंडोह झील (ब्यास नदी) | मंडी (हिमाचल प्रदेश) |
पराशर झील | हिमाचल प्रदेश |
कुररी झील | धर्मशाला (हिमाचाल प्रदेश) |
खज्जर झील (रावी नदी) | चंबा (हिमाचल प्रदेश) |
सरवलसर झील | चंबा (हिमाचल प्रदेश) |
महाराणा प्रताप सागर झील | कांगड़ा (ब्यास नदी, HP) |
भृगु झील | कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) |
धनखड़ झील | कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) |
रेणुका झील | सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) |
मणिमहेश झील | चंबा (हिमाचल प्रदेश) |
घेपन झील (बर्फ से ढकी झील) | लाहौल-स्पीति (हिमाचल प्रदेश) |
कावंर झील (गंडक नदी) | बेगूसराय (बिहार) |
फुलहर झील (गोमती नदी) | पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) |
शेखा झील | अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) |
कीथम झील | आगरा |
गोविंद बल्लभ पंत झील | सोनभद्र, UP (रिहंद नदी) |
दमदमा झील | हरियाणा |
सूरजकुंड झील | सुनाम (हरियाणा) |
बड़खल झील | फरीदाबाद (हरियाणा) |
ब्रह्म सरोवर झील | थानेसर (हरियाणा) |
कर्ण झील | उचाना (हरियाणा) |
सन्निहित झील | थानेसर (हरियाणा) |
उमियम झील | मेघालय (Umiam River) |
हरीके झील (तरन- तारन पंजाब) | यह झील सतलज और व्यास नदी का संगम स्थल |
पाला झील | मिजोरम |
चंदुबी झील (कुलसी नदी) | असम |
चापनाला झील | असम |
हाफलांग झील | सिलचर (असम) |
दीपोर झील (ब्रह्मपुत्र नदी) | गुवाहाटी (असम) |
हमीरसर झील | भुज (गुजरात) |
नारायण सरोवर | भुज (गुजरात) |
कांकरिया झील | अहमदाबाद |
नल सरोवर (भोगवा नदी) | अहमदाबाद |
थोल झील | अहमदाबाद |
वस्त्रापुर झील | अहमदाबाद |
लखोटा झील | जामनगर |
सूरसागर झील | बड़ौदा |
चिल्का झील (Chilika Lake)
यह झील उड़ीसा राज्य के पूरी, खुरदा और गंजाम जिले में अवस्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा तटीय या लैगून झील (अनूप झील) है। यह एक अर्ध-खारे पानी का झील है। बरसात के दिनों में इस झील का पानी मीठा हो जाता है। यहां नौसना का प्रशिक्षण केंद्र INS Chilka अवस्थित है। चिल्का नदी को दया और भार्गवी नदी से जल की प्राप्ति होती है। 1981 में यूनेस्को हेरीटेज में शामिल भारत का पहला आर्द्रभूमि (रामसर स्थल) है। चिल्का झील वास्तव में समुद्र का ही एक भाग है जो महानदी नदी के द्वारा लाए गए और साधुओं से समुद्र से अलग हो गया है। इस झील के अंदर कई छोटे-छोटे द्वीप अवस्थित है। इस झील का मुख्य आकर्षण यहां पाए जाने वाले डॉल्फिन होते हैं।
कोलेरू झील (Kolleru Lake)
इस झील का निर्माण कृष्णा और गोदावरी नदी के द्वारा लाए गए अवसादो से हुआ है। यह एक लैगून झील है जो आंध्र प्रदेश के कृष्णा और पश्चिम गोदावरी जिले में अवस्थित है। इस झील का आकार अंडाकार है। यह एशिया का सबसे बड़ा छिछला मीठे पानी की झील है। इसी झील पर अटापका पक्षी अभयारण्य बनाया गया है जो कि ग्रे पहली कन और पेंटेड स्टार्ट का प्राकृतिक प्रजनन केंद्र है। यह दोनों पक्षी आईयूसीएन रेड डाटा बुक में संकटाग्रस्त पक्षी के रूप में नामित है। 2002 में इसे रामसर स्थल के रूप में दर्ज किया गया है। यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा झील है।
लोकटक झील (Loktak Lake)
यह झील पूर्वोत्तर भारत में सबसे बड़े मीठे पानी का झील है। यह मणिपुर राज्य में अवस्थित है। इस झील में “केबुल लामजाओ” नामक एक तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क है। तैरते हुए भाग को स्थानीय भाषा में “फुमडिस” कहा जाता है। इस पार्क में मणिपुर का राष्ट्रीय पशु “सांगई” (जिसे डांसिंग डियर भी कहा जाता है) पाया जाता है जो कि इस पशु का एकमात्र प्राकृतिक निवास स्थान है। यूनेस्को द्वारा इसे 1990 ई में इसे अंतररष्ट्रीय महत्व का आर्द्रभूमि घोषित किया गया है। इसका नाम Montreux Record में दर्ज है। यह विश्व का एकमात्र तैरता हुआ झील है तथा केबुल लाम जाओ विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। इस झील की जैव-विविधता के कारण इसे मणिपुर का जीवन रेखा कहा जाता है। यह झील मणिपुर पहाड़ी और लेमाटोल पहाड़ी के बीच में अवस्थित है।
Montreux Record – यह एक रजिस्टर है जिसमें उन रामसर आर्द्रभूमि को दर्ज किया जाता है जिसमें पारिस्थितिक खतरा है। भारत में लोकटक झील और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान दो ऐसे रामसर स्थल है जो इस रजिस्टर में दर्ज है। चिल्का झील को भी इस रजिस्टर में शामिल किया गया था लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया है।
Note:- मणिपुर में इस नाम से मणिपुर नदी भी बहती है तथा इसकी राजधानी के नाम पर भी एक नदी इंफाल नदी बहती है। इंफाल नदी मणिपुर नदी का एक सहायक नदी है।
रूपकुंड झील (Roopkund Lake)
इस झील को रहस्यमयी झील के नाम से जाना जाता है। यह झील उत्तराखंड के चमोली जिला में अवस्थित है। इस झील में मानव के 500 कंकाल पाए गए थे जिस वजह से इसे कंकाल झील भी कहा जाता है। यह एक हिमानी निर्मित झील है।
Lakes in Sikkim (सिक्किम के झील)
चोलामू झील
यह झील भारत की सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित झील है। तीस्ता नदी चोलामू झील से निकलती है। इस झील में पानी कई हिमानियों से आती है जिनमें से जेमू हिमानी प्रमुख है। इस झील के निकट एक अन्य झील गुरुडोंगमार झील अवस्थित है। यह झील तिब्बत बॉर्डर के बहुत ही करीब स्थित है। इसे Tso Lhamo Lake के नाम से भी जाना जाता है। तीस्ता नदी सिक्किम की जीवन रेखा कहलाती है।
गुरूडोंगमर झील (Gurudongmar Lake)
यह झील चोलामू झील के समीप ही उत्तरी सिंह सिक्किम जिला के मंगन नामक स्थान के पास है। यह स्थान हिंदू बौद्ध और सिख धर्म के लोगों का पवित्र स्थान है। इस झील का यह नाम गुरु पदमसंभव के नाम से पड़ा जिसे रिंगपोछे भी कहा जाता है। इन्होंने तिब्बत में बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक जी तिब्बत जाने के दौरान भी इस झील के पास रुके थे। यह झील एक प्रवाह के द्वारा चोलामू झील से जुड़ा हुआ है और इन दोनों झील के जल प्रवाह से तीस्ता नदी का उद्गम होता है।
लोनार झील
यह झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिला में अवस्थित है। यह एक खारे पानी का झील है। इस झील का निर्माण उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की वजह से हुआ है, इसलिए इसका आकार क्रेटर की तरह है। लोनार झील भारत की सबसे गहरी झील है।
पुलिकट झील
यह एक खारे पानी की झील है। यह झील आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिला तथा तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर जिला में स्थित है। इसका ज्यादातर हिस्सा आंध्र प्रदेश में है। इस झील के जल का मुख्य स्रोत अरानी, कालंजी एवं स्वर्णमुखी नदी है। चिल्का झील के बाद यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी लैगून झील है। बैरियर द्वीप (श्रीहरिकोटा द्वीप) इसे बंगाल की खाड़ी से अलग करता है। श्रीहरिकोटा द्वीप में सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र अवस्थित है। पुलीकट झील के पास ही फ्लैमिंगो महोत्सव का आयोजन होता है।
जम्मू कश्मीर की झील
जम्मू कश्मीर के ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर को झीलों का नगर कहा जाता है। श्रीनगर शहर के अंदर डल झील नागिन झील अवस्थित है। जम्मू कश्मीर में पाई जाने वाली सारे झील मीठे पानी की झील है।
मानसबल झील (Manasbal Lake)
यह झील जम्मू कश्मीर के गांदेरबल जिला में अवस्थित है। यह जम्मू कश्मीर की सबसे गहरी झील है। इस झील में नौसेना के NCC कैडेट्स की ट्रेनिंग होती है। नूरजहां ने इस जगह पर “झरोखा बाग” का निर्माण करवाया था। यह झील झेलम नदी के प्रवाह क्षेत्र में स्थित है।
वूलर झील (Wullar Lake)
यह झील जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा शहर में है। इस झील का पुराना नाम महापदमसर था। यह झील भारत की सबसे बड़ी झील है। यह झील झेलम नदी पर अवस्थित है। नदियां अपने रास्ते में गोखुर (Oxbow) बनाती है, आता हम कर सकते हैं कि यह झील झेलम नदी का गोखुर है। इस झील का निर्माण प्लेट विवर्तनिक (Plate Tactonic) क्रिया के कारण हुआ है। इस दिल पर तुलबुल जल विद्युत परियोजना अवस्थित है। इसे 1990 ई में रामसर स्थल घोषित किया गया। इस झील के भीतर “जैनुल लंक” नामक कृत्रिम द्वीप बनाया गया है। इस द्वीप का निर्माण 15वीं सदी में कश्मीर के सुल्तान जैनुल आबेदीन के द्वारा किया गया था।
जैनुल आबेदीन – इसे सहिष्णुता के कारण “कश्मीर का अकबर” कहा जाता है। इसका उपनाम “बड शाह (महान शासक)” भी है। इसने कश्मीर से जजिया कर को समाप्त किया था तथा गौ-वध पर प्रतिबंध लगाया था। यह एक विद्वान भी थे जो फारसी में कतुब नाम से कविताओं की रचना की। इन्होंने कश्मीर में मूल्य नियंत्रण प्रणाली को लागू किया था जिसके वजह से इसे कश्मीर का अलाउद्दीन खिलजी भी कहा जाता है।
मानसर झील
यह झील जम्मू कश्मीर के जम्मू जिला में अवस्थित है। इस झील से कुछ ही दूरी पर एक अन्य झील सुरिनसर झील है। इन दोनों जिलों को जुड़वा झील के रूप में जाना जाता है।
शेषनाग झील (Sheshnag Lake)
यह एक मीठे पानी की झील है जो कश्मीर घाटी में अनंतनाग जिले में अवस्थित है। यह झील अमरनाथ के रास्ते में पड़ता है।
डल झील
वेंबनाड झील (Wembnad Lake)
यह एक मीठे पानी की लैगून झील है। यह झील कोचीन (केरल) शहर में अवस्थित है। इस झील के भीतर एक कृत्रिम दूरी पर है जिसका नाम वेलिंगटन द्वीप है। यह भारत का सबसे लंबी झील है। यह केरल की सबसे बड़ी झील भी है। केरल के लैगून झीलों को खयाल कहा जा सकता है, अतः हम कर सकते हैं कि यह झील एक कयाल है। इस झील में पानी चार नदियों के द्वारा आता है:- मीनाचिल, पंपा, अचनकोविल और मणिमाला। प्रतिवर्ष अगस्त महीने में यहां नेहरू ट्रॉफी (नौकायन) प्रतियोगिता होती है। 2002 में इसे रामसर स्थल घोषित किया गया है। सुंदरबन रामसर आर्द्रभूमि के बाद यह आंध्र भूमि भारत का दूसरा सबसे बड़ा आंध्र भूमि है। कुमाराकोम पक्षी अभ्यारण इस झील के पूर्वी भाग में अवस्थित है।
रामसर आर्द्रभूमि (Ramsar Wetland) – रामसर ईरान का एक शहर का नाम है। 1971 में यहां पर विश्व के कई देशों का सम्मेलन हुआ था जिसमें एक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता का उद्देश्य विश्व के आर्द्रभूमियों को संरक्षण प्रदान करना था। भारत में कुल 75 रामसर आर्द्रभूमि है।
राजस्थान के झील
राजस्थान के ज्यादातर झीलें लवणयुक्त (खारे) होते हैं जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि पहले यहां पर टिथिस सागर था जो अवशेष के रूप में परिलक्षित हो रहा है। राजस्थान की ज्यादातर झीलों का निर्माण पवन के द्वारा हुआ है। राजस्थान में खारे और मीठे पानी दोनों प्रकार के झील पाए जाते हैं।
आनासागर
यह एक कृत्रिम मीठे पानी की झील है जो राजस्थान के अजमेर में अवस्थित है। इसका निर्माण 1137 में पृथ्वीराज चौहान के दादा अर्नोराज (अरुणोराज या आणा जी चौहान) द्वारा करवाई गई थी। इस झील के निकट मुगल बादशाह जहांगीर ने दौलत बाग का निर्माण करवाया था जिसे अभी सुभाष बाद के नाम से भी जाना जाता है। मुगल सम्राट शाहजहां ने इसी झील के पास 12 संगमरमर से बने द्वार का निर्माण करवाया था जिसे बाराद्वारी नाम से जाना जाता है। नूरजहां के माताजी अस्मत बेगम ने इसी तट पर गुलाब के फूल से इत्र बनाई थी। भारत में सर्वप्रथम इत अस्मत बेगम ने ही बनाई थी। इस झील में पानी बांडी नदी से आती है जो कि लूनी नदी की एक सहायक नदी है।
नक्की झील (Nakki Lake)
यह राजस्थान के सिरोही जिला के माउंट आबू में अवस्थित एक मीठे पानी की झील है। यह राजस्थान की सबसे गहरी और सबसे ऊंची झील है। राजस्थान की एकमात्र झील जो सर्दियों के दिनों में जम जाती है। इस झील के बारे में मान्यता है कि देवताओं ने इसे अपने नाखून से खोदकर बनाया है इसलिए इसका नाम नक्की झील है। नक्की झील क्रेटर (ज्वालामुखी के मुख) की तरह दिखाई देने के कारण क्रेटर झील माना जाता है। नक्की झील के पास दो प्रसिद्ध चट्टाने है जिसे Toad Rock तथा Nun Rock कहा जाता है Toad Rock की आकृति मेंढक की तरह है जो कूदने लगाने के लिए तैयार है। Nun Rock एक घुंघट निकाली हुई महिला की आकृति में है।
पुष्कर झील
पुष्कर झील राजस्थान के अजमेर के निकट पुष्कर नामक स्थान पर स्थित है। यह एक मीठे पानी की प्राकृतिक झील है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस झील के निकट प्रसिद्ध पुष्कर मेला लगता है। यह मेला नागौरी ऊंट की खरीद बिक्री के लिए प्रसिद्ध है। ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर पुष्कर में स्थित है। इस झील में कुल 52 घाट है जिनमें मैडम मेरी घाट तथा गांधी घाट प्रसिद्ध है।
मैडम मेरी और जॉर्ज पंचम जब भारत आए थे उस समय उन्होंने पुष्कर का दर्शन किया था तथा इस घाट का निर्माण करवाया था। महात्मा गांधी के इच्छानुसार उनके अस्थियों का विसर्जन पुष्कर में ही किया गया था इसलिए इसके एक घाट का नाम गांधी घाट है।
इस झील का कई अन्य उपनाम है जैसे कौन-कौन तीर्थ, प्रयागराज का गुरु, तीर्थ स्थलों का मामा, हिंदुओं का पांचवा तीर्थ, बावन घाट। लूनी नदी की सहायक नदी सरस्वती नदी का उद्गम पुष्कर झील से होता है।
डीडवाना झील
Didwana Lake राजस्थान के नागौर जिला में स्थित खारे पानी की झील है। इस झील में ब्राइन पद्धति (क्यारियां बनाकर) से नमक का उत्पादन किया जाता है। फ्लोराइड की अधिकता के कारण इस झील की नमक खाने योग्य नहीं होती है। इसका उत्पादन औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। देवल नाम की संस्था इस झील से नमक का उत्पादन करती है तथा यहां नमक के उत्पादन में निपुण जाति देशवाल समुदाय है।
Note:- नागौर जिला में नावां, कुचामन एवं डेगाना खारे पानी की झील भी स्थित है। डेगाना की खान टंगस्टन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
सांभर झील
यह झील भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। जब भारत की सबसे बड़ी स्थलीय खारे पानी की झील है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी झील है। जयपुर-नागौर-अजमेर की सीमा में अवस्थित है। यह जेल नमक के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। किस झील को 1990 में रामसर स्थल घोषित किया गया था।
पिछोला झील
यह झील राजस्थान के उदयपुर में है। यह एक मीठे पानी की झील है। इस झील के भीतर “जग मन्दिर” एवं “जग महल” अवस्थित है। इसका निर्माण राणा लाखा सिंह के समय में “पिच्छु” नामक बंजारे ने करवाया था।
तेलंगाना की झील
(Lakes In Telangana)
निजाम सागर झील
यह झील तेलंगाना राज्य में अवस्थित है। यह एक कृत्रिम झील है जिसे गोदावरी की सहायक मंजीरा नदी पर बनाया गया है। इसे हैदराबाद के तात्कालिन निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनाया है।
हुसैन सागर झील (Husain Sagar Lake)
यह एक मीठे पानी की कृतिम झील है जो हैदराबाद-सिकंदराबाद शहर को अलग करती है। मुसी नदी की पानी को नहर के द्वारा इस झील में लाया गया है। इस झील का निर्माण 1563 ई में कुली कुतुब शाह ने करवाया था। इस झील की आकृति Heart (❤️) shape में है। इस झील के बीच में एक गौतम बुद्ध की स्टेचू स्थापित की गई है।
उस्मानसागर झील (Osman Sager Lake)
यह हैदराबाद शहर में स्थित एक ताजे पानी की झील है। यह एक मानव निर्मित झील है जिसे हैदराबाद के निजाम ने 1920 में बनवाया था। 1908 में मुसी नदी में आई भयंकर बाढ़ से हैदराबाद शहर की तबाही के बाद हैदराबाद के निजाम ने अपने बेटे उस्मान अली खान के नाम से इस झील का निर्माण करवाया था। यह झील सी नदी के तट पर अवस्थित है। “सागर महल” नामक एक राजसी आराम गृह इसी झील पर अवस्थित है।
नागार्जुन सागर झील (Nagarjun Sagar Lake)
यह झील, हरित क्रांति को धरातलीय आकार देने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह झील तेलंगाना के नलगोंडा जिला तथा आंध्रप्रदेश के प्लांडू जिला के बीच अवस्थित है। यह एक मानव निर्मित झील है जिसे कृष्णा नदी पर बनाया गया है।
फुलहर झील (Fulhar Lake)
यह झील उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला में अवस्थित है। इस झील से गोमती नदी का उद्गम होता है। इस वजह से इसे गोमत ताल भी कहा जाता है।
भारत के झील से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
🌟 भारत की दूसरी सबसे ऊंचाई पर स्थित झील देवताल झील है।
🌟 झीलों के अध्ययन करने वाले विज्ञान को Limnology कहा जाता है।
🌟 फिनलैंड को झीलों का देश कहा जाता है।
Famous Lakes In India
Terminology used In Vedic Age