भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य
Fundamental Duty In Constitution
भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्य की अवधारणा पूर्व सोवियत संघ के संविधान से लिया गया है। संविधान में अंकित 11 मौलिक कर्तव्य निम्न है: –
1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें तथा उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें।
3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे चुन रखें।
4. देश की रक्षा करना और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करना।
5. भारत के लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करना जो पंथ, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी प्रकार के भेदभाव से परे हो साथ ही ऐसी प्रथाओं का त्याग करना जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हो।
Note:- भ्रातृत्व की भावना को बढ़ाने का जिक्र संविधान की प्रस्तावना (बंधुत्व)में भी वर्णित है।
6. हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करें।
7. प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव है, रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणीमात्र के प्रति दया भाव रखें।
Note:- प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने का जिक्र नीति निदेशक तत्व के अंतर्गत भी शामिल है।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद, सुधार और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करें।
9. सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना अहिंसा से दूर रहना ।
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें।
11. 6 वर्ष की आयु से 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों के माता-पिता या संरक्षक उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करें। (86 संविधान संशोधन, 2002)
संविधान में स्थिति
मौलिक कर्तव्य मूल संविधान में सम्मिलित नहीं था। सरदार स्वर्ण सिंह समिति के सिफारिश पे 42वां संविधान संशोधन, 1976 के द्वारा संविधान में सम्मिलित किया गया है। इस संशोधन के बाद संविधान में भाग 4A तथा इसके अंतर्गत अनुच्छेद 51A को जोड़ा गया जिसमें कुल 11 कर्तव्य दिए गए हैं। प्रारंभ में संविधान में कुल 10 मौलिक कर्तव्य के प्रावधान थे। 11वा मौलिक कर्तव्य संविधान के 86 संविधान संशोधन, 2002 के बाद शामिल किया गया।
सरदार स्वर्ण सिंह समिति
सरदार स्वर्ण सिंह समिति के सिफारिश के आधार पर 42वां संविधान संशोधन किया गया था। यह संशोधन आपातकाल के दौरान किया गया था जिसकी ज्यादातर बातें 44वा संविधान संशोधन, 1978 में हटा दिया गया था। इसमें मौलिक कर्तव्य को यथास्थिति रहने दिया गया था।
सरदार स्वर्ण सिंह समिति 12 सदस्यीय थी जिसमें 🐬ए आर अंतुले🐬सीएम स्टीफन🐬 एसएस राय🐬 रजनी पटेल 🐬 एच आर गोखले🐬 सईद अहमद🐬 वी एन गोडगिल 🐬 डीपी सिंह 🐬 दिनेश गोस्वामी🐬 बसंत साठे 🐬 बी एन बनर्जी शामिल थे।
इस समिति ने संविधान में 8 मूल कर्तव्यों को जोड़ने का सुझाव दिया था। समिति द्वारा दी गई कुछ सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया और उन्हें संविधान में शामिल नहीं किया गया। जैसे: –
a) जब कोई व्यक्ति किसी कर्तव्य के अनुपालन करने से इंकार कर दे उस समय संसद आर्थिक दंड या सजा का प्रावधान।
b) कर का भुगतान भी नागरिक का मूल कर्तव्य होना चाहिए।
मूल कर्तव्यों की आलोचना
1. मूल कर्तव्यों की सूची में सिर्फ एक ग्यारह कर्तव्य को शामिल किया गया है जो पूर्ण सूची नहीं है जैसे:- मतदान, कर- भुगतान परिवार-नियोजन आदि जैसे महत्वपूर्ण बातों को शामिल नहीं किया गया है।
2. मूल कर्तव्य मैं अंकित कुछ शब्द स्पष्ट है जिसके कई अर्थ निकलते हैं एवं जनसाधारण के लिए समझने में कठिन है जैसे:- उच्च आदर्श, सामासिक संस्कृति, वैज्ञानिक दृष्टिकोण आदि।
3. कुछ आलोचकों का कहना है कि इसे संविधान के भाग-4 (मौलिक अधिकार के साथ) शामिल करना चाहिए था। संविधान के भाग 4A में शामिल करने से मूल कर्तव्यों के मूल्य व महत्व को कम करता है। इसे मूल अधिकार के साथ जोड़ा जाना चाहिए था ताकि वे मूल अधिकारों के बराबर रहते।
4. कुछ आलोचकों ने मूल कर्तव्य को अतिरेक (आवश्यकता से अधिक) करार दिया है क्योंकि मूल कर्तव्य के अंतर्गत ऐसे कुछ बातों को शामिल किया गया है जो संविधान से संबंधित नहीं है।
5. मूल कर्तव्य के Unforceable प्रकृति के कारण कुछ आलोचकों ने इसे सिर्फ एक नैतिक आदेश करार दिया है। हालांकि स्वर्ण सिंह समिति ने मूल कर्तव्यों को न चुकाने वाले के लिए दंड का सिफारिश किया था।
Trick to remember fundamental duties
A – Abide by the Constitution and respect its ideals and institutions, the National Flag and the National Anthem;
B – (Bapuji’s Ideal) To cherish and follow the noble ideals which inspired our national struggle for freedom
C – (Consolidation) – To uphold and protect the sovereignty, unity, and integrity of India
D – Defend the country and render national service when called upon to do so
E – (Equality) To promote harmony and the spirit of common brotherhood amongst all the people of India transcending religious, linguistic, and regional or sectional diversities; to renounce practices derogatory to the dignity of women
F – (Forts)- To value and preserve the rich heritage of our composite culture;
G – (Green) – To protect and improve the natural environment including forests, lakes, rivers, wildlife and to have compassion for living creatures
H – (Humanism)To develop the scientific temper, humanism, and the spirit of inquiry and reform;
I – (Vi) To safeguard public property and to abjure violence
J – (Jack Kallis) – To strive towards excellence in all spheres of individual and collective activity so that the nation constantly rises to higher levels of endeavor and achievement
K – (Kid) Who is a parent or guardian, to provide opportunities for education to his child, or as the case may be, ward between the age of six to fourteen years.
Fundamental Duty In Constitution
मूल कर्तव्य से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
1. वर्मा कमिटी,1999 को मूल कर्तव्य की क्रियान्वयन के लिए बनाया गया था। इस समिति ने मतदान को मूल कर्तव्य के अंतर्गत नहीं माना था।
2. मूल कर्तव्य को न्यायालय में चुनौती नहीं दिया जा सकता है।
4. संविधान में वर्णित कुछ मौलिक अधिकार विदेशी नागरिकों को भी दिया गया है वही मौलिक कर्तव्य सिर्फ भारत के निवासियों के ऊपर लागू होता है।
हड़प्पा सभ्यता का वीडियो
1 thought on “मौलिक कर्तव्य का विस्तृत अध्ययन| Detailed Study Of Fundamental Right”