Types of Tribal marriage

झारखंड में जनजातीय विवाह | Type Of Tribal Marriage In Jharkhand

Jharkhand Tribes

झारखंड मे जनजातीय विवाह के प्रकार

Types of Tribal marriage

झारखंड के जनजातियों में निम्न प्रकार के विवाह पाया जाता है:-

1) आयोजित विवाह (क्रय विवाह)

यह विवाह दोनो पक्षों की सहमति से किया जाता है। इस विवाह में वधुमूल्य की अनिवार्यता होती है। इस विवाह को सबसे श्रेष्ठ विवाह माना जाता है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

हो – आंदि विवाह

संताल- कीरिंग बापला

खड़िया – अलोलदाय/असल विवाह

बैगा- मँगनी विवाह

बिरहोर – सदर बापला

2) विनिमय विवाह

यह विवाह प्रायः गरीब लोगो के बीच में संपन्न होता है। ऐसा विवाह वधुमूल्य में वधुमुल्य नही दिया जाता है। इसमें एक परिवार की लड़की का विवाह दूसरे परिवार के लड़के से की जाती है वही दूसरे परिवार की लड़की का विवाह पहले परिवार के लड़के से की जाती है।

विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

हो-गोलट विवाह

संताल – गोलायटी बापला

बिरहोर – गोलहर बापला

3) हरण विवाह

इस विवाह में वर द्वारा कन्या का अपहरण किया जाता है, फिर विवाह होता है। इस तरह के विवाह का सर्वाधिक प्रचलन हो जनजाति मे पाया जाता है। हो जनजाति में इस तरह के विवाह को “ओपोरतिपी विवाह” कहा जाता है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

हो – ओपोरतिपी विवाह

संताल – बहादुर बापला

खड़िया – तापा विवाह

गोंड- पायसोतुर विवाह

4) हठ विवाह (अनाहूत विवाह)

इस तरह के विवाह में वधु हठपूर्वक वर के घर मे रहने को चली जाती है। वर के घर मे रहकर पूरे परिवार की सेवा करती है। इस दौरान उसे अपमान का सामना भी करना पड़ता है, खाना पीना भी कम खाती है। अंततः वर पक्ष वालो को झुकना पड़ता है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

हो – आंदेर विवाह

संताल – दीपिल बापला

खड़िया – ढुकु चोलकी विवाह

गोंड – भगेली

बिरहोर – बोलो बापला

5) सेवा विवाह

इस तरह के विवाह में वर अपने ससुराल में रहकर अपने ससुराल के काम मे हाथ बटाता है। यह उस स्थिति में होता है जब वर वधुमूल्य नही चुका पाता है। जब वर के ससुराल वाले उसके सेवा से खुश हो जाते तब कन्या सहित वर अपने घर वापस आ जाता है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

संताल – जवाई बापला

गोंड- लमसेना विवाह

बिरहोर – जवाई बापला

प्रेम विवाह

इस तरह के विवाह में वर तथा कन्या आपसी सहमति से विवाह करते है। इस तरह के विवाह में वधूमूल्य अनिवार्य नही है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

हो- राजी-खुशी विवाह

संताल- इतुत बापला

खड़िया – राजी-खुशी विवाह

विधवा विवाह

इस तरह के विवाह में किसी विधवा स्त्री से विवाह किया जाता है। इस तरह के विवाह में वधुमूल्य नही दिया जाता। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

संताल – सांगा बापला

मुंडा -सगाई

खरवार – सगाई

पलायन विवाह

इस विवाह में लड़का-लड़की आपसी सहमति से घर से भागकर विवाह कर लेते है। विभिन्न जनजाति में यह विवाह विभिन्न नाम से जाना जाता है जैसे:-

खड़िया – उधरा-उधरी

बैगा – चोर विवाह

बिरहोर –

दूध लौटावा विवाह

इस प्रकार के विवाह में निकट संबंधी से विवाह किया जाता है। गोंड और हो जनजाति में यह विवाह प्रचलित है।

बहुविवाह

पत्नी के साथ होने के बावजूद एक से ज्यादा विवाह करने को बहुविवाह कहा जाता है। कुछ झारखण्ड के जनजातियों में इस विवाह की परंपरा पाई जाती है।

बिरहोर – हेसम बापला

परीक्षा विवाह

विवाह किसान जनजाति में पाया जाता है। इस विवाह में वधू पक्ष द्वारा वर से कुछ सवाल पूछे जाते हैं और उसके जवाब से संतुष्ट होने के बाद ही विवाह को तय किया जाता है।

जनजातीय विवाह के मुख्य तथ्य

1) मुंडा और खरवार में बाल विवाह प्रचलन में है बाकी सभी जनजातियों में वर्जित है।

2) हो जनजाति में निर्जीव चीजो से विवाह की प्रथा है। सूर्य, चाँद से विवाह कराने की परंपरा है।

3) कोरबा जनजाति में वधूमूल्य की परम्परा नही है। बाकी सारे जनजातियों में वधूमूल्य की परंपरा है।

4) ‘ईदी-मी (ईदी-ताई-मा)’विवाह का प्रचलन असुर जनजाति में पाया जाता है। इस प्रकार के विवाह में लड़का लड़की स्वेच्छा से बिना विवाह संस्कार पुरा किये हुये पति-पत्नी की तरह साथ रह सकता है मगर कभी न कभी विवाह संस्कार से गुजरना पड़ता है।

Types of Tribal marriage Video

https://youtu.be/GSWtPI1S9dE

1 thought on “झारखंड में जनजातीय विवाह | Type Of Tribal Marriage In Jharkhand

  1. dear sir
    Good description of tribel marriage given. I would like to know as who certify these marriage?
    Do these marriage get registered ? Do they stand legality of marriage?

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