kisan tribes किसान जनजाति

किसान जनजाति का विस्तृत अध्ययन | Detailed Study Of Kisan Tribes

Jharkhand Tribes

किसान जनजाति

Kisan Tribe किसान जनजाति

परिचय – उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के baad झारखंड में किसान जनजाति की सबसे ज्यादा जनसंख्या है। ये परंपरागत किसान होते है तथा वन्य उत्पाद विशेषकर लकड़ी बेचकर अपनी जीविका चलाते है। झारखंड में इसका मुख्य जमाव लातेहार और गुमला जिला में है। इस जनजाति का मूल भाषा का नाम भी किसान है जो कुरुख भाषा का एक उपवर्ग है।

वर्गीकरण

यह सदान समुदाय की एक जनजाति है। इसे प्रजातीय दृष्टि से द्रविडियन समूह में रखा गया है। इन्हें कहीं कहीं पर नगेसिया भी कहा जाता है। यह अपने आप को नागवंशी कहते हैं। वैवाहिक दृष्टि से इस जनजाति के 2 वर्ग है सिंदुरिया और तेलिया। प्रथम वर्ग के लोग विवाह के समय सिंदूर दान करते हैं जबकि दूसरे वर्ग के लोग विवाह में तेल का प्रयोग करते हैं।

इस जनजाति में परीक्षा विवाह का प्रचलन देखने को मिलता है। इस जनजाति में बहु विवाह एवं पुनर्विवाह की प्रथा पाई जाती है। इनका सर्वोच्च देवता सिंगबोंगा होता है। इनलोगो में सार्वाधिक प्रचलित विवाह बेंजा विवाह है जो क्रय विवाह है। वर पक्ष द्वारा वधु पक्ष को वधुमुल्य दिया जाता है। वधुमुल्य को “कनिया मूली हेस्सू या सुखा मूला” कहा जाता है।

सामाजिक व्यवस्था

इसके समाज भी पितृसत्तात्मक होते हैं। इसमें एकल परिवार विशेष रूप से देखा जाता है। एकल विवाह की परंपरा पाई जाती है। सामान्य रूप से इसमें गोत्र प्रणाली का अभाव पाया जाता है। इनमें क्रय विवाह को सबसे अच्छा विवाह माना जाता है l। गोलट विवाह, सेवा विवाह, प्रेम विवाह आदि का भी प्रचलन है। किसान जनजाति में विवाह का दो स्वरूप दिखा जाता है एक चढ़उआ विवाह दूसरा गुरम्बा विवाह। चढ़उआ विवाह में लड़का लड़की के घर जाकर विवाह करता है तथा गुरम्बा विवाह में लड़की लड़का के घर जाकर विवाह करता है।

राजनीतिक व्यवस्था

किसान जनजाति में राजनीतिक संगठन का अभाव होता है इसमें कोई स्थाई पंचायत व्यवस्था का प्रबंधन नहीं होता। आपसी विवाद को निपटाने के लिए अस्थाई पंचायतें बुलाई जाती है। अंतरग्रामीण विवादों को सुलझाने के लिए भी अस्थाई परगना पंचायत की व्यवस्था की जाती है। महात, सरदार और कोतवार इनके पंचायत अधिकारी होते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

1) इस जनजाति में उच्च लिंगानुपात पाया जाता है।

2) डाल्टन ने किसान जनजाति को पांडवों का वंशज बताया है।

3) कुछ विद्वान इसे नागवंश की शाखा मानते हैं। मानवविज्ञानी नर्न के अनुसार राजा लक्ष्मण सिंह ने इसका नामकरण किसान किया था।

Kisan Tribe किसान जनजाति Video

https://youtu.be/cCyxSAUTI28

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