आदिम जनजाति के लिए योजना
Jharkhand Primitive Tribes Scheme
Note:- झारखंड में आदिम जनजाति की सबसे ज्यादा जनसंख्या साहेबगंज जिला में और उसके बाद दुमका जिला में है। वही सबसे कम धनबाद में और उसके बाद गिरिडीह में है।
बिरसा आवास योजना (Birsa Awas Yojna)
झारखंड सरकार ने आदिम जनजातियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 1 अप्रैल 2002 में इस योजना की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री विशेष खाद्य सुरक्षा योजना
इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2008 में की गई। इस योजना के तहत आदिम जनजाति के प्रत्येक परिवार को 35 kg खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है।
डाकिया योजना
इस योजना को 2017 में शुरू किया गया। इस योजना के तहत खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आदिम जनजातियों को मुफ्त मिलने वाले 35 kg अनाज को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इन्हें इस योजना के तहत डबल फोर्टिफाइड नमक भी पहुंचाया जाता है।
पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र
पहाड़िया आदिम जनजाति के लोग दुर्गम पहाड़ी इलाके में रहते है। ये लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए बहुत कम आते है। पहाड़िया जनजाति के लोग जड़ी-बूटी से अपना इलाज करते है,बाकी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह जाते है जिससे वो कई प्रकार से रोगग्रस्त हो रहे है और इसकी संख्या कम होती जा रही है। इन पहाड़िया जनजातियों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र योजना का आरंभ झारखंड सरकार ने 1 अप्रैल 2002 मे किया। अभी कुल 18 पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन हो रहा है। यह स्वास्थ्य केंद्र साहेबगंज, दुमका और गोड्डा जिला में है।
मध्याह्न भोजन योजना
1 अप्रैल 2003 में झारखंड सरकार ने पहाड़िया जनजातियों में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस योजना को प्रारंभ किया। पहाड़िया समुदाय में साक्षरता बहुत कम है, इसका जीवन स्तर भी निम्न कोटि का है। इन बातों का ध्यान रखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई। इसके अंतर्गत पहाड़िया दिवाकालीन में पढ़ रहे छात्रों को मुफ्त मध्याह्न भोजन कराया जाता है। मध्याह्न भोजन साल में 300 दिन तक दिया जाता है।
दिवाकालीन विद्यालय योजना
इस योजना के तहत पहाड़िया आदिम जनजाति के लिए विद्यालय खोला जा रहा है। संताल परगना प्रमंडल के साहेबगंज, दुमका और गोड्डा में ये विद्यालय खोले गए है। अभी झारखंड में 32 पहाड़िया दिवाकालीन विद्यालय संचालित है। इस विद्यालय में मध्याह्न भोजन की सुविधा दी जाती है।
योग्य आदिम जनजाति के व्यक्ति का सरकारी सेवा में सीधी भर्ती योजना
झारखंड सरकार ने इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2005 में किया था। इस योजना का उद्देश्य आदिम जनजाति जनजाति समुदाय के योग्य युवक/युवतियों को सरकारी नोकरी उपलब्ध कराना है। स्नातक उत्तीर्ण लोगो को सरकारी नोकरी के ग्रेड-3 में सीधी नियुक्ति की जाती है।
व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना
यह योजना पहाड़िया आदिम जनजाति के लिए 1 अप्रैल 2005 में शुरू की गई। इस योजना के तहत राज्य के पहाड़िया समुदाय को व्यवसायिक शिक्षा दी जाती है जैसे कंप्यूटर मरम्मती, टेलीविजन मरम्मती, लाह से वस्तुओं का निर्माण, मोटर पम्प, इलेक्ट्रिक रिपेरिंग इत्यादि।
Jharkhand Primitive Tribes Scheme
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