Irrigation System Of Jharkhand
झारखंड की सिंचाई व्यवस्था
परिचय
झारखंड में कुल 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, इसमे 24.25 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की क्षमता है। अभी झारखंड के कुल कृषि योग्य भूमि का 23% भाग ही सिंचित है। कुल सिंचित भूमि का 58.30% सतही जल से और 41.7% भूमिगत जल द्वारा सिंचित है।
अति उच्च सिंचाई आवश्यकता वाले जिले – गोड्डा, साहेबगंज, दुमका, गुमला
उच्च सिंचाई आवश्यकता वाले जिले – देवघर, लोहारदग्गा, राँची, पश्चिम सिंहभूम
मध्यम सिंचाई आवश्यकता वाले जिले – गढ़वा, पलामू, गिरीडीह हज़ारीबाग
निम्न सिंचाई आवश्यकता वाले जिले – चतरा, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम
Note:- कुल कृषि योग्य भूमि में सिंचाई का प्रतिशत (24.25%) पलामू में सबसे ज्यादा है।
झारखंड में सिंचाई के साधन
झारखंड में सर्वाधिक सिंचाई कुँआ (29.28%) के माध्यम से, तालाब के माध्यम से 19.07%, नहर के माध्यम से 17.53%, नलकूप के माध्यम से 8.28% होता है। सिंचाई के अन्य स्रोतों से 25.74% सिंचाई होती है।
कुँआ (Well) – कुओं द्वारा झारखंड में सबसे ज्यादा सिंचाई क्रमशः गुमला, गिरीडीह, राँची, धनबाद, हज़ारीबाग जिला में होती है, गुमला मे कुल सिंचित भूमि का 87.20% कुंआ से सिंचाई होता है।
तालाब (Tank) – यह सिंचाई का सबसे पुराना साधन है। तालाब के द्वारा सबसे ज्यादा सिंचाई क्रमशः देवघर, धनबाद, साहेबगंज, दुमका, गोड्डा जिला में होती है। देवघर में कुल सिंचित भूमि का 49.30% भाग में सिंचाई तालाब से होती है।
नहर (Canal) – नहर द्वारा सबसे ज्यादा पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसवाँ में होती है।
नलकूप (Tube Well) – नलकूपों का आधुनिक युग का कुंआ कहा जाता है। पठारी क्षेत्र होने के कारण झारखंड के भूमि के अंदर चट्टाने पाई जाती है तथा भूमिगत जल स्तर नीचे होने के कारण ही झारखंड में नलकूपों का सीमित विकास हुआ है। नलकूपों द्वारा सबसे ज्यादा सिंचाई क्रमशः लोहारदग्गा, पलामू, हज़ारीबाग, गिरीडीह में हुआ है। लोहारदग्गा में कुल सिंचित भूमि का 32.60% सिंचाई नलकूप से होती है। नलकूप से सबसे कम सिंचाई देवघर मे होती है।
झारखंड में सिंचाई परियोजनाएँ
झारखंड में 3 तरह की सिंचाई परियोजनाएँ चलाई जा रही है :- वृहत, मध्यम और लघु परियोजना
वृहत सिंचाई परियोजना – 10,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सिंचाई व्यवस्था कराने वाले परियोजना को वृहत सिंचाई परियोजना कहा जाता है। झारखंड में निम्न परियोजना वृहत सिंचाई परियोजना है:-
1) स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना – यह परियोजना स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी पर पाँचवी पंचवर्षीय योजना में बनाई गई है। इससे लाभान्वित जिला पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सराईकेला खरसावां है।
2) कोनार बराज सिंचाई परियोजना –यह परियोजना कोनार नदी पर पाँचवी पंचवर्षीय योजना में बनाई गई है। इस परियोजना से लाभान्वित जिला बोकारो और हज़ारीबाग है।
3) उत्तरी कोयल सिंचाई परियोजना – यह परियोजना उत्तरी कोयल नदी पर पाँचवी पंचवर्षीय योजना में बनाई गई है। इस परियोजना से लाभान्वित जिला पलामू है।
4) गुमानी जलाशय परियोजना- यह परियोजना झारखंड की एक वृहत सिंचाई परियोजना है जो साहिबगंज जिला में अवस्थित है। जो सातवी पंचवर्षीय योजना के तहत बनाया गया है।इसका निर्माण गुमानी नदी पर किया गया है। इस परिजोना के तहत पाकुड़ और साहिबगंज को फायदा मिलेगा। यह परियोजना 1976 में शुरू की गई।
5) पुनासी जलाशय सिंचाई परियोजना (Punasi Irrigation Project)- यह झारखंड की एक वृहत सिंचाई परियोजना है। Punasi Irrigation System Of Jharkhand देवघर जिले के पुनासी गांव में अजय नदी पर चलाया जा रहा है। यह परियोजना सातवी पंचवर्षीय योजना के तहत चलाई गई है। इससे लाभान्वित होने वाला जिला देवघर और दुमका है।
6) अजय बराज सिचाई परियोजनाः यह परियोजना भी देवघर जिला के सिकटिया गांव में अवस्थित है। यह बांध भी अजय नदी पे बनाया गया है। यह परियोजना पांचवी पंचवर्षीय योजना के तहत चलाई गई है। इस परियोजना से लाभान्वित जिला जामताड़ा और देवघर है।
7) औरंगा जलाशय परियोजना- यह परियोजना पलामू जिले में अवस्थित है। यह औरंगा नदी पर बनी परियोजना है जिसे सातवीं पंचवर्षीय योजना के तहत बनाया गया है।
8) कांची जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना राँची जिला में अवस्थित है। यह कांची नदी पर बनाई गई परियोजना है।
मध्यम सिंचाई परियोजना – 2,000 हेक्टेयर से 10,000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई व्यवस्था कराने वाले परियोजना को मध्यम सिंचाई परियोजना कहा जाता है। झारखंड में 882 मध्यम सिंचाई परियोजना लागू की गई है जिनमे 602 परियोजनाएँ कार्यरत है।
लघु सिंचाई परियोजना – 2,000 हेक्टेयर से कम भूमि पर सिंचाई व्यवस्था कराने वाले परियोजना को लघु सिंचाई परियोजना कहा जाता है। झारखंड सरकार JHALCO (Jharkhand Hill Area Lift Irrigation Corporation Limted) द्वारा लघु सिंचाई परियोजना चलाती है। इस श्रेणी की परियोजना के तहत छोटे जलाशय, आहर, तालाब, चेक डैम, नलकूप, कुआँ आदि की व्यवस्था की जाती है।
मध्यम सिंचाई परियोजना
कुछ मध्यम सिंचाई परियोजना का वर्णन निम्न है:-
दुमका जिला की सिंचाई परियोजनाएं
तोरोई बराज परियोजना- यह सिंचाई परियोजना झारखंड की एक मध्यम सिंचाई परियोजना है जो दुमका जिला में अवस्थित है।इसका निर्माण 1978 ई में तोरोई नदी पर किया गया है।
बायां तट नहर सिंचाई परियोजना – यह सिंचाईं परियोजना दुमका जिले में अवस्थित है। इसे मयूराक्षी नदी पर बनाया जा रहा है।
कझिया बीयर सिंचाई परियोजना – यह परियोजना दुमका और गोड्डा जिला की सिंचाई परियोजना है। इसे कझिया नदी पर बनाया गया है।
हरना बीयर सिंचाई परियोजना – यह सिंचाईं परियोजना दुमका और गोड्डा जिले में हरना नदी पर बन रही है।
दिग्गल पहाड़ी जलाशय परियोजना- यह दुमका जिला में अवस्थित है।
कैराबनी जलाशय परियोजना- यह दुमका में अवस्थित है।
बड़ा नदी जलाशय परियोजना- यह दुमका जिला में अवस्थित है।
देवघर जिला की सिंचाई परियोजना
बुढई जलाशय परियोजना- यह परियोंजना देवघर जिला में अवस्थित है। यह मधुपुर के निकट पथरो नदी पर अवस्थित है।
दरुआ/डहुआ बीयर सिंचाई परियोजना-यह परियोंजना देवघर जिला में अवस्थित है।
त्रिकुट जलाशय परियोजना- यह परियोंजना देवघर जिला में अवस्थित है।
कृष्ण सागर जलाशय परियोजना – यह परियोंजना देवघर जिला में अवस्थित है।
गोड्डा जिला की सिंचाई परियोजना
बटेश्वरनाथ गंगा पंप नहर योजना –यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है। यह परियोजना बिहार और झारखंड दो राज्यों की परियोजना है।इस परियोजना में बिहार के कहलगांव से पानी गोड्डा जिला तक पहुंचाने का योजना है।
त्रिवेणी बीयर सिंचाई परियोजना- यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सुंदर जलाशय सिंचाई परियोजना- यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सुगाथान जलाशय सिंचाई परियोजना- यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सोनेपुर जलाशय सिंचाई परियोजना – यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
तरडीहा बराज सिंचाई परियोजना – यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सैदपुर बाँध सिंचाई परियोजना- यह सिंचाई परियोजना गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सुग्गाथान जलाशय सिचाई परियोजना – यह गोड्डा जिला में अवस्थित है।
सिवाने जलाशय सिंचाईं परियोजना – यह गोड्डा जिला में अवस्थित है।
पाकुड़ जिला की सिंचाई परियोजना
परगला बीयर परियोजना – यह पाकुड़ जिला की सिंचाई परियोजना है।
सूर्योदय जलाशय परियोजना – यह पाकुड़ जिला में स्थित है।
साहेबगंज की सिंचाई परियोजना
सकरी गली पंप परियोजना – यह परियोजना साहिबगंज जिला में गंगा नदी तट पर राजमहल प्रखण्ड मेंअवस्थित है। यह झारखंड राज्य का एक मध्यम सिंचाई परियोजना है।इसकी शुरूवात 1978 में की गई।
भौरा बांध जलाशय परियोजना- यह साहेबगंज और गोड्डा जिले की परियोजना है।
रांची की सिंचाई परियोजनाएं
कंस जलाशय परियोजना- यह परियोजना रांची जिला में कंस नदी तट पर अवस्थित है। यह झारखंड राज्य का एक मध्यम सिंचाई परियोजना है।इसकी शुरूवात 1979 में की गई।
रैसा जलाशय सिंचाई परियोजना – यह रांची जिला की सिंचाई परियोजना है।
बासुकी सिंचाई सहित जलापूर्ति परियोजना- यह रांची जिला की परियोजना है। इसकी शुरूवात 1984 में की गई।
सुरंगी जलाशय परियोजना- इसका आरंभ 1987 में किया गया। यह रांची जिला की एक सिंचाई परियोजना है।
बुचा उपा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना राँची जिला में अवस्थित है।
किता जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना राँची जिला में अवस्थित है।
कोकरो जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना राँची जिला में अवस्थित है।
राढू जलाशय परियोजना – यह परियोजना रांची जिला के सिल्ली प्रखंड में राढू नदी पे बनाया गया है।
आराडीह जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना राँची जिला में अवस्थित है।
लोहरदग्गा की सिंचाई परियोजना
नंदिनी जलाशय सिंचाई परियोजना – यह परियोजना लोहरदग्गा जिला में अवस्थित है।
डहरबाटी जलाशय सिंचाई परियोजना – यह परियोजना लोहरदग्गा जिला में अवस्थित है। यह किस्को प्रखण्ड के डाहरबाटी नाले में प्रस्तावित है।
फुलझर नाला जलाशय सिंचाई परियोजना – यह परियोजना लोहरदग्गा जिला में अवस्थित है। यह सेन्हा प्रखण्ड में अवस्थित है।
सुकरी जलाशय सिंचाई परियोजना- यह लोहरदग्गा जिला की सिंचाई परियोजना है।
चंदलासो जलाशय सिंचाई परियोजना – यह परियोजना लोहरदग्गा जिला में अवस्थित है।
गुमला जिला की सिंचाई परियोजनाएं
धान सिंह टोली जलाशय परियोजना- यह गुमला जिला की परियोजना है। यह 1986 में बनाई गई।
रामरेखा जलाशय परियोजना- यह गुमला जिला की परियोजना है। यह रामरेखा नदी पर 1981 में बनाई गई। इस परियोजना से लाभान्वित जिला गुमला और सिमडेगा है।
कांसजोर जलाशय परियोजना-गुमला जिला की परियोजना है। यह 1989 में बनाई गई। इस परियोजना से लाभान्वित जिला गुमला और रांची है।
अपर शंख जलाशय परियोजना – यह गुमला जिला के डुमरी प्रखंड के टंगाल गांव में स्थित परियोजना है। यह शंख नदी पर 1987 में बनाई गई।
तपकारा जलाशय सिंचाई परियोजना – यह गुमला जिला की सिंचाई परियोजना है।
कतरी जलाशय परियोजना – यह परियोजना गुमला जिला में कतरी नदी तट पर मेंअवस्थित है। यह झारखंड राज्य का एक मध्यम सिंचाई परियोजना है।इसकी शुरूवात 1981 में किया गया।
पारस जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गुमला जिला में अवस्थित है।
मसरिया जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गुमला जिला में अवस्थित है।
जयपुर जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गुमला जिला में अवस्थित है।
बिशुनपुर जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गुमला जिला में अवस्थित है।
खतवा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गुमला जिला में अवस्थित है।
सिमडेगा की सिंचाई परियोजना
छिंदा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना सिमडेगा जिला में अवस्थित है।
खूँटी जिला की सिंचाई परियोजना
लतरातु जलाशय सिंचाई परियोजना – यह खूँटी जिला की परियोजना है।
तजना बराज परियोजना–यह जलाशय परियोजना खूँटी जिला में अवस्थित है।
गढ़वा जिला की सिंचाई परियोजना
अन्नराज जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
धनकाई जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
चिरका जलाशय परियोजना- यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
दानरो जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
सरसतिया जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
फुलवरिया जलाशय परियोजना- यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
बाईं बांकी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
पंडरवा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
सोन-कान्हर पाइपलाइन परियोजना – यह परियोजना गढ़वा और पलामू जिला की परियोजना है। इस परियोजना के अंतर्गत सोन और कानहर नदी से पाइपलाइन के जरिए पानी लाके जलाशयों, तालाबों, जल निकायों को भरा जाएगा जिससे पलामू और गढ़वा जिला के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को जल प्रदान किया जाएगा।
उत्तमाही जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
बभनीखांड जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
चटनीयाघाट जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
कवलदाग जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना गढ़वा जिला में अवस्थित है।
डोमनी नाला सिंचाई परियोजना –यह सिंचाईं परियोजना गढ़वा जिला के खौरोंधी प्रखण्ड के डोमनी नाला पे बनाया जाएगा।
पलामू जिला की सिंचाई परियोजनाएं
मलय जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
बटाने जलाशय परियोजना- यह परियोजना पलामू जिला में बटाने नदी तट पर अवस्थित है। झारखंड राज्य का एक मध्यम सिंचाई परियोजना है।इसकी शुरूवात 1981 में की गई। इस परियोजना से लाभान्वित जिला पलामू और गढ़वा है।
बुटनडूबा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
टेमराइन जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
सदावह जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
जिंजोई जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
चाको जलाशय परियोजना- यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
सोनरे जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
पीरी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
रानीताल जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
बतरे जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
हरही जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
चोरडंडा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
अपर करवार जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पलामू जिला में अवस्थित है।
अमानत बराज परियोजना – यह परियोजना 1983 में शुरू की गई। यह पलामू जिला के अमानत नदी पर अवस्थित है।
लातेहार की सिंचाई परियोजनाएं
घाघरी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना लातेहार जिला में अवस्थित है।
नकटी नाला जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना लातेहार जिला में अवस्थित है।
रामघाट जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना लातेहार जिला में अवस्थित है।
बिरहा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना लातेहार जिला में अवस्थित है।
पश्चिम सिंहभूम की सिंचाई परियोजनाएं
तोरलो जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
सतपोटका जलाशय परियोजना – इसका आरंभ 1984 में किया गया। जलाशय सिंचाई परियोजना प सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
नकटी जलाशय परियोजना- यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम की परियोजना है। इसका आरंभ 1983 में किया गया।
रोरो जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
पुतूंगरा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
जेनासाई जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
सोनूआ जलाशय परियोजना- यह परियोजना पश्चिम सिंहभूम के सोनूआ प्रखंड में संजय नदी पर अवस्थित है।इसकी शुरुआत 1982 में किया गया।
झरझरा जलाशय सिंचाई परियोजना – यह जलाशय सिंचाई परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है। यह परियोजना 1982 में शुरू की गई थी।
विजय जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
बरहमिनी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
सोना जलाशय परियोजना –यह जलाशय परियोजना पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
पूर्वी सिंहभूम की सिंचाई परियोजना
राजबांध जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पूर्वी सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
देशबांध जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पूर्वी सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
मुराहिर जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना पूर्वी सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
सरायकेला खरसावां की सिंचाई परियोजना
मुरामसोना जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
दुगुनी बराज परियोजना – यह सिंचाई परियोजना सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
सुरु जलाशय सिंचाई परियोजना-यह जलाशय सिंचाई परियोजना सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
लोरगारा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
पलना जलाशय परियोजना –यह जलाशय परियोजना सरायकेला खरसावां जिला में अवस्थित है।
हजारीबाग की सिंचाई परियोजनाएं
घाघरा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
सलईया जलाशय परियोजना- यह हजारीबाग जिला की परियोजना है।इसका आरंभ 1982 में किया गया।
गौंडा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
बौधा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
लोटिया जलाशय परियोजना – यहजलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
जमुनिया जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
कुटिपिसी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
जुगरा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना हजारीबाग जिला में अवस्थित है।
पंचखेरी जलाशय परियोजना- यह हजारीबाग जिला की परियोजना है। यह 1984 में बनाई गई। इस परियोजना से लाभान्वित जिला हजारीबाग और कोडरमा है।
कोडरमा की सिंचाई परियोजना
तिलैया सिंचाई परियोजना – यह सिंचाई परियोजना कोडरमा जिला में बराकर नदी पर बनाया जा रहा है।
केशो जलाशय परियोजना- यह हजारीबाग और कोडरमा जिले की परियोजना है। यह केशो नदी पर बनाया गया है।इसका आरंभ 1982 में किया गया।
रामगढ़ जिला की सिंचाई परियोजना
लरवा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना रामगढ़ जिला में अवस्थित है।
लपसिया जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना रामगढ़ जिला में अवस्थित है।
भैरवा जलाशय परियोजना- परियोजना रामगढ़ जिला में भेड़ा नदी पे बनाया गया है। यह गोला प्रखण्ड के सोनाई गांव में अवस्थित है। इसका आरंभ 1984 में किया गया। इस परियोजना से लाभान्वित राज्य रामगढ़ और हजारीबाग है।
चतरा की सिंचाई परियोजनाएं
हीरू जलाशय परियोजना –यह जलाशय परियोजना चतरा जिला में अवस्थित है।
ढूलकी जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना चतरा जिला में अवस्थित है।
अंजनवा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना चतरा जिला में अवस्थित है।
गोलाई सह सुधरी बीयर परियोजना – यह जलाशय परियोजना चतरा जिला में अवस्थित है।
बक्सा जलाशय परियोजना – यह जलाशय परियोजना चतरा जिला में अवस्थित है।
गिरिडीह की सिंचाई परियोजना
उसरी सिंचाई परियोजना – यह जलाशय परियोजना गिरिडीह जिला में अवस्थित है।
बोकारो की सिंचाई परियोजना
गोबई बराज परियोजना – यह जलाशय परियोजना बोकारो जिला में अवस्थित है।
तेनु बोकारो नहर परियोजना – यह जलाशय परियोजना बोकारो जिला में अवस्थित है।
धनबाद की सिंचाई परियोजना
खुदिया बीयर परियोजना – यह जलाशय परियोजना धनबाद जिला में अवस्थित है।
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