शिक्षा के क्षेत्र में मिशनरियों का योगदान
Contribution Of Christian Missionaries
झारखंड राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में मिशनरियों का व्यापक योगदान रहा है। इनके द्वारा कई शिक्षक प्रशिक्षण स्कूल, प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल ,उच्च शिक्षा, व्यवसायीक स्कूल एवं तकनीकी शिक्षा स्कूल,सामान्य शिक्षा, विकलांगों की शिक्षा से संबंधित संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है।
एसपीजी मिशन द्वारा 1904 में पुरुषों के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल खोला गया था। वही 1909 ई में एसपीजी मिशन द्वारा सेंट मार्गरेट महिला प्रशिक्षण स्कूल खोला गया जो कि एक शिक्षक प्रशिक्षण स्कूल है। G E L चर्च ने 1948 ई में बैथेसडा महिला प्रशिक्षण स्कूल खोला था। 1912 में रोमन कैथोलिक चर्च ने नवाटोली में एक प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया था। रोमन कैथोलिक मिशन ने 1914 ईस् लोहरदग्गा मैं उर्सलाइन महिला शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना की थी। 1950 में रोमन कैथोलिक चर्च ने सीता गड़ा नामक स्थान में एक विद्यालय की स्थापना की थी।
संथाल परगना में चर्च ऑफ इंडिया द्वारा 1912 में क्रिश्चियन ट्रेनिंग स्कूल देवघर की स्थापना की थी तथा दुमका के महारो में इसी चर्च ने महारो क्रिश्चियन महिला ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की थी। इस प्रकार 1960 तक झारखंड में 8 शिक्षक प्रशिक्षण स्कूलों की स्थापना ईसाई मिशनरियों के द्वारा की गई थी।
प्राथमिक शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में संपूर्ण आंकड़ा उपलब्ध नहीं है लेकिन 1967 के आंकड़े के अनुसार रोमन कैथोलिक मिशन द्वारा 538 प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी जो रांची पलामू और हजारीबाग में थे। एसपीजी मिशन द्वारा 52 स्कूलों की स्थापना की गई थी वही G.E.L. चर्च द्वारा 88 प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की गई थी। 1967 तक कुल 678 प्राथमिक विद्यालय मिशन द्वारा स्थापित किए गए थे जिसमें कुल 64,444 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे थे।
मध्य विद्यालयों की कुल संख्या इस समय तक 180 थी। कैथोलिक चर्च द्वारा 121 स्कूल, एसपीजी चर्च द्वारा 22 स्कूल और G.E.L. चर्च द्वारा 37 स्कूल स्थापित किए गए थे जिसमें 28,409 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे।
उच्च शिक्षा
उच्च शिक्षा के लिए सेंट कोलंबस महाविद्यालय की स्थापना 1899 में एंग्लिकन चर्च द्वारा की गई थी। रांची में 1944 में सेंट जेवियर महाविद्यालय की स्थापना कैथोलिक चर्च द्वारा की गई थी। कैथोलिक चर्च द्वारा जेवियर लेबर रिसर्च इंस्टीट्यूट (XLRI) की स्थापना जमशेदपुर में तथा ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (XISS) की स्थापना रांची में की गई।
तकनीकी शिक्षा
तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा से संबंधित एक संस्थान तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान फुदी, जो प्रशिक्षण से उत्पादन केंद्र था, की स्थापना G.E.L. चर्च द्वारा की गई थी। यहां फिटर कारपेंटर और बिल्डर का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसी प्रकार सिलाई, बुनाई, कार्पेंट्री आदि के लिए अनेक प्रशिक्षण संस्थान मिशनरियों द्वारा चलाए जाते हैं।
व्यवसायगत शिक्षा के लिए क्रिश्चियन मिशनरीने निम्नलिखित संस्थान स्थापित किए – लॉ कॉलेज- 1,अस्पताल सह महाविद्यालय -2, दो पशु अस्पताल, एक तकनीकी महाविद्यालय, 4 कृषि महाविद्यालय, एक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय एक कुल 10 महाविद्यालयों की स्थापना झारखंड क्षेत्र के लिए की गई है।
दिव्यांग शिक्षा
विकलांगों की शिक्षा के लिए ईसाई मिशनरियों ने कई प्रयास किए हैं। नेत्रहीनों के लिए 1966 में विद्यालय की स्थापना की गई थी। सेंट माइकल स्कूल फॉर ब्लाइंड रांची में एसपीजी चर्च द्वारा चलाया जा रहा है। यह पहला ऐसा स्कूल है जो 9898 में स्थापित किया गया था यह झारखंड का प्रथम तथा भारत का सातवां स्कूल है। 1957 में ब्लाइंड मेंस कोपरेटिव, रांची की स्थापना की गई। 1952 में धनबाद ब्लाइंड स्कूल की स्थापना की गई थी। बधिर स्कूल, मुक स्कूल एवं मानसिक विकलांगता के स्कूलों की स्थापना भी ईसाई मिशनरियों के द्वारा की गई है।
Contribution Of Christian Missionaries in Education
मिशनरियों द्वारा स्थापित स्वास्थ्य केंद्र
1969 के एक सर्वे के तहत जो जानकारी प्राप्त होती है उसका वर्णन निम्न है
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