झारखंड की कृषि संबंधित योजनाएँ
Agriculture Scheme Of Jharkhand
आर्या योजना (ARYA Scheme)
ARYA योजना का फुल फॉर्म Attracting & Retaing Youth In Agriculture है। इस योजना की शुरुआत 2017 में की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कृषि-कर्म की और आकर्षित करना तथा राज्य में हरित क्रांति लाना है। इस योजना के तहत Agriculture Technology Management & Training Agency (ATMA) के माध्यम से हर गाँव के दो युवा का चयन करके कृषि के नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये प्रशिक्षित युवा गाँव के परती भूमि को चिन्हित कर उसे खेती लायक बनाएंगे तथा ग्रामीणों को उस भूमि में दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
जैविक खेती योजना
झारखंड सरकार ने यह योजना 2017 में चालू किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैविक कृषि को बढ़ावा देना है।
विशिष्ट फसल योजना
झारखंड सरकार ने यह योजना मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू किया है। झारखंड की जलवायु और भौगोलिक दशाएं मोटे अनाज के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इस योजना के तहत रागी, मडुआ, ज्वार और गुड़गी के उत्पादन पर जोर दिया गया है। साथ ही इस फसल योजना में गन्ना और दाल के उत्पादन को भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
इस योजना के तहत 2016 में झारखंड में 3.53 लाख हेक्टेयर तक कि भूमि का बीमा किया गया है जिससे 8.29 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत गिरीडीह, देवघर तथा गुमला में 5000 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है।
जल-निधि योजना
झारखंड सरकार द्वारा यह योजना 2015-16 में प्रारम्भ किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में मानसून पर किसानों की निर्भरता को कम करना है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न स्रोतों से सिंचाई की व्यवस्था किया जाता है जैसे डीप बोरिंग, परकोलेशन टैंक, मायक्रोलिफ्ट इरिगेशन।
जल क्रांति अभियान
केंद्र सरकार ने इस अभियान की शुरुआत 2015-16 में की। इस अभियान के तहत झारखंड के 48 गाँव को जल-ग्राम के रूप में चयन किया गया है,जो प्रत्येक जिला से 2-2 चुना गया है। इस अभियान के तहत सारे 48 गाँव को जल के सभी आयामों में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। 2016-17 में इस सभी जल-ग्राम में CIWSP (Comprehensive Integrated Water Security Plan) योजना लागू किया गया।
खुदिया बीयर योजना
इस योजना की शुरुआत 18 दिसंबर 2016 में की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि योग्य भूमि में सिंचाई उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत 27 गांवों के 42000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चास प्रखंड के गबई बराज और धनबाद के गोविंदपुर के खुदिया नदी में 272 करोड रुपए की लागत से इस योजना की शुरुआत की गई है।
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना
इस योजना की शुरुआत 10 अगस्त 2019 में की गई। इस योजना के अंतर्गत खरीफ फसल के उत्पादन के लिए छोटे और सीमांत किसानों को 5000 रु प्रति एकड़ की राशि प्रदान की जाती है (अधिकतम 25000 रु)। यह 5 एकड़ जमीन तक दी जाती है। जिन किसानों के पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है उस किसान को इस योजना का लाभ नही मिलता। किसानों के बीच इस योजना को प्रसारित करने के लिए “जीवन सारथी” अभियान चलाया गया है।
तिलका मांझी ग्रामीण पम्प योजना
झारखंड सरकार ने इस योजना की शुरुवात 2 जुलाई 2016 में पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा से की गई। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण सिंचाई पम्पो को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत झारखंड के 81 विधान सभा मे सभी विधान सभा के 50-50 गांव का चयन किया गया है और प्रत्येक गाँव से 25-25 पम्प धारकों का। इस योजना के 40% लाभार्थी SC/ST वर्ग के होते है। जो व्यक्ति जितना गरीब होगा, योजना के चयन में उसे उतनी अधिक प्राथमिकता दी जाएगी।
कृषि क्लिनिक योजना
This Scheme is one of the Schemes of Jharkhand Government which is made for advancement of agriculture in Jharkhand. इस योजना की शुरुआत 2015-16 में झारखंड सरकार द्वारा की गई। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाना तथा किसानो की आय में वृद्धि करना। इस योजना के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य, पौधा-संरक्षण, फसल-बीमा, पशु-चारा आदि पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के स्नातकों द्वारा किसानों को परामर्श उपलब्ध कराया जाता है।
नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना
कोरोना संकट के दौरान अनेक प्रवासी मज़दूरों का झारखंड में आगमन हुआ। इनके के लिए रोजगार उपलब्ध कराना झारखंड सरकार के लिए चुनौती बन गई। इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने 4 मई 2020 को 3 योजनाओं की शुरुआत की पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना। इस योजना के द्वारा राज्य के जल संकट को दूर करने का तथा कृषि उत्पादन को बढ़ाने पे विशेष ध्यान दिया गया है। यह योजना झारखंड के सभी पंचायत में चलाई जा रही है।
इस योजना के लक्ष्य
a) मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन
b) राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में 5 करोड़ लीटर की वृद्धि करना।
c) 5 लाख एकड़ बंजर भूमि को उपयोग लायक बनाना
d) खेत का पानी खेत के पास रोकने का लक्ष्य
e) जल संरक्षण के विभिन्न संरचनाओं का निर्माण जैसे डोभा, पोखर, हैंडपम्प, कुँवा
f) जल संकट से जूझ रहे लातेहार, पलामू और गढ़वा जिला में भूगर्भ जल का स्तर बढ़ाना।
g) प्रवासी मजदूरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना।
बिरसा हरित ग्राम योजना
Agriculture Scheme Of Jharkhand
कोरोना संकट के दौरान अनेक प्रवासी मज़दूरों का झारखंड में आगमन हुआ। इनके के लिए रोजगार उपलब्ध कराना झारखंड सरकार के लिए चुनौती बन गई। इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने 4 मई 2020 को 3 योजनाओं की शुरुआत की पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना।
हरित ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत 5 करोड़ फलदार वृक्ष लगाए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए प्रत्येक जिले में 1400 एकड़ परती भूमि को चिन्हित कर उसमें फलदार वृक्षों की मिश्रित बागवानी की जाएगी। जिसमे 450 एकड़ जमीन पर अनिवार्यतः फलदार पेड़ लगाए जाएंगे। इस योजना में आम (आम्रपाली और मल्लिका प्रजाति), अमरूद (L-49, इलाहाबादी सफेदी प्रजाति) और नींबू, शरीफा, खैर, कटहल, बैर के पौधे को प्राथमिकता दी गई है। और इसके चारों और इमारती लकड़ी के पौधे लगाए जाएंगे।
सरकार ने 3 वर्ष तक मे किसान की वार्षिक आमदनी 50000 करने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना को मनरेगा से जोड़ दिया गया है। इस योजना के तहत 5 करोड़ पौधों के देखभाल के लिए स्थानीय महिलाओं के समूह “बागवानी सखी” का गठन किया गया है। इससे स्थानीय महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा।
जिला और प्रखंड स्तर पर प्रसंकरण इकाइयों की स्थापना की जाएगी जिससे उत्पादों के लिए बाजार मिल सके।
इस योजना के अंतर्गत 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कीटपालन और लाह उत्पादन भी शामिल किया गया है।
मुफ्त स्मार्ट फोन योजना
झारखंड सरकार द्वारा यह योजना 2018 से शुरू की गई। e-NAM (National Agriculture Market) में पंजीकृत सभी किसानों के लिए झारखंड सरकार ने मुफ्त स्मार्ट फोन प्रदान करने की व्यवस्था की है। e-NAM 2016 में एकीकृत राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया पोर्टल है। इस प्लेटफार्म से किसान अपने उत्पादों को उचित मूल्य में किसी भी बाजार में बेच सकता है। Agriculture Scheme Of Jharkhand
ULPIN Scheme
इस योजना का full form है Unique Land Parcel Identification Number. इस योजना के तहत झारखंड सरकार हर प्लॉट को यूनिक नंबर प्रदान करेगी और इसे मालिक के आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। यह यूनिक नंबर 15 से 18 अंको की होगी। इस नंबर में जमीन का खाता नंबर, मौजा नंबर, अंचल नंबर और जिला नंबर समाहित होगा।
अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना
इस योजना की शुरुआत 2020-21 के बजट से की गई है। इस योजना के तहत किसानों को ₹50,000 तक का कृषि ऋण माफ किया जाएगा। इस योजना के लिए दो हजार करोड़ बजट का प्रावधान किया गया है।
Schemes of Jharkhand Government Part-1
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Schemes of Jharkhand Government Part-3
Schemes of Jharkhand Government Part-4
Schemes of Jharkhand Government Part-5