कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
Computer Programming Language
Introduction – इसे Artificial Language/ Programming Language/Programming System भी कहा जाता है। यह एक Vocabulary और Set Of Grammatical Instructions है, जिसे computer को Instruction देने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
Lady Ada Lovelace – यह विश्व की सबसे पहली Computer Programmer है। जिसने 1842 में पहली Computer Language बनाई। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नाम इसी के नाम पर “Ada” रखा गया था।। Analytical Engine बनाने में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। Analytical Engine के Father चार्ल्स बावेज को तथा mother Lady Ada Lovelace को माना जाता है।
Note:- Programmer जिस Code को लिखता है उसे Source Code कहा जाता है। प्रायः Source Code हाई लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है l। जब इसे Assembler, Complier तथा Interpretor की मदद से मशीन लैंग्वेज में बदलते हैं तो हमें Object Code प्राप्त होता है। Object code को मिलाकर Executable File बनता है जिसके मदद से software को run कराया जाता है।
Type Of Computer Language
Computer Language दो प्रकार के होते हैं Low Level Language और High Level Language. Low Level Language कंप्यूटर को समझने में आसान होता है वही High Level Language मनुष्य को समझने में आसान होता है। जो Language जितना Low होगा वह कंप्यूटर को समझने में आसान होगा और जो लैंग्वेज जितना High होगा वह मनुष्यों को समझने में उतना आसान होगा।
Level के आधार पर Programming Language
Low Level Language
Low Level Language दो प्रकार के होते है:- Machine Language और Assembly Language
High Level Language
उच्च स्तरीय कंप्यूटर भाषा को तीन भागों में बांटा गया है: – Third Generation Language, Fourth Generation Language और Fifth Generation Language.
Difference between HLL & LLL
Generation के आधार पर Programming Language
First Generation Programming Language
इसे Machine Language भी कहा जाता है। कंप्यूटर सिर्फ Machine Language को ही समझता है। यह लैंग्वेज Binary Form (0,1) में होता है। यह सीधे Compuer की CPU में very fast और efficienctly Run कर सकती है। Machine Language में Coding करना बहुत मुश्किल है तथा गलतियां होने की संभावनाएं ज्यादा है। इस लैंग्वेज में गलतियां निकालना बहुत मुश्किल होता है। यह non portable है। मतलब यह एक ही प्रकार के कंप्यूटर में प्रयोग किया जा सकता है। आज भी Driver, Firmware और Hardware बनाने में Machine Language का उपयोग किया जाता है। लेकिन इन तीनों को update करने के लिए Assembly Language का प्रयोग किया जाता है। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के लिए किसी भी प्रकार की Translator की जरूरत नहीं होती है।
Second Generation Programming Language
इसे Assembly Language और Middle Level Language भी कहा जाता है। यह Collection of Mneomoics words होता है। इसे Machine Language में convert करने के लिए Assembler का प्रयोग किया जाता है। Driver, Firmware और Hardware को update करने के लिए Assembly Language का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावे Hardware Manipulation, Specialized Processor Instruction, Low Level Embedded System, Real Time System के Coding के लिए Assembly Language का उपयोग किया जाता है।
Third Generation Programming Language
FORTRAN, COBOL, C, C++, C#, Java, Java Script ये Third Generation Programming Language है। Third Generation Language का प्रयोग Software बनाने के लिए किया जाता है। यह मनुष्य के भाषा के बहुत करीब होता है, इसलिए यह user friendly होता है। Compiler तथा Interpretor का प्रयोग किया जाता है इसे Machine Language में बदलने के लिए। यह English Statement के फॉर्म में होता है। यह Portable होता है।
Fourth Generation Programming Language
इसका प्रयोग Website, Database और Reports बनाने के लिए किया जाता है। Perl, Python, Ruby, SQL, MatLab (Matrix Laboratory), HTML, CSS Fourth Generation Programming Language का उदाहरण है।
Fifth Generation Programming Language
इस Language का प्रयोग Artificial Alogorithm & Technology में करते है। Artificial Intelligence, Robot और Machine बनाने में इस language का उपयोग होता है। Python, Mercury, LISP (List Processing), OPS5, Prolog (Programming in Logic) इसके उदाहरण है।
Note:- LISP को Devlope John Macarthy के द्वारा किया गया। इसे Father Of Artificial Intelligence कहा जाता है। Python को AI बनाने में सबसे ज्यादा Priority दिया जाता है। Prolog का प्रयोग Medical Project में ज्यादातर किया जाता है।
Type Of High Level Language
High level Language को दो भागों में बांटा जाता है:- Procedure Oriented & Object Oriented:-
Procedure Oriented Programming
इस तरह के Programming में Procedure (Alogorithm) में विशेष ध्यान दिया जाता है। Main Program को कई छोटे Component में divide करके किया जाता है जिसे function कहा जाता है। It is top down approach है. इसके लिए कम Memory की जरूरत होती है।
Drawback – 👍 complexity, Modular Dependency, it shares global data (Less Securtity),
FORTRON – Formula Translation. Scientific Purpose के रूप में उपयोग होने वाला पहला Programming Language यही है।
COBOL- Common Business Oriented Language.
BASIC – Beginners All Purpose Symbolic Instruction Code. यह पहला प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो Non – professional तथा Untrained लोगों के लिए बनाया गया है। इस लैंग्वेज को Develope करने का श्रेय माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स को दिया जाता है।
PASCAL – यह Teaching Purpose से बनाया गया पहला प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
C Language – इसे UNIX OS को बनाने के लिए किया गया था।
Object Oriented High Level Language
इस तरह के Programming में Data (Alogorithm) में विशेष ध्यान दिया जाता है। Main Program को कई छोटे Component में divide करके किया जाता है जिसे Object कहा जाता है। यह ज्यादा Secure होता है। It is bottom up approach. इसके लिए ज्यादा Memory की जरूरत होती है।
Advantage – Data hiding through Encapsulation, No Modular interdependency.
SIMULA – यह पहला Object Oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
RUBY – यह भी Object Oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। यह Web Application में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
C++ –
Java
C#
Language Translator
High level Language या Assembly Language को मशीन लैंग्वेज (Binary Language) में Language Translator बदलता है। ये इसलिए जरूरी होता है कि कंप्यूटर सिर्फ मशीन लैंग्वेज को समझता है। Language Translator तीन प्रकार के होते है:- Assembler, Interpretor और Compiler.
Assembler – यह Assembly Language को मशीन लैंग्वेज में बदलता है।
Interpretor – यह line by line उच्च स्तरीय भाषा को पढ़ता है और line by line उसे मशीन भाषा में बदलता है।
Compiler- यह एक साथ उच्च स्तरीय भाषा को पड़ता है तथा एक ही साथ उसे मशीनी भाषा में बदलता है।
Error in Programming
Programming में Error निम्न तीन प्रकार की होती है: –
👍 Syntax Error – यह error, Static होता है। इसके अन्तर्गत निम्न Error आते है:-
💕 Mistakes in Source Code
💕 Misspellings In Mnemonic
💕 Find By the Compiler
👍 Run Time Error – यह Dynamic mature का होता है। Programe के Run करते समय जो Error आता है। इस Error से Programe Crash हो जाता है। किसी भी number को 0 से divide करते समय यह Error आता है। जब browser, HTML code को support नही करता तब यह Error आता है।
👍 Logic Error/Sementic Error – इस Error के वजह से Program, Crash नही करता है। Coding ठीक से नही होने पर यह Error आता है या Program में Bug होने से।
Computer Programming Language
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