भारत के मुख्य भाषाओं का अध्ययन
Languages In India
Classical Language Of India
भारत में 6 भाषाओं को क्लासिकल भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है जो है:- तमिल (2004), संस्कृत (2005), कन्नड़ (2008), तेलुगू (2008) मलयालम (2013), और उड़िया (2014)। सारे क्लासिकल भाषाएं संविधान की आठवीं अनुसूची में अंकित है।
Classical Language Of India तमिल, संस्कृत, कन्नड़, तेलुगू ,मलयालम, और उड़िया |
राजभाषा आयोग- प्रथम राजभाषा आयोग का गठन अनुच्छेद 344 (1) के अनुसार राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद द्वारा 7 जून 1955 में बाल गंगाधर खेर की अध्यक्षता में किया गया। यह आयोग 21 सदस्यों से मिलकर बनी थी। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य हिंदी के विकास तथा इसके प्रयोग को विकसित करना था। इस समिति ने 31 जुलाई 1956 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत किया। इस समिति की निम्न सिफारिश थी: –
1) अखिल भारतीय स्तर पर सामूहिक माध्यम के रूप में अंग्रेजी को स्वीकार करना संभव नहीं है।
(2) बहुमत द्वारा बोली तथा समझी जाने वाली हिन्दी ही पूरे देश के लिए एक सुस्पष्ट भाषा माध्यम है।
(3) 14 वर्ष की उम्र तक के प्रत्येक विद्यार्थी को हिन्दी का उचित ज्ञान प्राप्त कराया जाना चाहिए।
(4) सारे देश में माध्यमिक शिक्षा के स्तर तक हिन्दी का शिक्षण अनिवार्य कर दिया जाए। हिन्दीभाषी क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए एक दूसरी दक्षिण भारतीय भाषा का ज्ञान अनिवार्य किया जाना आयोग को मान्य नहीं है।
(5) सभी विश्वविद्यालयों को चाहिए कि हिन्दी माध्यम से जो विद्यार्थी परीक्षा में बैठना चाहें उनके लिए वे उचित प्रबंध करें।
(6) वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में यदि सब विद्यार्थी एक भाषायी वर्ग के हों तो उनकी भाषा के माध्यम से ही उन्हें शिक्षा दी जाए और यदि वे विभिन्न भाषायी क्षेत्रों के हों तो हिन्दी भाषा को ही उन सभी के लिए माध्यम के रूप में अपनाया जाए।
(7) प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए हिन्दी का निश्चित अवधि में आवश्यक ज्ञान प्राप्त करने के लिए नियम लागू किए जाएँ और ऐसा न करने वालों को दंडित किया जाए।
(8) जनता से सीधा संबध रखने वाले विभागों और संगठनों में आंतरिक कार्यो में हिन्दी तथा जनता से व्यवहार हेतु क्षेत्रीय भाषा व्यवहार में लाई जाए।
(9) राज्य और संघ सरकार के अधिकारियों के लिए किसी स्तर का हिन्दी ज्ञान अनिवार्य किया जाय और इसके लिए उन्हें अधिकाधिक पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाय।
(10) स्वीकृत सरकारी कानून हिन्दी में ही होने चाहिए, परंतु जनता की सुविधा केलिए क्षेत्रीय भाषाओं में उनके अनुवाद प्रकाशित किए जाने चाहिए।
(11) देश में न्याय, देश की भाषा में किया जाए, इसके लिए यह जरूरी है कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों की समस्त कार्यवाही तथा विलेखों, निर्णयों तथा आदेशों के आवश्यकतानुसार क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद भी संलग्न किए जाएं।
(12) अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं हेतु कर्मचारियों के लिए हिन्दी की योग्यता रखना आवश्यक किया जाए। इन परीक्षाओं में हिन्दी का अनिवार्य प्रश्न-पत्र रखा जाए, परंतु अहिन्दीभाषी विद्यार्थियों की सुविधा की दृष्टि से उसका स्तर अति साधारण रहे।
प्रथम राजभाषा आयोग के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को जांच करने के लिए राष्ट्रपति ने 30 सदस्य की संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष तत्कालीन गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत थे।इसमें लोक सभा के 20 तथा राज्य सभा के 10 सदस्य थे। इस समिति को गोविंद बल्लभ पंत समिति कहा जाता है। इस समिति ने 1859 को अपने रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपा।
Note:- गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इसके नाम पर ही गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय भारत का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है जो पंतनगर उधमसिंहनगर जिला उत्तराखंड में अवस्थित है। इन्होंने ही यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रखा था। इस समिति की मुख्य सिफारिश से निम्नलिखित थी:-
1. जब तक अधिकारी या कर्मचारी हिंदी का ज्ञान प्राप्त न कर ले तब तक वह अंग्रेजी में कार्य कर सकता है।
2. 45 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को हिंदी के प्रशिक्षण से छूट मिलनी चाहिए।
राजभाषा आयोग और संसदीय राजभाषा समिति के रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति ने 1960 में
राजभाषा
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में चुना था लेकिन इसे 26 जनवरी 1965को लागु किया गया । हिंदी को आधिकारिक बनाने के लिए व्यौहार राजेंद्र सिंह का अति महत्वपूर्ण योगदान है और 14 सितंबर 1949 इस का 50 वां जन्मदिन भी था। इस कारण 1953 से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में व्यौहार राजेंद्र सिंह का साथ काका कलेलकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंद दास आदि साहित्यकारों ने दिया। जब हिंदी को आधिकारिक राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ उस समय और अहिंदी भाषी क्षेत्र में के लोगों ने आंदोलन किया जिसके फलस्वरूप अंग्रेजी को अगले 15 आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया जो अब तक विद्यमान है।
विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व हिंदू दिवस की शुरुआत 2006 से शुरू हुई थी। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 में नागपुर में हुआ था।
Note:- भारतीय संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया है न की राष्ट्रभाषा का।
Note:- हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है पहला स्थान मंदारिन (चीनी) दूसरा स्थान अंग्रेजी का है। चौथी और पांचवी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा क्रमशः स्पेनिश और फ्रेंच है।
हिंदी साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
हिंदी का प्रथम पत्रिका | उदंत मार्तंड (1826) |
हिंदी का प्रथम दैनिक समाचार पत्र | सुधावर्षण |
हिंदी के प्रथम कवि | सिद्ध सरहपा (9वीं सदी) |
हिंदी का प्रथम एकांकी | एक घूंट (जयशंकर प्रसाद, 1915) |
हिंदी का प्रथम उपन्यास | देवरानी जेठानी की कहानी (पंडित गौरीदत्त) |
हिंदी का प्रथम नाटक | नहुष (गोपाल चंद्र, 1841) |
हिंदी साहित्य की प्रथम कहानी | इंदुमती |
देवताओं की लिपि | देवनागरी |
हिंदी में प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार | सुमित्रानंदन पंत (चिदंबरा के लिए, 1968) |
हिंदी के प्रथम साहित्य अकैडमी पुरस्कार | माखनलाल चतुर्वेदी (हिमतरंगिणी के लिए, 1955) |
हिंदी साहित्य का प्रथम महाकाव्य | पृथ्वीराज रासो (चंद्रवरदाई द्वारा रचित) |
हिंदी का प्रथम अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय | महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा |
महात्मा गांधी का हिंदी के प्रति विचार
1918 में एक हिंदी साहित्य सम्मेलन में सार्वजानक रूप से महात्मा गांधी ने कहा था की हिंदी में राजभाषा के सभी गुण मौजूद है तथा हिंदी को जनमानस की भाषा कहे थे।
संविधान की आठवीं अनुसूची
संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाओं को शामिल किया गया है। मूल संविधान में सिर्फ 14 भाषाएं शामिल थे बाकी 8 भाषाएं संविधान संशोधन के द्वारा शामिल किया गया है। मूल संविधान में शामिल 14 भाषाएं हिंदी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू बंगला, उड़िया, असमिया, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, उर्दू, मराठी, गुजराती और कश्मीरी था। संविधान में तीन संशोधन हुए जिससे अन्य आठ भाषाओं को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया है: –
21वां संविधान संशोधन, 1967 – इसके तहत सिंधी को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
71वां संविधान संशोधन, 1992 – इसके तहत नमक (नेपाली मणिपुरी और कोंकणी को) को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया।
Trick:- नमक –नेपाली मणिपुरी और कोंकणी |
92वां संविधान संशोधन, 2003 – इसके तहत बोडो, डोंगरी, मैथिली और संथाली को जोड़ा गया।
Trick – BODMAS Bo (Bodo) D (Dongri) MA (Mathili) S (Santali) |
Trick:- 21(संविधान संशोधन) + 71 (संविधान संशोधन) = 92 (संविधान संशोधन)
भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा
2011 के जनगणना के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली 10 भाषाओं का क्रम है: –
हिंदी > बंगाली > मराठी > तेलुगू >तमिल > गुजराती > उर्दू > कन्नड़ > उड़िया> मलयालम |
विभिन्न राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश की भाषा
2011 के जनगणना के अनुसार भारत के विभिन्न राज्यों में बोली जाने वाली सर्वाधिक 5 भाषाओं का विवरण निम्न है:-
राज्य | 1st | 2nd | 3rd | 4th | 5th |
अरुणाचल | निशी | अदि | बांग्ला | नेपाली | हिंदी |
सिक्किम | नेपाली | हिंदी | बंगला | उर्दू | नेपाली |
मिजोरम | मिजो | अंग्रेजी | हिन्दी | मणिपुरी | चकमा |
मणिपुर | मणिपुरी | नेपाली | हिन्दी | बंगला | अंग्रेजी |
असम | असमिया | बंगला | हिंदी | बोडो | नेपाली |
मेघालय | खासी | गारो | बंगला | नेपाली | हिंदी |
त्रिपुरा | बंगला | कोक बोरोक | असमिया | अंग्रेजी | मणिपुरी |
नागालैंड | नागा | अंग्रेजी | हिंदी | असमिया | मणिपुरी |
गोवा | कोंकणी | मराठी | हिंदी | कन्नड़ | उर्दू |
पांडिचेरी | तमिल | तेलुगु | मलयालम | फ्रेंच | अंग्रेजी |
लद्दाख | लद्दाखी (भोटी) | पुर्गी | शीना | हिंदी | बालती |
लक्षद्वीप | मलयालम | तमिल | हिन्दी | बंगला | तेलुगु |
अंडमान निकोबार | बांग्ला | हिन्दी | तमिल | तेलुगु | मलयालम |
चंडीगढ़ | हिंदी | पंजाबी | उर्दू | बंगला | नेपाली |
जम्मू कश्मीर | कश्मीरी | डोगरी | हिन्दी | पंजाबी | पहाड़ी |
दिल्ली | हिंदी | पंजाबी | उर्दू | बंगला | मैथिली |
दादर- नागर हवेली & दमन -दीव | गुजरती | हिंदी | मराठी | कोंकणी | बंगला |
प बंगाल | बंगला | हिंदी | संताली | उर्दू | नेपाली |
हिमाचल | हिंदी | पंजाबी | नेपाली | कश्मीरी | डोगरी |
झारखंड | हिंदी | संताली | बांगला | उर्दू | उड़िया |
कर्नाटक | कन्नड़ | उर्दू | तेलुगु | तमिल | मराठी |
केरल | मलयालम | तमिल | तुलु | कन्नड़ | कोंकणी |
आंध्रप्रदेश | तेलुगु | उर्दू | हिंदी | तमिल | मराठी |
तेलांगना | तेलुगु | उर्दू | मराठी | कन्नड़ | हिंदी |
तमिलनाडू | तमिल | तेलुगु | कन्नड़ | उर्दू | मलयालम |
उत्तराखंड | हिंदी (कुमाऊनी, गढ़वाली & जौनसारी सहित) | उर्दू | पंजाबी | बांगला | नेपाली |
UP | हिंदी (अवधी, ब्रज, खड़ी बोली, भोजपुरी सहित) | उर्दू | पंजाबी | नेपाली | बंगला |
राजस्थान | हिंदी (राजस्थानी/मारवाड़ी/मेवाती/मालवी/जयपुरी/ निमाड़ी/अहीरवाटी सहित) | पंजाबी | उर्दू | सिंधी | गुजराती |
पंजाब | पंजाबी | हिंदी | उर्दू | बंगला | अंग्रेजी |
हरियाणा | हिंदी (हरियाणवी, मेवाती सहित) | पंजाबी | उर्दू | बांगला | मैथिली |
ओडिसा | ओड़िया | हिंदी | संताली | उर्दू | तेलुगु |
महाराष्ट्र | मराठी | हिंदी | उर्दू | गुजराती | तेलुगु |
गुजरात | गुजरात | हिंदी | सिंधी | मराठी | उर्दू |
MP | हिंदी | मराठी | उर्दू | सिंधी | गुजरात |
छत्तीसगढ़ | हिंदी (छत्तीसगढ़ी सहित) | ओड़िया | बंगला | तेलुगु | मराठी |
बिहार | हिंदी भोजपुरी, मगही सहित) | मैथिली | उर्दू | बांगला | संताली |
द्रविड़ भाषा
द्रविड़ भाषा की जननी तमिल को माना जाता है। भारत में द्रविड़ भाषाओं में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा तेलुगु है।
भाषा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
🔥 लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप में माल भाषा बोली जाती है।
🔥 देश के एकमात्र राज्य नागालैंड की राजभाषा इंग्लिश है।
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