भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना
Basic Structure of the Constitution of India
मूल संरचना के तत्व (Elements Of Fundamental Structure)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संविधान के किसी भी भाग में (मौलिक अधिकारों और प्रस्तावना सहित) संशोधन किया जा सकता है। लेकिन ऐसे किसी भी संविधान संशोधन से भारतीय संविधान की मूल संरचना प्रभावित नहीं होनी चाहिए। संविधान की इस मूल संरचना की परिभाषा भारतीय संविधान में नहीं दी गई है। मूल संरचना को विभिन्न न्यायिक फसलों के आधार पर निर्धारित किया गया है जो निम्नलिखित है: –
🌼 धर्मनिरपेक्षता (Secularism)
🌼 समत्व का सिद्धांत
🌼 व्यक्ति की स्वतंत्रता एवं गरिमा
🌼 राष्ट्र की एकता एवं अखंडता (Unity & Integrity Of State)
🌼 सार्वभौमिकता, लोकतांत्रिक तथा गणराज्य प्रकृति (Nature Of Sovereignty, Democratic & Republic)
🌼 कल्याणकारी राज्य (सामाजिक आर्थिक न्याय) (Welfare
🐅 उपर्युक्त👆 6 संविधान की प्रस्तावना में अंकित है।
🌼 संविधान का संघीय स्वरूप (Federal Structure Of Constitution)
🌼 न्यायिक समीक्षा (Judicial Review)
🌼 संविधान की सर्वोच्चता (Supermacy Of Constitution)
🌼 कानून का शासन (Rule Of Law)
🌼 संसदीय प्रणाली (Parliamentary System)
🌼 विधायिका कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच शक्ति का विभाजन
🌼 मौलिक अधिकारों तथा नीति निदेशक सिद्धांतों के बीच संतुलन
🌼 न्यायपालिका की स्वतंत्रता (Independance Of Judiciary)
🌼 स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव
🌼 संविधान संशोधन की संसद की सीमित शक्ति
🌼 न्याय तक प्रभावकारी पहुंच
🌼 तर्कसंगतता का सिद्धांत
🌼 अनुच्छेद 32, 136, 141 तथा 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय को प्राप्त शक्तियां
Formation Of Different States Video
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