झारखंड के जनजातियों में गोत्र, निषेध और टोटम
Tribes Gotra & Totam
निम्न आदिवासियों में गोत्र व्यवथा नही होती है:-
1. माल पहाड़िया
2. सौरिया पहाड़िया
3.बंजारा
4. सबर
5. किसान
उरांव समुदाय के गोत्र
इनमे निम्न गोत्र पाए जाते है:-
1. लकड़ा – बाघ
2. केरकेट्टा – गौरेया पक्षी
3. लिंडा – एक प्रकार की मछली
4. मिंज – एक विशिष्ट मछली
5. खालको – एक विशिष्ट मछली
6. कुजूर – लतर
7. बेक – नमक
8. टोप्पो- तीतर पक्षी
9. एक्का – कछुआ
10. रुंडा – लोमड़ी
11. गारी – सामान्य बंदर
12. बाडी या बाड़ा – घास
13. तिर्की – एक प्रकार की पक्षी
14. किस्पोट्टा – जंगली सुवर की अंतड़ी
15. खोया – जंगली कुत्ता
16. बंडो – जंगली बिल्ली
17. तिग्गा – बंदर
18. ओसगा – खेत मे रहने वाला चूहा
19. बरवा – जंगली कुत्ता
20. गिद्धि – गिद्ध पंक्षी
23. कच्छप – कछुआ
24. किंडो – एक प्रकार की मछली
25. खेस – धान
26. बाड़ा – बरगद पेड़
27.बखला – एक नशीला पौधा
28. पन्ना – लोहा
29. अमड़ी – माड़ (चावल पकाते वक्त बचा हुआ पानी)
30. खेत्ता – नाग साँप
31. बाँध – पानी का तलाब
32. जुब्बी – दलदली भूमि
संताल समुदाय के गोत्र
इनमे 12 गोत्र पाए जाते है:–
1. हांसदा – हंस
2. सोरेन – पक्षी
3. किस्कू – पक्षी
4. मरांडी – माडरा घास काटना निषेध है।
5. टुडू – पक्षी
6. हेमब्रोम – पान पत्ता
7. बास्के – नाग
8. बेसरा – बाज
9. मुर्मू – नीलगाय
10. चाउडे – छिपकली
11. बेदिया – भेड़
12. पोरिया – कबूतर
कोल समुदाय के गोत्र
इनमे 12 गोत्र पाए जाते है:-
1. हांसदा
2. सोरेन
3. किस्कू
4. मरांडी
5. टुडू
6. हेमब्रोम
7. बास्के
8. बेसरा
9. मुर्मू
10. चाउडे
11. चुनियार
12. किसनोव
असुर समुदाय के गोत्र
गोत्र को पारिस कहा जाता है। असुर में 12 पारिस पाया जाता है।
1. बेंग – मेढक
2. केरकेट्टा – पक्षी
3.ओप्पो
4. बरबा – जंगली पशु
5. इंदावर
6. बड़का
7.आइंद – मछली
8. धान
9. बघना – बाघ
10. ऊलू
11. खुसर
12. ठीठइयो
बेदिया जनजाति के गोत्र
बेदिया जनजाति में 12 गोत्र होते है जो निम्न
1. चिडरा – गिलहरी
2. बेडवार – वट वृक्ष
3. फेचा – सुअर
4. काष्ठिम – कछुआ
5. आहेर – एक मछली
6. बाम्बी – एक मछली
7. महुआ – एक वृक्ष
8. डाडी डिबरा – एक मछली
9. सुड्री (पक्षी)
10. शेरहार (पक्षी)
11. महुकल (पक्षी)
12. सुइया (पक्षी)
Note:- संताल, असुर, बेदिया, कोल जनजाति में 12 गौत्र होते है।
चिक बड़ाइक के गोत्र
चिक बड़ाइक में तीन गोत्र होते है:-
1. तनरिया
2. खम्भा
3. तजना
करमाली के गोत्र
इस समुदाय में 7 गोत्र होते है।
1. कछुआर – कछुआ
2. कैथवार – एक पेड़
3. सांढवार -सांड
4. खालकोहार – साल वृक्ष
5. करहार – एक वृक्ष
6. तिर्की – चूहा
7. सोना – सोना प्रयोग नहीं करते
चेरो समुदाय के गोत्र
इनमें सात गोत्र होते है, अन्य जनजातियों की तरह चेरो के गोत्र टोटमिक नही होते है :-
1. मौआर
2. कुंवर
3. सनवत
4. महतो
5. रौतिया
6. मांझ
7. सोहनेत
कंवर जनजाति के गोत्र
कवर समाज गोत्र को गोटी कहा जाता है। कवर जनजाति में 7 गोत्र पाए जाते है:- सुकदेव, अभिआर्य, वशिष्ट, प्रह्लाद, तुंडक, पराशर, विश्वामित्र।
लोहरा जनजाति के गोत्र
इस जनजाति में कचुआ (कछुआ), साठ, सोन (सोन नदी), मगहिया, तूतली,, धान (चावल), तिर्की (पंक्षी) आदि गोत्र पाए जाते हैं।
बिंझिया जनजाति के गोत्र
इस जनजाति में 7 गोत्र पाए जाते है। अग्निहोत्री, कुलमार्थी, नाग, भैरव, करटाहा, साहुल और डाडुल।
Note:- करमाली, लोहारा, कवार, बथूड़ी और चेरो में 7 गौत्र पाए जाते है।
बथुड़ी जनजाति के गोत्र
इसमें मुख्यता 5 गोत्र पाए जाते हैं:- बथुड़ी समाज में सालुक, कोक, डहुक, नाग, पानीपाट।
कोरबा जनजाति के गोत्र
इस जनजाति में कई गोत्र पाए जाते हैं जैसे हुट्टरटिट्टो (चिड़ियां), कासी (घास), सुईया (चिड़ियां), खप्पो, कोकट, बुचुंग (चिड़िया)।
खड़िया समुदाय के वर्ग
ढ़ेलकी खड़िया के 8 गोत्र होते हैं ।
1. मुरू – कछुआ
2. समद – हिरण
3. हाँसदा /डुंगडुंग /आइंद/इंदवार – एक लंबी मछ्ली
4. टोपनो -एक चिड़िया
5. मैल /किरो – बाघ
6. सोरेन /तोरेंग – एक चट्टान
7. चारहाद /चारहा – एक चिड़िया
8. बरलीहा – एक फल
दूधी खड़िया में 9 गोत्र पाए जाते हैं
1. डुंगडुंग – एक लंबी मछली
2.कुलू कछुआ
3.समद – हिरण
4. बिलुंग -निमक
5. सोरेन – एक चट्टान
6. बा -धान
7. टेटेहोंए – एक पक्षी
8.केरकेट्टा- एक पक्षी
9. टोपो -एक चिड़िया
कोरा जनजाति के गोत्र
कोरा जनजाति के कुछ गोत्र और उसके टोटम निम्न है:-
1) बूटकोई – सुवर
2) कच – कछुआ
3) चीखेल – गिलहरी
4) मागढु – नगाड़ा
5) मेरोय – बकरी
भूमिज जनजाति के गोत्र
भूमिज जनजाति के कुछ गोत्र और उसके टोटम निम्न है:-
1) पत्ती – पत्ता
2) जेयोला – पक्षी
3) गुलगु – मछली
4) हेम्ब्रोम – एक तरह का बादाम
गोंड जनजाति के गोत्र
इसके प्रमुख गोत्र होते है:- नेताम, टेकाम, कुंजाम, मरकाम, माँझी, मंडावी, कोमर्रा इत्यादि।
मुंडा जनजाति के गोत्र
झारखंड के सभी जनजातियों में सबसे ज्यादा गोत्र मुंडा में पाया जाता है। मुंडा जनजाति के कुछ महत्वपूर्ण गोत्र और इसके टोटम निम्न है:-
1) धान – बेंगाधान
2) टोपनो – लाल चींटी
3) बारजो – कुसुम फूल
4) भेंगरा – घोड़ा
5) पूर्ति – घड़ियाल
6) सोय – सोय मछली
7) नाग – सांप
8) होरो – कछुआ
9) बोदरा – मोर
10) मुंडू – वीरणी
11) केरकेट्टा – केरकेट्टा पक्षी
12) हंसा – हंस
13) आईंद – आईंद मछली
हो समुदाय के गोत्र
हो में 80 से ज्यादा गोत्र है उसमें कुछ प्रमुख गोत्र और उसके टोटम निम्न है:-
1) पूर्ति – चूहा
2) बालमुचू – कुमनी (मछली मारने का कांटा)
3) बारला – वट वृक्ष
4) जोजो – इमली
5) हेम्ब्रम – लसोड़ा पेड़
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