प्राचीन भारत के राजधानी एवं राजवंश | Capital & Empire Of Ancient Indian History

Ancient HistoryIndia GK

Rajvansh & Capital

राजवंश और राजधानी

मगध साम्राज्य की राजधानी

हर्यक वंश- राजगृह

Note –हर एक व्यक्ति राजा के जैसे गृह में रहना चाहता है।

शिशुनाग वंश- वैशाली

Trick:- शिशु नाग (🐍)हमेशा विशाल बनता है।

नंद वंश- पाटलिपुत्र

मौर्य वंश- पाटलिपुत्र

ब्रह्मण साम्राज्य की राजधानी

शुंग वंश – पाटलिपुत्र

कण्व वंश- पाटलिपुत्र

आंध्र सातवाहन वंश- प्रतिष्ठान (संभाजी नगर, महाराष्ट्र)

Note:- वाहन खरीदने पर सब लोग अनुष्ठान करवाता है।

सल्तनतकाल की राजधानी

सल्तनत काल – लाहौर/दिल्ली/दौलताबाद/आगरा

गुलाम वंश – लाहौर

Note:-गुलाम वंश के इल्तुतमिश ने राजधानी को लाहौर से दिल्ली में स्थानांतरित किया था।

खिलजी वंश- दिल्ली

Note:-जलालुद्दीन फिरोज शाह खिलजी ने अपनी राजधानी को दिल्ली के किलोखरी में बनाया था।

तुगलक वंश – दिल्ली

Note:- मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद में हस्तांतरित किया था।

सैय्यद वंश- दिल्ली

लोदी वंश- दिल्ली

Note:- आगरा शहर के निर्माण का श्रेय सिकंदर लोदी को है जिसने अपनी राजधानी को दिल्ली से आगरा हस्तांतरित किया था।

मुगल राजवंश

मुगल काल – आगरा/फतेहपुर सीकरी/लाहौर/दिल्ली

Note:- मुगल काल की ज्यादा दिन तक राजधानी दिल्ली में रही। 1526 से 1571 तक आगरा में राजधानी रही। अकबर ने 1571 मैं फतेहपुर सीकरी की स्थापना कर अपनी राजधानी को आगरा से फतेहपुर सीकरी ले गया था। फिर राजधानी को 1585 में लाहौर में हस्तांतरित किया था, जो 1598 तक राजधानी रही। पुनः 1598 में अकबर ने अपनी राजधानी को आगरा में हस्तांतरित किया जो 1648 तक राजधानी रही। 1648 में शाहजहां में मुगल काल की राजधानी शाहजहानाबाद दिल्ली को बनाया और यह 1857 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही।

दक्षिण के सल्तनत

कुतुबशाही राजवंश – गोलकुंडा (आंध्र प्रदेश)

Note:- क़ुतुबमीनार, गोलकुंड की तरह ऊंचा है।

इमादशाही राजवंश- बरार

Note:- इमाम (इमादशाही) की पदवी बड़ा (बरार)होता है।

आदिलशाही राजवंश – बीजापुर (कर्नाटक)

बरीदशाही राजवंश – बीदर (कर्नाटक)

Note:- बरीद और बिदर एक जैसा ही शब्द है।

निजामशाही राजवंश –अहमदनगर (महाराष्ट्र)

मध्यकालीन राजपूत राजवंशो की राजधानी

गुर्जर प्रतिहार- कन्नौज

Note:- गुर्जर प्रतिहार के सबसे प्रतापी राजा मिहिरभोज ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाई थी।

गहड़वाल वंश – कन्नौज

चाहमान वंश चौहान वंश – अहिच्छत्र/अजमेर

Note:-चौहान वंश की प्रारंभिक राजधानी नागौर के पास स्थित अहिच्छत्र में थी। बाद में अजयराज द्वितीय ने अजमेर नामक शहर बसाया और यह चौहान वंश की राजधानी बनी।

परमार वंश – उज्जैन/ धारा नगरी

Note:- परमार वंश की प्रारंभिक राजधानी उज्जैन थी बाद में इसकी राजधानी धारा नगरी में हस्तांतरित हुई।

Trick: मार -धार (परमार-धारा नगरी)

चंदेल वंश- कालिंजर (महोबा)/खजुराहो

Note:- महोबा का पुराना नाम महोत्सव था।

Note:- राजा धंग गने अपनी राजधानी को कालिंजर से खजुराहो में स्थानांतरित किया था।

सोलंकी वंश (गुजरात के चालुक्य)- अन्हिलवाड़/पाटन (सौराष्ट्र, गुजरात)

कलचुरी चेदी – त्रिपुरी

Trick:- कल चुराया (कलचूरी) तीन पूड़ी (त्रिपुरी)

सिसोदिया वंश – चित्तौड़

Note:- महाराणा प्रताप सिसोदिया वंश के प्रतापी राजा के। इसी से सिसोदिया वंश की राजधानी चित्तौड़ याद रह जाएगा।

दक्षिण भारत के राजवंश

पल्लव वंश – कांचीपुरम

Note:- Love 💕 काँच की तरह होता है।

राष्ट्रकूट वंश- मान्यखेट (वर्तमान मालखेड़ शोलापुर)

Trick:- खेत (मान्यखेत) से प्राप्त अन्न को पहले कूटना (राष्ट्रकुट) पड़ता है।

चालुक्य (कल्याणी)- कल्याण/मान्यखेट

चालुक्य (वातापी)- वादामी

चालुक्य (बेंगी)- बेंगी (आंध्र प्रदेश)

यादव वंश- (देवगिरी, संभाजीनगर)

Trick- दव से देव याद रह जाएगा

होयसल वंश – द्वार समुद्र (आधुनिक हॉलीवुड)

Note:- होलसेल व्यापार समुद्र के रास्ते से सस्ता होता है।

कदंब वंश – बनवासी

Note:-कदम का पेड़ बन में पाया जाता है।

गंग वंश – कुवलाल/तलकाड

काकतीय – अमकोंड

विजयनगर नगर साम्राज्य

संगम वंश – विजयनगर (कर्नाटक)

तुलुव वंश- विजयनगर (कर्नाटक)

सुलुव वंश- विजयनगर (कर्नाटक)

अरविडू वंश – पेनूकोंडा (आंध्र प्रदेश)

संगमकालीन राजवंश

चेर राजवंश – वंजी (केरल)

चोल राजवंश – तंजौर (तमिलनाडु)

पाण्डय राजवंश – मदुरै (तमिलनाडु)

Note:- हार्दिक पांड्या, दूर (मदुरै) तक का छक्का मारता है।

सीमावर्ती राजवंश

पाल वंश – मुद्गलपुर (मुंगेर)

सेन वंश – लखनौती (नदिया)

कामरूप के बर्मन वंश – प्रागज्योतिषपुर (गुवाहाटी)

अन्य राजवंश

शर्की वंश – जौनपुर (UP)

Trick:- शक्की पत्नी जान ले लेती है।

बहमनी राजवंश – गुलबर्गा (कालबुर्गी)

Note:- किसी के गुल हो जाने पर बहम हो जाता है।

कुषाण वंश- पुरुषपुर (पेशावर)

Note:- शान की बात पुरुष करते है।

हूण –स्यालकोट (पाकिस्तान)

Note:- हूण और कुषाण दोनों विदेशी थे इसीलिए दोनों की राजधानी विदेश में है वह भी पाकिस्तान में स्यालकोट और पेशावर।

वर्धन वंश – थानेश्वर (अंबाला)/कन्नौज

भोसले वंश – रायगढ़ (महाड़, महाराष्ट्र)

Youtube Class On It (राजवंश और राजधानी)

https://youtube.com/live/WfRaE_AhN5E?feature=share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *