झारखंड वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021
परिचय – झारखंड में भारत का 3.32% वन है। झारखंड में कुल वन क्षेत्रफल 23,721.14 वर्ग किमी है, जो कुल क्षेत्रफल का 29.76% है। झारखण्ड के वन क्षेत्रफल में कुल 109.73 वर्ग किमी की वृद्धि हुई (जो पूरे देश में 5th स्थान रखता है)। प्रतिशत की दृष्टि से राज्य में 0.47% की वृद्धि हुई है। झारखंड के गढ़वा जिले में वन क्षेत्र की सर्वाधिक वृद्धि ( 40.13 वर्ग किमी) हुई है वही लातेहार जिले में सबसे ज्यादा ऋणात्मक वृद्धि (- 3.30 वर्ग किमी) हुई है।
सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले 3 जिले
भारतीय वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले जिले निम्न है:-
पश्चिम सिंहभूम (3368.44 वर्ग किमी) > लातेहार (2403.04 किमी) > चतरा (1782.09 वर्ग किमी)
क्रम संख्या | 2019 रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रफल | 2021 रिपोर्ट |
1 | प सिंहभूम 3366 वर्ग किमी | प सिंहभूम 3368.44 वर्ग किमी |
2 | लातेहार 2406 वर्ग किमी | लातेहार 2403.04 वर्ग किमी |
3 | चतरा 1777 वर्ग KM | चतरा 1782.09 वर्ग किमी |
न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले 3 जिले
भारतीय वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले जिले निम्न है:-
जामताड़ा (106.02 वर्ग किमी) < देवघर (205.80 वर्ग किमी)< धनबाद (218.18 वर्ग किमी)
क्रम संख्या | 2019 के रिपोर्ट | 2021 के रिपोर्ट |
1 | जामताड़ा 101 वर्ग किमी | जामताड़ा 106.02 वर्ग किमी |
2 | देवघर 203 वर्ग किमी | देवघर 205.80 वर्ग किमी |
3 | धनबाद 213 वर्ग किमी | धनबाद 2.18.18 वर्ग किमी |
न्यूनतम वन प्रतिशत वाले 3 जिले
भारतीय वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले जिले निम्न है:-
जामताड़ा (5.85 %) < देवघर (8. 31 %) < धनबाद (10.70%)
कर्म संख्या | वन रिपोर्ट 2019 | वन रिपोर्ट 2019 |
1 | जामताड़ा 5.56% | जामताड़ा 5.85% |
2 | देवघर 8.22% | देवघर 8.31% |
3 | धनबाद 10.47% | धनबाद 10.70% |
सर्वाधिक वन प्रतिशत वाले 3 जिले
भारतीय वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार सर्वाधिक वन प्रतिशत वाले जिले निम्न है:-
लातेहार (56.00 %) > चतरा (47.93 %) > पश्चिम सिंहभूम (46.63%)
जिला | 2019 | 2020 | वृद्धि |
लातेहार | 56.80 | 56.00 | -0.80 |
चतरा | 47.80 | 47.93 | +0.13 |
प सिंहभूम | 46.60 | 46.63 | +0.03 |
वन रिपोर्ट के महत्वपूर्ण तथ्य
🌹 वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार वन प्रतिशत की दृष्टि से झारखण्ड का 14वा स्थान है वहीं 2019 के रिपोर्ट के आधार पर 10वा था।
🌹वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार वन क्षेत्रफल की दृष्टि से 11th स्थान है।
🌹 वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार अति सघन वन में कमी तथा मध्यम और खुला वन में वृद्धि हुई है।
🌹 सबसे ज्यादा सघन वन वाला जिला लातेहार तथा न्यूनतम सघन वन वाला जिला पाकुड़ है।
🌹 सबसे ज्यादा खुला वन वाला जिला पश्चिम सिंहभूम और सबसे कम खुला वन वाला जिला जामताड़ा है।
🌹 2021 के रिपोर्ट के अनुसार गैर-वन क्षेत्र कुल 55411 वर्ग किमी है। जो 6 वर्ग किमी घटा है।
🌹 झारखंड में वन पे सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव डालनेवाला कारक आग है। 2021 के रिपर्ट के अनुसार 29.15% क्षेत्र आगजनी से प्रभावित वन क्षेत्र है।
🌹 झारखंड में कुल Carbon Stock 184.41 मिलियन टन है। जो देश के कुल Carbon Stock का कुल 2.57% है।
🌹 गोड्डा जिला में शून्य वृद्धि हुई है।
🌹 लातेहार, लोहरदग्गा, कोडरमा और पाकुड़ इन 4 जिलों में ऋणात्मक वृद्धि हुई है।
🌹पिछला के वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 में प्रकाशित किया गया था। दोनो रिपोर्ट में तुलना करें तो सबसे ज्यादा वन प्रतिशत में वृद्धि क्रमशः गढ़वा जिला में हुई है जहां 40.13 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। इसके बाद क्रमशः पलामू (14.95 वर्ग किमी), हजारीबाग (10.42 वर्ग किमी) और खूंटी (8.25 वर्ग किमी) में सर्वाधिक वृध्द हुई है।
🌹1987 से भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह रिपोर्ट प्रत्येक 2 वर्ष पे प्रकाशित की जाती है। यह रिपोर्ट भारतीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अधीन संस्था भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey Of India) द्वारा तैयार की जाती है।
🌹भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार झारखंड में कुल 2,3721.14 वर्ग किमी में वन का विस्तार है जिसमे अति सघन वन क्षेत्र 2601.05 वर्ग किमी, मध्यम सघन वन क्षेत्र 9,688.91 वर्ग किमी और खुला वन क्षेत्र 11,431.18 वर्ग किमी है। कुल क्षेत्रफल का 29.76% है जिसमे अति सघन वन क्षेत्र (3.26%), मध्यम सघन वन क्षेत्र (12.16%) और खुला वन (14.34%) है। 2017 से 2019 के रिपोर्ट तक झारखंड में कुल 58 वर्ग किमी वन-क्षेत्र की वृद्धि हुई है जो 0.25% है। वही 2019 से 2021 के रिपोर्ट तक झारखंड में कुल 109.73 वर्ग किमी वन-क्षेत्र की वृद्धि हुई है जो
क्रम सं | वनों के प्रकार | 2019 रिपोर्ट क्षेत्रफल | 2019 रिपोर्ट क्षेत्रफल | 2019 रिपोर्ट क्षेत्रफल | 2019 रिपोर्ट क्षेत्रफल |
1 | अति सघन वन | 2603.20 वर्ग किमी | 3.27% | 2601.05 वर्ग किमी | 3.26% |
2 | मध्यम सघन वन | 9687.36 वर्ग किमी | 12.19% | 9688.91 वर्ग किमी | 12.20% |
3 | खुला वन | 11320.85 वर्ग किमी | 14.20% | 11431.18 वर्ग किमी | 14.34% |
कुल | 23611.41 वर्ग किमी | 29.62% | 23721.14 वर्ग किमी | 29.76% |
झारखंड के वनों की श्रेणियां
झारखंड में पाए जाने वनों को वितरण की दृष्टि से तीन वर्गों में रखा गया है’-
Protected Forest (सुरक्षित वन) – इस तरह के वन में मानवीय क्रियाकलापों (शिकार, कृषि, पशुचारण आदि) में प्रतिबंध नही होता है बशर्ते पेड़ो को कोई हानि न पहुँचे। झारखंड में सबसे ज्यादा वन क्षेत्र Protected Forest के अंतर्गत आता है।वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार झारखण्ड के कुल क्षेत्रफल का 18,922 वर्ग किमी भूभाग में Protected Forest पाया जाता है, जो 74.13 % है। Protected Forest का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा हज़ारीबाग जिले में है। इसके बाद क्रमशः गढ़वा, पलामू और राँची जिले का स्थान आता है।
Reserved Forest ( आरक्षित वन) – इस तरह के वन में मानवीय क्रियाकलापों (शिकार, कृषि, पशुचारण आदि) में प्रतिबंध होता है ताकि पेड़ो को कोई हानि न पहुँचे। वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 4500 वर्ग किमी भूमि पर आरक्षित वन है। यह कुल क्षेत्रफल का 23.74 % है। पोरहाट-कोल्हान क्षेत्र झारखंड का सबसे बड़ा आरक्षित क्षेत्र है। आरक्षित वन को संरक्षित वन भी कहा जाता है।
Classified Forest (अवर्गीकृत वन) – वो वन जो सुरक्षित और संरक्षित वन के अंतर्गत नही आते वो अवर्गीकृत वन कहलाते है। वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार झारखंड में सिर्फ 1696 वर्ग किमी में ऐसे वन पाए जाते है जो कुल वन क्षेत्रफल का 2.13% है। साहेबगंज जिला में सबसे ज्यादा अवर्गीकृत वन पाया जाता है। इसके बाद क्रमशः पश्चिम सिंहभूम और दुमका का स्थान है।
झारखण्ड के वन-प्रदेश
जलवायु के दृष्टि से झारखंड के वन-प्रदेश को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है-:- a) उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन प्रदेश b) उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन प्रदेश
उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन प्रदेश (Moist decidous forest region) – झारखण्ड के जिन क्षेत्रों में 120 cm से अधिक वर्षा होती है वहाँ उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन प्रदेश पाए जाते है।
उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन प्रदेश (Dry decidous forest region) – झारखण्ड के जिन क्षेत्रों में 120 cm से कम वर्षा होती है वहाँ उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन प्रदेश पाए जाते है।
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