खोरठा ! हाय ! खोरठा (आँखिक गीत कविता संख्या-33)
खोरठा ! हाय ! खोरठा (पुस्तक:- आँखिक गीत कविता संख्या-33) खोरठा ! हाय ! खोरठा रटते रहली गान ई बटे कहाँ किंतु खोरठा भाषीक धेयान मायक उपर ममता नॉय श्रद्धा भक्ति प्यार उ तो ई धरती एगो रंगे डूबल सियार देही ओढ़ल बाघेक चाम दीन, दुर्बल प्राण धोबीक कुकुर घरेक न घाटेक अमृत छोइड़ लालसा […]
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