Tribes Of Jharkhand
Puran Tribe पुरान जनजाति
परिचय – 2014 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अनुशंसा पर इसे 1922 में झारखंड सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया। यह झारखण्ड की 33वीं जनजाति है। ये धनुर्विद्या में निपुण होते है।
प्रजातीय वर्गीकरण – ये प्रोटो-ऑस्ट्रालॉयड समूह में आते है। ये 13 गोत्र में बंटे हुए है।
भाषा- इनकी अपनी भाषा “पुरान बोली” है जो हिन्दी, उड़िया और पंचपरगनिया का सम्मिश्रण है।
सामाजिक जीवन
समगोत्रीय विवाह वर्जित है। वधुमूल्य को “चलाऊ” कहा जाता है।
धार्मिक जीवन
धरम देवता और बासुकी माता इनके प्रमूख देवता है।
प्रशासनिक व्यवस्था
इसका अपनी प्रशासनिक व्यवस्था होती है। इसके जातीय पंचायत को पुरन सभा कहा जाता है जिसका मुखिया माहलदार या प्रधान कहा जाता है।