Pakur district

Pakur District Detailed Study|पाकुड़ जिला से संबंधित सारे तथ्य| JPSC GK | JSSC GK | झारखंड सामान्य ज्ञान

Jharkhand GKझारखण्ड के जिले

Introduction Of Pakur District

Formation Of Pakur District

पाकुड़ जिला का निर्माण 28 जनवरी 1994 को हुआ। इसे राजमहल जिला से अलग करके बनाया गया।

Sub Division Of Pakur District

Pakur District में एक ही अनुमंडल है पाकुड़। पाकुड़ जिला में एकमात्र नगर परिषद पाकुड़ में अवस्थित है। पाकुड़ जिला में कोई भी नगर पंचायत नहीं है।

पाकुड़ जिला के प्रखण्ड

Pakur District में कुल 6 प्रखंड है।

1. पाकुड़

2. पाकुड़िया

3. लिट्टीपाड़ा

4. आमडापाड़ा

5. हिरणपुर

6. महेशपुर

पाकुड़ जिला के विधान सभा क्षेत्र

पाकुड़ जिला में कुल 3 विधान सभा क्षेत्र है।

1. पाकुड़

2. लिट्टीपाड़ा

3. महेशपुर

लोक सभा क्षेत्र – पाकुड़ राजमहल लोकसभा क्षेत्र में आता है।

नामकरण

पाकुड़ ये नाम पाकौर/पकाउर शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है पहाड़ का तल। पाकुड़ राजमहल पहाड़ी के तल में अवस्थित है इसलिए इसका यह नाम पड़ा।

Boundry Of Pakur District

पाकुड़ झारखंड के तीन जिला और पश्चिम बंगाल के दो जिला को छूता है।

1. साहेबगंज

2. गोड्डा

3. दुमका

4. वीरभूम (पश्चिम बंगाल)

5. मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)

पाकुड़ जिला के गर्म जलकुंड

1. लाउडलाउदाह – यह बोरु नदी तट पर अवस्थित है।

2. शिवपुर सोता -यह शिवपुर गांव में महेशपुर प्रखंड में अवस्थित है।

3. बरमासिया – यह महेशपुर प्रखंड में अबस्थित है।

4. सिदपुर गर्म जलकुंड – यह पाकुड़िया प्रखंड में अवस्थित है।

लिट्टीपाड़ा विद्रोह

यह विद्रोह बीजू मांझी ने लिट्टीपाड़ा में किया था अंग्रेजो के खिलाफ। बीजू मांझी को बिना किसी न्यायिक जाँच के भागलपुर जेल में डाल दिया जाता है वहां शारीरिक यातना से उसकी मौत हो जाती है। तब उसके दो बेटे चन्दराय माझी और सिंहराय मांझी अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करता है। जिसमे चंद्राय को गोली मार दिया जाता है और सिंहराय को बरहैत में फांसी दे दी जाती है।

पाकुड़ के उद्योग/खनिज

बीड़ी उद्योग – पाकुड़ में बीड़ी उद्योग से बहुत लोगो को रोजगार मिला है।

कोयला खान पाकुड़ के कोयला खान राजमहल कोयला क्षेत्र के अंतर्गत आता है।पाकुड़ स्थित पंचवाड़ा कोयला खान से प्रचुर मात्रा में कोयला उत्पादन किया जाता है। यहां से उत्पादित कोयला पंजाब में निर्यात किया जाता है।

ब्लैकस्टोन चिप इंडस्ट्री – पाकुड़ का स्टोन चिप बहुत प्रसिद्ध है। इस उद्योग में झारखंड का यह जिला सबसे अव्वल है। यहां से स्टोन चिप का निर्यात बांग्लादेश और साउथ एशियन देशों में किया जाता है।

सुल्तानाबाद राज

पाकुड़ जिला में ये राजवंश फला फूला। यही राजवंश बाद में जाके महेशपुर राज कहा जाने लगा। इसका स्थापना आबू सिंह और बाकू सिंह नामक दो भाई ने किया था। इसी के वंशज गुर्जन सिंह की विधवा थी रानी सर्वेश्वरी जिसने दामिन ए कोह के खिलाफ पहाड़िया विद्रोह किया था। इस राजवंश की राजधानी शुरूआत में सिंथबांक फिर देवीनागर उसके बाद महेशपुर में स्थांतरित होती है। 12 जुलाई 1952 को यह राज्य भारत सरकार द्वारा खतम कर दिया गया।

Aambar Raj

यह राज भी पाकुड़ में फला फूला। यही राज आके चलके पाकुड़ राज कहलाया।इसका राजधानी गोकुलपुर था।

संग्रामपुर

यह पाकुड़ जिला का एक गांव है जहां संथाल विद्रोह के दौरान भाईयो की अनुपस्थिति में फूलो झानो ने वीरता दिखाई थी।फूलो झानो यही पर शाहिद हुई थी।

पाकुड़ जिला की सिंचाई परियोजना

1.परगला बीयर परियोजना

2.सूर्योदय जलाशय परियोजना

सुल्तानाबाद राज – झारखंड के पाकुड़ जिला में सुल्तानाबाद राज्य था

Rivers Of Pakur District

1. परगला नदी

2. बासलोई नदी

Tourist Places Of Pakur District

दुर्गापुर डैम – यह पाकुड़िया प्रखंड में अवस्थित है।

मोर्टिलो टावर – यह एक लाल रंग का टावर बिल्डिंग के ऊपर बना हुआ है। 1856 में संथाल विद्रोह के दौरान संथालों ने अंग्रेज अधिकारियों को घेर के रखा था तब यह टावर रातों रात ब्रिटिश अधिकारी सर मार्टिन द्वारा बनवाया गया था। इस टावर के मदद से तोप और बंदूक का उपयोग करके अंग्रेज अधिकारियों ने अपनी जान बचाई थी। इस टावर की ऊंचाई 30 फीट तथा व्यास 20 फीट है। इस टावर में कुल 56 खिड़कियां है जिन से गोलियां दागी जा सकती थी।

कंचनगढ़ – कंचनगढ पहाड़ पाकुड़ जिला में अवस्थित है। यही पहाड़ के शिखर पर एक गुफा है उस गुफा में एक शिव मंदिर है।इस दुर्गम जगह में जाने पर अजीबो गरीब आवाज सुनाई पड़ती है।

अलीगंज का किला – छोटा सा किला 1854- 55 में संथाल विद्रोह के दौरान बनाया गया था। संथाल विद्रोह के दौरान इसे एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। संथाल समाज इसकी का इसकी ले में अपार श्रद्धा है।

बिरकिती या बीरखाता का किला – इसे बिरखाता भी कहा जाता है। यहां राजा उदित नारायण सिंह द्वारा बनाया गया किले का जीर्ण अवशेष है। मुर्शिदाबाद के नवाब मुर्शिद कुली खां और उदित नारायण सिंह के सेना के बीच यहां युद्ध हुआ था 18 वीं सदी के प्रारंभ में। इस युद्ध में नरसंहार से पूरा गांव नर मुंडो से भर गया था जिस वजह से इस गांव को “मुंडमालडांगा” या वीरकिटी कहा जाने लगा था।

देवीनगर महल – यह सुल्तानाबाद राज की दूसरी राजधानी थी।इसे राजा उदित नारायण ने बनाया था।

नित्यकाली मंदिर – पाकुड़ में स्थित नित्य काली मंदिर में दक्षिणेश्वर काली माता की मूर्ति स्थापित है।

Important Facts Of Pakur District

1. संथाल परगना प्रमंडल का क्षेत्रफल में सबसे छोटा जिला है पाकुड़।

2. झारखंड में सबसे कम अनुसूचित जाति का प्रतिशत है पाकुड़ में।

3. सबसे कम साक्षरता प्रतिशत है पाकुड़ जिला में।

4. झारखंड में सबसे कम प्रतिशत महिला साक्षरता है पाकुड़ में।

5. पाकुड़ झारखंड का सबसे पूर्वी जिला है।

6. बहावी आंदोलन का प्रचार प्रसार संथाल परगना में इब्राहिम मंडल ने किया था जो पाकुड़ के निवासी थे।पाकुड़ बहावी आंदोलन का एक केंद्र था। इब्राहिम मंडल को आजीवन कारावास की सजा मिली थी।

7. विशिष्ट इंडिया रिज़र्व बटालियन – केंद्र सरकार के अर्द्ध-सैनिक1 बल के तर्ज पर झारखंड सरकार ने विशिष्ट इंडिया रिज़र्व बटालियन की स्थापना 2015 में की है। इस बटालियन में आदिम जनजाति (कुल 8-माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया, असुर, कोरबा,बिरहोर और सबर) के युवाओं की भर्ती की जाती है। इसका मुख्यालय दुमका से हस्तांतरित करके पाकुड़ कर दिया गया है।

7. 1942 में प्रफुल्ल चंद्र पटनायक ने पहाड़ियां सरदारों के साथ मिलकर डांगापारा (पाकुड़ जिला) से अंग्रेजो के खिलाफ (भारत छोड़ो आंदोलन) आंदोलन किया था।

पाकुड़ जिला का Video Map के साथ

https://youtu.be/E5PpuWFsl-4

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