Kurukh Literature
Introduction Of Kurukh Literature – की 16 द्वितीय राजभाषा में से कुरुख भी एक है। यह पश्चिम बंगाल की भी द्वितीय राजभाषा में शामिल है। यह उरांव समुदाय की मुख्य भाषा है। इस भाषा ने बड़ी उदारता से अन्य भाषाओं के शब्दों को अपने में शामिल किया है जिसके परिणामस्वरूप इसकी लिखित भाषा साहित्य झारखण्ड के अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से समृद्ध है। यह भाषा झारखंड के किसान समुदाय की भी मुख्य भाषा है।
UNESCO केे Endangered Language List में कुरुख भाषा को सम्मिलित किया गया है। यह दक्षिण भारत में प्रचलित कन्नड़ भाषा से मिलती जुलती है तथा झारखंड में माल्तो या पहाड़िया भाषा के समरूप है। झारखंड के अलावा यह पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में भी बोली जाती है। बांग्लादेश,नेपाल और भूटान में इस भाषा को बोलने वाली बड़ी आबादी निवास करती है। इस भाषा की लिपि तोलोंग सिकी है जिसको नारायण उरांव ने 1999 में बनाया है और इस लिपि से कई पुस्तक लिखी जा चुकी है। इसके अलावा देवनागरी और कुरुख बन्ना लिपि से बहुत पुस्तक लिखी गई है।
कुरुख भाषा-परिवार
द्रविड़ ➡उत्तरी द्रविड़➡ कुरुख-माल्तो ➡कुरुख
कुरुख भाषा साहित्य के प्रमुख पुस्तक
1. 1921 में विलियम जोन्स के द्वारा स्थापित एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल नामक संस्था ने कुरुख भाषा में दो आलेख छापे थे।
a) Brief Grammer & Vocabulary Of Oraon Language
b) Epitome Of The Grammer Of Oraon Language
2. कुरुख ग्रामर – फार्डिनेंड हान
3. कुरूख फोक्लोर – फार्डिनेंड हान
4. इंग्लिश कुरुख डिक्शनरी – ए ग्रिनॉर्ड
5. A Grammer Of Oraon Language & Study In Oraon Adversaries – ए ग्रिनॉर्ड
6. इंग्लिश हिंदी कुरुख डिक्शनरी -मिखाईल तिग्गा
7. कत्थ आरा कत्थ बिल्लियन ईदऊ – मिखाईल तिग्गा
8.An Introduction To The Oraon Language – O Flax
9. कुरुख सरहा (व्याकरण)- आह्लाद तिर्की
10.कुडुख दांडी – इस पुस्तक का प्रकाशन 1950 में हुआ था मगर इसे 2005 में साहित्य अकादमी द्वारा भाषा सम्मान पुरस्कार 2005 में दिया गया। इसके लेखक बिहारी लकड़ा है।
11. हिन्दी कुरुख शब्दकोश – स्वर्णलता प्रसाद
12.कुरुख हिंदी शब्दकोश – स्वर्णलता प्रसाद
13. थोथे उरांव
14. मौसमी राग – जॉन लकड़ा
15. खल्ली अयंग – इंद्रजीत उरांव
16. कुरुख परकला – पी सी बेक
17. कुरुख शब्दकोश – बृज बिहारी कुमार
18. मुँता पुम्प भूंपा – देवले कुजूर
कुरुख पत्रिका
1. बिजबिनको – इग्नेस बेक ने इसका संपादन 1940 में शुरू किया। यह एक मासिक पत्रिका है।
2. बोलता – इस मासिक पत्रिका का संपादन आह्लाद तिर्की ने 1949 में शुरू किया।
3. घुमकुरिया –आह्लाद तिर्की ने 1950 में इस पत्रिका का संपादन शुरू किया। यह रांची से प्रकाशित होती है।
4. सरना फुल – यह एक विशेषांक है जो रांची से प्रकाशित होती है।
5. सिंगी दई – यह त्रैमासिक पत्रिका है जो दिल्ली से प्रकाशित होती है।
6. कर्मा -धर्मा – यह पत्रिका भी रांची से प्रकाशित होती है।
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