Hills In North East India

पूर्वोत्तर भारत की पहाड़ियां का विस्तृत अध्ययन | Detailed Study Of The Hills Of North East India

India Geography

पूर्वोत्तर भारत की पहाड़ियां

Hills In North East India

Hills Of Main Himalaya In North East India

पर्वत श्रृंखलाअवस्थिति
कंचनजंगानेपाल- सिक्किम
दार्जिलिंग श्रेणीसिक्किम -प बंगाल
आकाअरुणाचल प्रदेश
डफलाअरुणाचल प्रदेश
मिरीअरुणाचल प्रदेश
अबोरअरुणाचल प्रदेश
मिशमीअरुणाचल प्रदेश
पटकाईं बूमअरुणाचल प्रदेश
आराकानयोमाभारत-म्यानमार
नागा पहाड़ीनागालैंड
बरैल पहाड़ीनागालैंड -असम
मणिपुर पहाड़ीमणिपुर
लैमाटोल पहाड़ीमणिपुर
लुशाई (मिजो) पहाड़ीमिजोरम
गारो-खासी-जयंतियामेघालय
मिकिर पहाड़ीअसम
कछार पहाड़ीअसम
रेंगमा पहाड़ीअसम-नागालैंड
जम्पूई पहाड़ीत्रिपुरा
सखान पहाड़ी त्रिपुरा
लोंगथराई पहाड़ी त्रिपुरा
बोरोमुरा (हथाई कोटोर)त्रिपुरा
अथारामुरा पहाड़ीत्रिपुरा
त्रिपुर पहाड़ीत्रिपुरा

सिक्किम की पर्वतमाला

कंचनजंगा – यह पर्वतमाला नेपाल और भारत के सिक्किम में अवस्थित है।

दार्जिलिंग श्रेणी – दार्जिलिंग श्रेणी सिक्किम और पश्चिम बंगाल में अवस्थित है, जो शिवालिक हिमालय का एक भाग है। चुंबी घाटी इसी पर्वत श्रेणी में अवस्थित है। जैलैप्ला दर्रा इसी चुम्बी घाटी को तिब्बत से जोड़ती है। तीस्ता नदी इस श्रेणी को काटती हुई निकलती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। तीस्ता नदी जब दार्जिलिंग श्रेणी को दो भागों में बांटती है तो नदी के पश्चिम वाला भाग टाइगर श्रेणी और पूर्वी भाग कलिंगपोंग श्रेणी कहलाता है।

Note:- दार्जिलिंग शहर पश्चिम बंगाल में अवस्थित है जो उच्च किस्म की चाय के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

अरुणाचल प्रदेश की पर्वत श्रेणियां

अरुणाचल प्रदेश में मुख्य रूप से चार पर्वत श्रेणी पाई जाती है जो शिवालिक हिमालय का भाग है। पश्चिम से पूर्व तक इस पर्वत श्रेणियों के क्रम है: –

आका ▶️ डफला ▶️ मिरी ▶️ अबोर

इन पर्वत श्रेणियों का नाम यहां पर रहने वाले जनजातियों के नाम पर रखा गया है। इन श्रेणियों को कई नदियों द्वारा अलग किया गया है। आका पहाड़ी और डफला पहाड़ी को भैरवी नदी, डफला और मिरि पहाड़ी को रांगानद नदी तथा मिरी और अबोर नदी को सुवर्णसिरी नदी अलग करती है। ये सभी नदियां ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदियां है। अबोर पहाड़ियों को पूर्वोत्तर पहाड़ीयों से ब्रह्मपुत्र नदी अलग करती है।

Note:- अरुणाचल प्रदेश में इन्हीं पहाड़ियों के नाम पर आदिवासी पाए जाते हैं जिसके नाम है:-आका, डफला, मिरी, और अबोर। यह सारी जनजातियां झूम की खेती के लिए जानी जाती है।

पूर्वोत्तर हिमालय की पहाड़ियां

ब्रह्मपुत्र नदी के पूर्वी भाग में स्थित पहाड़ियों को पूर्वोत्तर हिमालय की पहाड़ियां या पूर्वांचल हिमालय की पहाड़ियां कहा जाता है। यह सारी पहाड़ियां हिमालय का भाग है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के द्वारा मुख्य हिमालय से अलग किया हुआ है। पूर्वोत्तर हिमालय की सबसे उत्तरी पहाड़ी मिशमी है और सबसे दक्षिणी पहाड़ी मिजो है। पूर्वोत्तर हिमालय की पहाड़ियों का विस्तार अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड मणिपुर और मिजोरम तक पाई जाती है।

अक्षसंघीय मोड़ – हिमालय का विस्तार पश्चिम से पूरब की ओर है किंतु यह अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के बाद दक्षिण की तरफ मुड़ जाती है। इस मोड़ को अक्षसंघीय मोड़ (Syntaxial Bend या Hair Clip Bend) कहा जाता है और इसके बाद हिमालय का जो विस्तार उत्तर से दक्षिण तक मिलता है उसे पूर्वोत्तर हिमालय कहा जाता है। अक्षसंघीय मोड़ की स्थिति नंगा पर्वत के नजदीक है।

आराकानयोमा

पूर्वोत्तर हिमालय के समानांतर जो पर्वत श्रेणियां म्यानमार-भारत की सीमा में पाई जाती है उसे आराकानयोमा कहा जाता है और यह भी हिमालय का ही भाग माना जाता है। अराकानयोमा पर्वत भारत और म्यानमार के बीच सीमा का निर्धारण करती है। इसे रखाइन पर्वतमाला भी कहा जाता है। यह पर्वतमाला इरावदी नदी के बेसिन में अवस्थित है। इसकी सर्वोच्च शिखर माउंट विक्टोरिया है। बंगाल की खाड़ी में पाई जाने वाली अंडमान निकोबार दीप समूह की स पर्वत श्रृंखला का विस्तार है।

मिशमी पहाड़ी

यह पहाड़ी अरुणाचल प्रदेश में अवस्थित है और पूर्वोत्तर हिमालय की सबसे उत्तरी पहाड़ी है जो शिवालिक हिमालय का भाग है। इस पहाड़ी का नाम यहां पर पाई जाने वाली जनजाती “मिशमी” के नाम पर रखा गया है। मिशमी पहाड़ी को दिबांग नदी काटती हुई ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। इस नदी को सिकंग नाम से जाना जाता है। सादिया (असम) में जब यह नदी दिहांग नदी से मिलती है तब यह ब्रह्मपुत्र नदी का निर्माण करती है। मिशमी पहाड़ी का सर्वोच्च शिखर “कडाफा बूम” है । मिसमी पहाड़ियों के खत्म होते ही एक नदी लोहित नदी गुजरती है जो आगे चलकर ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है। लोहित नदी के बाद पटकाई बूम पर्वत की शुरुआत होती है।

Note:- नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान जो अरुणाचल प्रदेश में स्थित है वह दफा बूम (मिशमी पहाडी का एक भाग) और पटकाई बूम पहाड़ी के मध्य अवस्थित है।

पटकाई बूम

यह पर्वत श्रेणी की अरूणचल प्रदेश में स्थित है और यह मिशमी पहाड़ी से लोहित नदी द्वारा अलग किया हुआ है। यह महान हिमालय का एक भाग है। पंगसौ दर्रा इसी पहाड़ी पर स्थित है जो भारत को म्यनमार से जोड़ता है। भारत को मेन मार्ग से जोड़ने वाली लेडो रोड इसी दर्रे से होकर गुजरती है।

Note:- पटकाई बूम का विस्तार नागालैंड में भी पाया जाता है जहां इसे नागा पहाड़ी कहा जाता है। इसी नागा पहाड़ी में पटकाई बूम की सर्वोच्च शिखर सारामती अवस्थित है। सारामती पूर्वांचल हिमालय की सर्वोच्च चोटी है।

नागा पहाड़ी

पटकाई बूम पर्वत श्रेणी के दक्षिण भाग को नागालैंड में नागा पहाड़ी कहते है जो भारत के राज्य नागालैंड में अवस्थित है। नागा पहाड़ी की सर्वोच्च शिखर सारामती है। इन पहाड़ियों में नागा नामक जनजातियों का निवास स्थान है। नागा पहाड़ी का नागालैंड में दक्षिण विस्तार कोहिमा श्रेणी के नाम से जाना जाता है। कोहिमा श्रेणी का सर्वोच्च शिखर जापवी है। कोहिमा शहर नागा पहाड़ी के गोद में बसा हुआ है और कोहिमा भारत का सबसे पूर्वतम राजधानी है।

मणिपुर में पहाड़ियां

मणिपुर में दो समानांतर पहाड़ियां पाई जाती है जिसे पूर्वी मणिपुर पहाड़ी तथा लैमाटोल पहाड़ी कहा जाता है। इन दोनों पहाड़ियों के बीच में एक घाटी का निर्माण हुआ है इस घाटी में लोकटक झील अवस्थित है। पूर्वी मणिपुर पहाड़िया पूर्वी भाग में तथा लैमाटोल पहाड़ी पश्चिम भाग में अवस्थित है। मणिपुर श्रेणी की सर्वोच्च चोटी तेनुपु है।

ड्यूक घाटी – यह घाटी कोहिमा श्रेणी और पूर्वी मणिपुर पहाड़ियों के बीच में अवस्थित है। मणिपुर में अवस्थित है।

Naga Fault (नागा भ्रंश) -पटकाई बूम नागा, पहाड़ी और कोहिमा श्रेणी के पूर्वी भाग में एक भ्रंश पाया जाता है जिसे नागा भ्रंश के नाम से जाना जाता है। कर सकते है। इसका विस्तार अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर राज्य तक विस्तृत है। यह पटकाई बूम से लेकर ड्यूक घाटी तक है। यह Fault बरैल की पहाड़ी के पास खत्म हो जाती है।

मिजोरम की पर्वत श्रेणी

पूर्वोत्तर हिमालय का दक्षिण भाग मिजोरम में ही अवस्थित है जिसे मिजो पहाड़ी कहा जाता है। मिजो पहाड़ी का एक सबसे ऊंचा शिखर ब्लू माउंटेन (पवनपुरी) कहलाता है। मैं जो पहाड़ी को ही लुशाई पहाड़ी भी कहा जाता है। दंपा टाइगर रिजर्व लुशाई पहाड़ी के गोद में अवस्थित है। मिजो श्रेणी का म्यानमार में विस्तार चीन श्रेणी तथा इसका त्रिपुरा में विस्तार जांपोई श्रेणी कहलाता है। चीन श्रेणी पूर्वोत्तर हिमालय को अरकानयोमा से जोड़ती है।

मेघालय की पहाड़ियां

मेघालय में तीन पहाड़ियों का सीरीज मिलता है जिसका पश्चिम से पूरब में क्रम गारो, खासी और जयंतिया है। यह तीनों पहाड़ियां प्रायद्वीपीय भारत का हिस्सा माना जाता है जो शिलांग के पठार या मेघालय के पठार में अवस्थित है। यह तीनों पहाड़ी हिमालय का भाग नहीं है। इन तीनों पहाड़ियों में बीच में स्थित खासी पहाड़ी सबसे ऊंची है जहां सबसे ज्यादा वर्षा होती है। इसी पहाड़ी के गोद में शिलांग और चेरापूंजी शहर है। इन तीनों पहाड़ियों की स्थिति इस तरह है कि इसमें मॉनसून आकर फंस जाती है और भारत में सबसे ज्यादा बारिश कराती है।

गारो ▶️ खासी ▶️जयंतिया

Note:- नोकरेक गारो पहाड़ी की सर्वोच्च चोटी है। लूम शिलांग खासी पहाड़ी की सर्वोच्च चोटी है।

मालदा गैप (Malda Gap)

राजमहल की पहाड़ियों और मेघालय के पठार के बीच में प्रायद्वीपीय भारत को काटकर जो मैदानी भाग बना है, उसे मालदा गैप के नाम से जाना जाता है। यह गैप एक मैदानी क्षेत्र है जो बंगाल और बांग्लादेश तक फैला हुआ है। इस मैदान का निर्माण गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा इनके सहायक नदियों के द्वारा लाए गए अवसादो से हुआ है।

असम में स्थित पहाड़ियां

मिकिर पहाड़ी

यह पहाड़ी समूह कार्बी आंगलोंग पठार पर स्थित है। इसका आकार नाशपाती के आकार जैसा है। यह असम और मेघालय के बीच सीमा बनाती है। इसकी सबसे ऊंची चोटी दांबूचको है। कार्बी आंगलांग असम राज्य में स्थित यह एक जिला भी है यह एक पहाड़ी क्षेत्र है जो खनिज संपदा तथा अदरक की कृषि के लिए प्रसिद्ध है।

मिकिर पहाड़ी हिमालय का भाग नहीं है, मिकिर पहाड़ी कार्बी आंगलोंग पठार में स्थित है (असम) में अवस्थित है। मिकिर पहाड़ी और बरैल पहाड़ी के बीच में स्थित क्षेत्र को सुरमा घाटी के नाम से जाना जाता है जो पेट्रोलियम के उत्पादन के लिए विश्वप्रसिद्ध है। सुरमा नदी इसी क्षेत्र से होकर गुजरती है तथा बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है।

Note- असम में मिकिर पहाड़ी के पूर्व में कछार पहाड़ी तथा पश्चिम में रेंगमा पहाड़ी अवस्थित है।

कछार पहाड़ी ▶️ मिकिर पहाड़ी ▶️ रेंगमा पहाड़ी

बरैल पहाड़ी

नागा पहाड़ी के खत्म होते ही इसके पश्चिम भाग में एक पर्वत श्रृंखला स्थित है जिसे बरैल पहाड़ी कहा जाता है। इसका विस्तार ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन और बराक नदी बेसिन के मध्य है। इसका अधिकांश भाग असम में पड़ता है और कुछ भाग नागालैंड, मेघालय, मणिपुर में पड़ता है। बरैल पहाड़ी नागालैंड और मणिपुर की सीमा बनाती है। यह पहाड़ी Tri Junction का निर्माण करती है तथा नागा पहाड़ी और मणिपुर पहाड़ियों को जोड़ती है। इसकी सबसे ऊंची चोटी हम्पलोटे है।

भारत का पेट्रोलियम क्षेत्र

सुरमा घाटी से लेकर दिहांग घाटी तक का क्षेत्र भारत का प्रसिद्ध पेट्रोलियम क्षेत्र है इस क्षेत्र में कई तेल के कुएं हैं डिब्रूगढ़ तथा डिगबोई (दिहांग घाटी) इसी क्षेत्र में अवस्थित है।

त्रिपुरा में स्थित पहाड़ियां

त्रिपुरा में त्रिपुरी पर्वत श्रृंखला-यह पहाड़ियां त्रिपुरा राज्य में अवस्थित है। यह पर्वत श्रृंखला चटगांव-त्रिपुरा मुड़ा बेल्ट में अवस्थित है। यह पूर्वांचल हिमालय (लुशाई पहाड़ी) का विस्तृत भाग है। जो म्यनमार तक विस्तृत एक भूकंपीय क्षेत्र है। यह उत्तर दक्षिण समानांतर वाले पहाड़ियों की श्रृंखला है जिनकी ऊंचाई दक्षिण की ओर पूर्वी मैदानों में मिलने तक घटती जाती है। पूर्व की ओर पहाड़ियों की हर दूसरी श्रेणी अपने से पहले वाली श्रेणी से ज्यादा ऊंची है। इस शृंखला में निम्न श्रेणी या है: –

देवतामुरा पहाड़ी ▶️ आथारमुरा पहाड़ी ▶️ लंगतराई पहाड़ी ▶️ सखान पहाड़ी ▶️ जामपुई पहाड़ी। बेतलिंग त्लंग, त्रिपुरा पहाड़ियों की सर्वोच्च चोटी है जो जांपई पहाड़ी पर अवस्थित है। इसमें आथारमुरा पहाड़ी सबसे लंबी शृंखला है।

Hills In North East India

Division Of Costal Plain

https://youtu.be/nsAI1G-C3b4

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