Eastern Ghats Explaination

पूर्वी घाट का विस्तृत अध्ययन | Detailed Study Of Eastern Ghat

India Geography

पूर्वी घाट का विस्तृत अध्ययन

Eastern Ghats Explaination

Difference between Eastern & Western Ghats

पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट में अंतर निम्न है: –

पूर्वी घाटपश्चिमी घाट
यह कम ऊंचा है।यह ज्यादा ऊंचा है।
यह ज्यादा पुराना है।यह कम पुराना है।
नदियों के कटाव के कारण यह श्रृंखला सतत नहीं है।यह सतत पर्वत श्रृंखला है।
तुलनात्मक दृष्टि में यह पश्चिम घाट से कम बेहतर है।यह बंदरगाहों के लिए बेहतर है।
यही वलित पर्वत हैयह एक खंड पर्वत है।
अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है।ज्यादा वर्षा होती है।
कम वर्षा होने के कारण यहां उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं।ज्यादा वर्षा होने के कारण यहां उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं।
यहां अपेक्षाकृत जैव विविधता कम पाई जाती हैयहां अत्यधिक जैव विविधता पाई जाती है।
पश्चिम घाट से निकलने वाली नदियों द्वारा पूर्वी घाट का बहुत ज्यादा अपरदन हुआ है। पूरी घाट से कोई भी बड़ी नदी नहीं निकलती है।पश्चिम घाट से बहुत सी नदियों का उद्गम होता है जैसे कृष्णा गोदावरी
इसकी औसत ऊंचाई 600 मीटर है।इसकी औसत ऊंचाई 900 से 1000 मीटर है।
पूर्वी घाट की चौड़ाई ज्यादा है (100-200 मी)इसकी चौड़ाई अपेक्षाकृत कम है (20-50 मी)

पूर्वी घाट का परिचय

इस पर्वतमाला का विस्तार उड़ीसा राज्य से लेकर तमिलनाडु तक है। पूर्वी घाट का कुछ हिस्सा आंशिक रूप से उत्तर में पश्चिम बंगाल तथा दक्षिण में केरल राज्य को छूती है। अतः हम कर सकते हैं की पूर्वी घाट का विस्तार पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल राज्य में है। भारत में अरावली पर्वत श्रृंखला के बाद सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला पूर्वी घाट है। पूर्वी घाट एक वलित पर्वत है।

इसका निर्माण क्रेमबियन काल के कुडप्पा भू-सन्नति में हुआ था। यह वलित पर्वत अब अवशिष्ट पर्वत के रूप में बचा हुआ है। वर्तमान समय में नदियों के काट छांट के कारण इस पर्वतमाला का बहुत अपरदन हुआ है जिस कारण यह सतत नहीं हैं। पूर्वी घाट पर्वत माला का सर्वोच्च शिखर जिंदगड़ा (1690 मी) है जो आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के पास अवस्थित है। इसकी दूसरी सबसे ऊंची शिखर महेंद्रगिरी है जो उड़ीसा राज्य में अवस्थित है। पूर्वी घाट का सर्वाधिक विस्तार आंध्र प्रदेश में है। पूर्वी घाट की ऊंचाई उत्तरी भाग में ज्यादा है और दक्षिणी भाग में कम है।

पूर्वी घाट का विभाजन

👊 पूर्वी घाट महानदी से गोदावरी तक एक सतत और ऊंची पर्वत श्रृंखला के रुप में है।

👊 गोदावरी नदी से लेकर कृष्णा नदी तक पूर्वी घाट में कोई पहाड़ी श्रृंखला नहीं है। यहां नदियों के द्वारा बहुत काट छांट हुई है जिस वजह से यहां पूर्वी घाट पर्वत के स्वरूप में नहीं है।

👊 कृष्णा नदी से कावेरी नदी तक पूर्वी घाट में छोटी-छोटी पहाड़ियों के रूप में है।

तमिलनाडु में स्थित पूर्वी घाट की पहाड़ियां

दक्षिण से उत्तर मे क्रम

सिरूमालाई ▶️ पंचईमलाई ▶️ शेवराय ▶️ जावडी ▶️ नगाड़ी

Note:- सिरूमालाई पहाड़ी पूर्वी घाट की सबसे दक्षिणी पहाड़ी है।

Note :- शेवराय पहाड़ी और जावरी पहाड़ी के बीच में पोन्न्यार नदी बहती है।

Note:- पूर्वी घाट पर स्थित मेल्लागिरी तथा बेलगिरी पहाड़ियां तमिलनाडु और कर्नाटक के सीमा पर स्थित है

आंध्र प्रदेश में स्थित पूर्वी घाट की पहाड़ियां

नगाड़ी ▶️ पालकोंडा ▶️ वेलिकोंडा ▶️ एरामाला ▶️ नल्लामाला ▶️ जिंदगड़ा (अरकू घाटी में)

Note:- अरकू घाटी में अर्माकोंडा (1680 मी) नामक पर्वत स्थित है जो कि पूर्वी घाट की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत है।

Note:- नल्लामाला पहाड़ी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सीमा पर अवस्थित है।

Note- शेषाचलम पर्वतमाला भी आंध्र प्रदेश में अवस्थित है। यहीं पर शेषाचलम बायोस्फीयर रिजर्व बना हुआ है।

Note:- पालकोंडा और वेलिकोंडा पर्वत के बीच 5पेन्नारू नदी बहती है।

आंध्र प्रदेश में स्थित पूर्वी घाट की पहाड़ियां

महेंद्रगिरी ▶️ गढजात ▶️ मेघासिनी (पश्चिम बंगाल)

Garhjat Hills:- गढजात पहाड़ी, छत्तीसगढ़ झारखंड और उड़ीसा राज्य में अवस्थित है। इसे उड़ीसा उच्च भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तर में छोटा नागपुर पठार, पश्चिम में महानदी बेसिन दक्षिण में पूर्वी घाट तथा पूर्व में उत्कल के मैदान से घिरा हुआ है। यह क्षेत्र आर्यन सैनी के चट्टानों से बना है। तालचेर और कामथी श्रेणी यही स्थित है।

Note:- मेघासिनी पर्वत से ही पूर्वी घाट पहाड़ की शुरुआत होती है।

Note:- पूर्वी घाट में ही टिकरपाड़ा, नयागढ़ और अस्सिया पहाड़ी उड़ीसा में स्थित है।

Note:- प्रायद्वीपीय भारत का ढाल पश्चिम से पूरब की ओर है।

पश्चिम घाट का विस्तृत अध्ययन

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