JPSC PT (Arts & Culture 7) आभूषण

आभूषण अंग आभूषण बाल उंडू, खोंगसो, सुरा-खोंगसों, पानपत्ता खोंगसो, चवनी बाला, झिका, चिरो-चिलोंपो, झीका सिर टीका, मांगटीका कलगा, मयूरपंख, सिलपट, जिनतो (बंडो पगड़ी), पटवासी कान कानपासा, पनरा, तारकुला, तरका, तरकी, कर्णफूल, करंजफूल, लवंगफुल, उपरकाना (पुरुष), पिपरपत्ता, ठिप्पी, तरपत, कुण्डल (पुरुष) नाक नथ, छुछी, मकड़ी, लोला, बुलाक, नाक बेसईर, कमर कमरधनी गला हंसूली, सिकड़ी, बेरनी, […]

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Indus Valley Civilization

Orgin Of Indus Valley Civilization सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पत्ति Indus Valley Civilization is a prehistoric civilization. Written evidence of this period exists but it has not been read or understood. Its origin and development can be traced on the basis of carbon dating system and various concepts. From where there is no unanimity regarding […]

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Q NO – 2 (Khortha Mains) खोरठा का मानकीकरण

Q 2. खोरठा भाखाक एगो मानक रूप दिए लागिन बिदआन गुलाञ जे उतासुता करल हे, ओकर चरचा करा। खोरठा भाषा का मानकीकरण – भाषा मानकीकरण का अर्थ वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा इसके बोलनेवाले और लिखनेवाले किसी भाषा को पुनः एक मानक और पारंपरिक रूप देने का प्रयास किया जाता है। झारखंड में विभिन्न प्रकार […]

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Khortha Mains Question 1 लोकोक्तिक अरथ, जनम आर महत

लोकोक्तिक अरथ – लोकोकति माने होवे हइ लोकेक‌ माइझे परचलित ‘ उकति’। हियां लोक माने मानुस आर ओकर समाज होवो हइ आर उकति माने बोली, कहन, वचन होवो हइ। माने ई लाेकेक ढांगा अनुभवे ओंठगल हे। ई मानूसेक हजारों बछरेक लोक अनुभवेक थाती हके। एकरा अंगरेजी भाखाम proverb कहल जाइ। खोरठा भाखा-साहित लोकबाइनेस तरिआइल हे। […]

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लोकोक्तिक (लोकबाइन) बिसेसता

लोकोक्तिक (लोकबाइन) बिसेसता खोरठा भाखाक लोकोक्तिक बा लोकबाइनेक हेठें लिखल बिसेसता पावल जाइ हे:- खोरठा भाषा के लोकोक्ति या लोकबाइन में निम्न विशेषता पाई जाती है:- 1. गागरे सागर भरेक खेमोता (क्षमता) – हिन्दीञ जकरा गागर में सागर भरेक-छमताक बात कहल जाहे, ऊ गुन खोरठा लोकबाइने पावल जाहे, काहेकि खोरठा लोकबाइन छोट-छोट होवे मेकिन बिसेस […]

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