CNT Act में संशोधन
Amendments In CNT ACT
सीएनटी एक्ट में अभी तक कुल 26 संशोधन किए जा चुके हैं। इसमें प्रथम संशोधन 1920 ई में तथा अंतिम संशोधन 1995 ई में किया गया था।
2016 में सीएनटी एक्ट में कुछ प्रस्तावित संशोधन विधेयक को प्रस्तुत किया गया था जिसमें धारा 21, 49A, 49B और 71A में संशोधन की बात की गई है।
Sec 49
वर्तमान में इस एक्ट के तहत सिर्फ उद्योग और खनन कार्य के लिए ही जनजातियों की जमीन सरकार को हस्तांतरित किया जा सकता है। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार उद्योग और खनन कार्यों के अलावा आधारभूत संरचना, रेल परियोजना, कॉलेज, ट्रांसमिशन लाइन आदि के लिए भी सरकार जमीन ले सकती है। साथ ही सरकार अब विकास कार्य के लिए निगम कंपनियों के लिए भी जमीन का अधिग्रहण कर सकती है।
Sec 71 A
इस धारा के तहत SAR Court (Scheduled Area Regulation Court) से क्षतिपूर्ति के सहारे आदिवासियों की जमीन गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित की जा सकती है। प्रस्तावित संशोधन के आधार पर क्षतिपूर्ति के द्वारा ऐसा नहीं किया जा सकेगा साथ ही जमीन वापसी के SAR Court (Scheduled Area Regulation Court) मुकदमे दायर होंगे।
Sec 21
इस धारा के अनुसार मालिक को जमीन की प्रकृति बदलने का अधिकार नहीं है। इसका मतलब यह है कि जमीन की प्रकृति यदि कृषिभूमि है तो मालिक उसका इस्तेमाल सिर्फ कृषि कार्य के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए नहीं कर सकता है। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार मालिक अपने जमीन की प्रकृति को बदलने का अधिकार रखेगा। अगर जमीन की प्रकृति कृषि योग्य है तो जमीन का मालिक इसे किसी अन्य कार्य के लिए जैसे दुकान निर्माण, व्यवसायिक उद्देश्य के लिए कर सकेगा।
Note:- एसपीटी एक्ट की धारा 13 जो CNT की धारा 21 के समतुल्य है उसे भी 2016 में प्रस्तावित संशोधन में सम्मिलित किया गया है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
1. संविधान के 66 वें संशोधन (1990) के द्वारा सीएनटी की कुछ धाराओं को भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप न्यायपालिका सीएनटी एक्ट पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती है तथा संसद को ही इस एक्ट में संशोधन करने का अधिकार है। इस संशोधन के अंतर्गत कुल 10 धाराओं को संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया जो है: – 46, 47, 48A, 71, 71A, 71B, 20, 241 और 242।
Amendments In CNT ACT
CNT ACT DETAILED VIDEO
1 thought on “सीएनटी एक्ट में संशोधन | Amendmants In CNT Act”