बंगाल के गर्वनर
Governor Of Bangal Tricks
बंगाल का प्रथम गवर्नर | रॉबर्ट क्लाइव |
बंगाल का अंतिम गवर्नर | वारेन हेस्टिंग्स |
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल | वारेन हेस्टिंग्स |
बंगाल का अंतिम गवर्नर जनरल | विलियम बैंटिक |
भारत का प्रथम गवर्नर जनरल | विलियम बैंटिक |
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल | कैनिंग |
भारत का प्रथम वायसराय | कैनिंग |
भारत का अंतिम वायसराय | माउंटबेटन |
स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल | माउंटबेटन |
भारत का प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल | राजा गोपालाचारी |
भारत का अंतिम गवर्नर जनरल | राजा गोपालाचारी |
बंगाल के गवर्नर
Trick- कहबे कब कब ? ( बोलेगे कब कब) क – क्लाइव – ह- हॉलवेल बे – बेंसिटार्ट क – क्लाइव ब- बरेलेस्ट क – कार्टियर ब – बारेन हेस्टिंग्स |
रॉबर्ट क्लाइव (1757-60) | बंगाल का पहला गर्वनर |
जॉन हॉलवेल (1760) | इसने ब्लैक होल की घटना का वर्णन किया था |
हेनरी बेंसिटार्ट (1760-65) | बक्सर युद्ध के समय बंगाल का गवर्नर यही था। |
रॉबर्ट क्लाइव (1765-67) | दूसरी कार्यकाल में बंगाल में द्वैध शासन लगाया। |
हैरी बरेलेस्ट (1767-69) | इसके समय प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध हुआ। |
जॉन कार्टियर (1769-72 | आधुनिक भारत में पहला अकाल (1770) इसी के समय पड़ा। |
वारेन हेस्टिंग्स(1772- 73) | बंगाल में द्वैध शासन को हटाया। |
रॉबर्ट क्लाइव
🔥 रॉबर्ट क्लाइव 1742 में ईस्ट इंडिया कंपनी में एक कलर्क के रूप में भारत आया था। अपनी योग्यता के बल पर वह 1751 में अंग्रेजी सेना में कैप्टन के पद पर आसीन हुआ तथा 1757 में प्लासी युद्ध के बाद इसे बंगाल का गवर्नर बनाया गया था।
Second Carnatic War
🔥 1751 में हुए द्वितीय कर्नाटक युद्ध में इन्होंने 200 अंग्रेज और 400 भारतीय सेना को लेकर अर्काट (कर्नाटक की राजधानी) का घेरा किया था। जिसमें क्लाइव सफल रहा था और फ्रांसीसियों की चाल को नाकाम किया था। इसमें क्लाइव ने कर्नाटक के नवाब चांदा साहब और फ्रांसीसी कमांडर लॉ को पराजित किया था एवं तिरुचिरापल्ली को ब्रिटिश शासन के अधीन ले लिया था।
🔥 23 जून 1757 के प्लासी युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव ने किया था और इस युद्ध में अंग्रेजो ने भारत में अपनी शासन की पहली सीढ़ी पर कदम रख लिया था।
🔥 भारत में अंग्रेजी सत्ता स्थापित करने का श्रेय रॉबर्ट क्लाइव को दिया जाता है। क्योंकि प्लासी के युद्ध- विजय को आंशिक रूप से भारत में अंग्रेजी सत्ता की स्थापना तथा बक्सर के युद्ध-विजय को भारत में वास्तविक सत्ता की स्थापना माना जाता है। प्लासी युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव का प्रत्यक्ष योगदान था और बक्सर के युद्ध के बाद हुई संधियों में इसका प्रमुख योगदान था।
🔥 प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और बंगाल इंडिया कंपनी के गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव के मध्य हुआ था। इस युद्ध में सिराजुदुल्लाह की हार हुई थी क्योंकि उनके सेनापति मीर जाफर और उसके प्रभाव में आकर उसके दीवान दुर्लभ राय ने धोखा दिया था।
🔥 नवंबर 1759 में वेदरा का युद्ध रॉबर्ट क्लाइव वो डचों के मध्य हुआ था जिसमें क्लाइव की जीत हुई और ऐसा माना जाता है कि वेदरा युद्ध से ही भारत में डचों का पतन शुरू हो गया।
🔥 प्लासी के युद्ध के बाद 1757 में इसे बंगाल का पहला गवर्नर बनाया गया था। पुनः इसे बक्सर के युद्ध के बाद 1765 में बंगाल का गवर्नर बनाया गया।
🔥 रॉबर्ट क्लाइव ने तत्कालीन बंगाल का शासन चलाने के लिए उप-दीवान की नियुक्ति की थी। बंगाल क्षेत्र के लिए उप-दीवान मोहम्मद रजा खान तथा बिहार क्षेत्र के लिए उप-दीवान राजा शिताब राय और उड़ीसा के लिए दुर्लभ राय को उप-दीवान बनाया था।
🔥 राजस्व सुधार के क्षेत्र में परीक्षण एवं अशुद्धि (Trial & Error) के नियम को अपनाया था।
🔥 वर्क ने इसे “बड़ी-बड़ी नींव रखने वाला” कहा था वही अंग्रेज इतिहासकार पीवल स्पीयर इसे “भविष्य का अग्रदूत” कहा है।
जॉन हॉलवेल
🔥 पहले हॉलवेल एक कोलकाता का सैनिक अधिकारी था। प्लासी के युद्ध के समय कोलकाता का गवर्नर डेक था। डेक सिराजुदुल्लाह के भय से भयभीत होकर भाग गया था उस समय हॉलवेल को कोलकाता का शासन इसी को सौप के भागा 🏃 था।
🔥 1760 में अचानक रॉबर्ट क्लाइव स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देकर इंग्लैंड वापस चला गया था। उस स्थिति में जॉन हॉलवेल को अस्थाई बंगाल का गवर्नर बनाया गया था। इसने ही ब्लैक होल घटना का वर्णन किया था।
Note:- कोलकाता में स्थित हॉल वेल स्मारक को गिराने के आरोप में सुभाष चंद्र बोस को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था जिसके वजह से उसने भारत छोड़कर जर्मनी जाने का फैसला लिया था।
Black Hole Tragedy
20 जून 1756 को कोलकाता में काल कोठरी की घटना हुई थी। इस घटना को पलासी के युद्ध का तत्कालीक कारण माना जाता है। बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला ने 146 अंग्रेज बंदियों जिनमें स्त्री या पुरुष और बच्चे भी शामिल थे, को 20 जून 1856 को एक 18 फुट लंबी 14 फुट चौड़े तथा 10 इंच ऊंचे कमरे में बंद कर दिया गया था। जब कमरे को 23 जून को खोला गया था तब उसमें सिर्फ 23 लोग जीवित बचे थे। इस बचे हुए लोगों में से हॉलवेल भी एक थे 😀 उन्होंने ही इस घटना का वर्णन किया था। इस घटना को कई इतिहासकार संदिग्ध मानते हैं।
हेनरी बेंसिटार्ट
🔥 1760 में बेंसिटार्ट को बंगाल का नया गवर्नर बनाया गया लेकिन बंगाल के नवाब मीर जाफर ने उनका स्वागत नहीं किया जिससे बेंसिटार्ट बहुत ही नाराज हुए। इससे नाराज होकर बेंसिटार्ट ने मीर जाफर को नवाब के पद से हटाकर मीर कासिम को बंगाल का नया नवाब बना दिया।
Patna Massacre
🔥 1763 में मीर कासिम के आदेश पर उसके एक जर्मन अधिकारी समरू ने पटना में कई अंग्रेज अधिकारियों और भारतीय जमींदारों की हत्या कर दी थी जिसे भारतीय इतिहास में पटना हत्याकांड के नाम से जाना जाता है। इस हत्याकांड के बाद भयभीत होकर मीर कासिम ने अवध के नवाब शुजादुल्ला के यहां शरण लिया था। इस घटना के बाद बेंसिटार्ट ने मीर जाफर को पुनः बंगाल का नवाब बना दिया। पटना हत्याकांड को “बक्सर के युद्ध की नीव” कहा जाता है।
🔥 उधर बंगाल के पूर्व नवाब मीर कासिम अवध के नवाब शुजाउदोल्लाह और दिल्ली के मुगल शासक शाह आलम द्वितीय ने मिलकर एक संयुक्त सेना बनाई। तथा इस संयुक्त सेना ने बंगाल के नवाब मीर जाफर तथा बंगाल के अंग्रेज गवर्नर बेंसिटार्ट के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।
🔥 बेंसिटार्ट ने मीर जाफर के साथ मिलकर एक सेना बनाई जिसका सेनापति हेक्टर मुनरो को बनाया था। 22-23 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध हुआ जिसमें अंग्रेजों की जीत हुई। बक्सर युद्ध के बाद बंगाल की वास्तविक सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में पहुंच गई थी।
रॉबर्ट क्लाइव का दुसरा कार्यकाल
1765 में रॉबर्ट क्लाइव को दोबारा से बंगाल का गवर्नर और कोलकाता की सेलेक्ट कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। मीर जाफर के पुत्र नज्मउद्दौलाह को बंगाल का नवाब बनाया लेकिन उसने मुख्य अधिकार अपने पास रख लिया था। इस तरह रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की थी। इस शासन के अंतर्गत सैनिक संरक्षण, राजस्व वसूली एवं विदेशी मामले कंपनी के अधीन रखे गए थे जबकि प्रशासन चलाने की जिम्मेदारी बंगाल के नवाब को दे दी गई थी।
🔥 12 अगस्त 1765 को रॉबर्ट क्लाइव ने मुगल शासक शाह आलम द्वितीय के साथ इलाहाबाद की पहली संधि की। इस संधि के तहत मुगल बादशाह को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने संरक्षण में ले लिया। इस संधि के तहत रॉबर्ट क्लाइव को बिहार और उड़ीसा की दीवानी मिली। इस तरह बंगाल के साथ-साथ उड़ीसा और बिहार में भी द्वैध शासन की शुरुआत हो गई।
🔥 16 अगस्त 1765 को रॉबर्ट क्लाइव और अवध के नवाब शुजादोल्लाह के बीच इलाहाबाद की दूसरी संधि हुई। इस संधि के तहत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को अवध में मुफ्त व्यापार करने का अधिकार मिला तथा अवध में सेना रखने का अधिकार प्राप्त हुआ।
🔥 श्वेत विद्रोह (White Mutiny)
1765 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इसकी सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए रॉबर्ट क्लाइव ने सारे अधिकारियों और सैनिकों से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया था। इसके अलावा सैनिकों को युद्ध के समय मिलने वाला दोहरा वेतन भत्ता को बंद कर दिया था। नए नियम के अनुसार दोहरा भत्ता सिर्फ उन सैनिकों को मिलेगा जो बंगाल के सीमा से बाहर तैनात होंगे। इसका सैनिकों और कई ब्रिटिश अधिकारियों ने विरोध किया था। यह विद्रोह भारत के सैनिकों के साथ-साथ ब्रिटिश अधिकारियों ने भी किया था इसलिए इसे श्वेत विद्रोह (1766) के नाम से जाना जाता है। रॉबर्ट क्लाइव के आदेश पर कई अधिकारियों और सैनिकों ने त्यागपत्र दे दिया था।
Note:- श्वेत विद्रोह का जिक्र इतिहास में तीन बार आता है। क्लाइव के काल में, कैनिंग के काल में और रिपन के काल में।
🔥 क्लाइव ने इंग्लैंड जाकर आत्महत्या कर ली थी।
हैरी बरेलेस्ट
इस के समय 1767 में प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध हुआ था। 1769 में इसे इंग्लैंड वापस बुला लिया गया था।
जॉन कार्टियर
इसके समय में ही आधुनिक भारत (ब्रिटिश काल) में 1770 में पहली बार अकाल पड़ा था (बंगाल में)।
वारेन हेस्टिंग्स
🔥 यह बंगाल का अंतिम गवर्नर था। इसने बंगाल में रॉबर्ट क्लाइव द्वारा बनाए गए द्वैध शासन को 1772 में समाप्त कर दिया था। रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 के द्वारा बंगाल के गवर्नर के पद को अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल बना दिया। मद्रास एवं मुंबई के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया गया। इस प्रकार भारत में कंपनी के अधीन प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स हुए।
🔥 1750 में वारेन हेस्टिंग्स कंपनी के एक मामूली क्लर्क के रूप में कोलकाता आया था। अपनी कार्यकुशलता के कारण यह कासिम बाजार का प्रेसिडेंट बन गया था। बाद में यह बंगाल का गवर्नर तथा कंपनी का गवर्नर जनरल बना था।
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Governor & Governor General Of Bangal