Famous Hills/ Mountains Of Jharkhand
गढ़जात की पहाड़ियां
यह पहाड़ी पूर्वी घाट पर्वतमाला का विस्तार है। यह पहाड़ियां मुख्य रूप से उड़ीसा में तथा गौण रूप से झारखंड और छत्तीसगढ़ में पाया जाता है। यह उत्कल या उड़ीसा के पठार पर अवस्थित है। सम्मिलित रूप से इसे उड़ीसा उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है। मलयगिरी पहाड़ी इसकी सर्वोच्च चोटी। झारखंड में यह पहाड़ियां सिंहभूम तथा सिमडेगा में पाई जाती है।
सती पहाड़
Sati Hill one of the famous Mountains Of Jharkhand. यह हजारीबाग के बड़कागांव के इस्को प्रखंड में अवस्थित है यहां पर पाषाणकालीन शैलचित्रों की प्राप्ति हुई है।
नचनिया पहाड़
यहां प्रसिद्ध शिव का गुफा मंदिर है जो गिरिडीह जिला में अवस्थित है।
कैमूर पहाड़
यह पहाड़ी झारखंड के गढ़वा जिले को छूती है जहां से रॉक पेंटिंग मिलें है।
महुदी पहाड़
यह पहाड़ यह हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड में अवस्थित है। इस पहाड़ में 4 गुप्तकालिन मंदिरों के अवशेष मिले है जो पत्थर को काटकर बनाया गया है। डुमारो जलप्रपात और बंदरचूआ जलप्रपात इसी पहाड़ी की जलधारा से बनता है। प्राचीनकालीन कई गुफाएं यहां मौजूद है। प्रसिद्ध बुढ़वा महादेव मन्दिर इसी पहाड़ी पर अवस्थित है।
गोंडा पहाड़ – यह पहाड़ी राँची जिला में अवस्थित है। इस पहाड़ी के चट्टान को तरासकर Rock Garden बनाया गया है। इस पहाड़ी के तलहटी में कांके डैम अवस्थित है।
Gonda Pahad – This hill is located in Ranchi district. Rock Garden has been made by carving the rock of this hill. Kanke Dam is situated at the foothills of this hill.
टैगोर पहाड़
यह राँची में अवस्थित है,इसे पहले मोराबादी पहाड़ी कहा जाता था। इस पहाड़ी के तल में रामकृष्ण मिशन और दिव्य ज्ञान सेंटर मौजूद है। यह पहाड़ी टैगोर परिवार से सम्बन्धित है। यहां रबींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरिंद्र नाथ टैगोर ने 1912 में उनकी पत्नी कादंबरी देवी के मृत्यु के पश्चात अपना निवास स्थल बनाया था। आवास का नाम शांति धाम है और यहां एक स्मारक बनाया जिसका नाम ब्रह्म स्थल है। रबिंद्र नाथ टैगोर ने भी यहां कुछ समय बिताए थे और यही रह के कुछ रचनाएं की। इस वजह से इस पहाड़ी का नाम टैगोर पहाड़ी पड़ा।
महुलिया पहाड़
महुलिया पहाड़ – यह पहाड़ पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में अवस्थित है। इस पहाड़ पर ढाल राजाओं की कुल देवी “रंकिनी देवी” की मंदिर है।
Note:- रामगढ़ राज्य का कुलदेवी “छिन्नमस्तिका देवी” थी। सिंहवंशी राज्य का कुल देवी की “पौरी देवी (चक्रधरपुुर)” था। नागवंशी राज्य का कुल देवता “चिंतामणि देव (पालकोट)” था।
Mahulia Mountain – This mountain is situated in Ghatshila of East Singhbhum. On this mountain there is a temple of “Rankini Devi”, the family goddess of the shield kings.
Note:- The family deity of Ramgarh state was “Chhinnamastika Devi”. The clan goddess of Singhvanshi state was “Pauri Devi (Chakradharpur)”. The family deity of Nagvanshi state was “Chintamani Dev (Palkot)”.
मंदारगिरी पहाड़ – यह लातेहार जिला के चंदवा प्रखंड में अवस्थित है। यहां 18वीं सदी में टोरी परगना राजा पीतांबर शाही द्वारा बनाया गया उग्रतारा मंदिर है। साथ ही यहां दूसरा धार्मिक स्थल मदारशाह का मजार है।
Mandargiri Hills – It is located in Chandwa block of Latehar district. Here is the Ugratara temple built by Tori Pargana king Pitambar Shahi in the 18th century. Also, the second religious place here is the tomb of Madarshah.
बागडू पहाड़ –यह लोहरदग्गा के बागडूपाट में स्थित एक पहाड़ी जहां “बिरसा उपवन” जैव विविधता पार्क हैं। इस पार्क को विकसित HINDALCO द्वारा किया गया है। यह पहाड़ी बॉक्साइड के भंडारण के लिए प्रसिद्ध है।
Bagdu Pahad –It is a hill situated in Bagdupat of Lohardaga where “Birsa Upvan” Biodiversity Park is located. This park has been developed by HINDALCO. This hill is famous for its bauxite deposits.
गुलगुल पहाड़ – यह झारखंड के गढ़वा जिले के सरुअत गांव में स्थित है इसलिए इसे सरूअत पहाड़ी भी कहा जाता। यह झारखंड का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है सम्मेद शिखर (पारसनाथ) के बाद।
Gulgul Pahad – It is located in Saruat village of Garhwa district of Jharkhand, hence it is also called Saruat Hill. It is the second highest mountain peak of Jharkhand after Sammed peak (Parasnath).
सिंगारसी पहाड़ – यह पाकुड़ जिला के आमडापाड़ा में अवस्थित है। पहाड़िया विद्रोह के दौरान यहां जबरा पहाड़िया ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था। झारखंड का एकमात्र वायु सेना स्टेशन इसी पहाड़ी के तराई में अवस्थित है।
Singarsi Hill – It is situated in Amdapara of Pakur district. During the Pahadia rebellion, Jabra Pahadia rebelled against the British here. Jharkhand’s only Air Force station is at the foot of this hill.
बाराकोपा पहाड़ – यह गोड्डा जिला में अवस्थित है। इस पहाड़ में प्रसिद्ध माता योगिनी का मंदिर है।
Barakopa Hills – It is located in Godda district. There is a famous temple of Mata Yogini in this mountain.
धसनिया पहाड़ – यह जामताड़ा जिला में अवस्थित है रमना आहड़ी ने इसी पहाड़ में अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह किया था।
Dhasaniya Mountain – It is located in Jamtara district. Ramna Ahdi had rebelled against the British in this mountain.
मुड़हर पहाड़ (पवड़)
यह पहाड़ राँची जिला के पिठोरिया में स्थित है। मदरा मुंडा की राजधानी सुतियाम्बे यहीं पर स्थित है। मदरा मुंडा यही से सुतिया नागखण्ड राज्य का प्रशासन चलाता था। इस पहाड़ में मुंडा समुदाय के लिए कई पवित्र स्थल है। इस पहाड़ में भगवान शिव की पूजा मुड़हर बाबा के रूप में होती है जो पहाड़ में स्थित एक गुफा में स्थित है।
हाथी पहाड़ – यह पहाड़ी देवघर शहर के नजदीक स्थित हैं। इस पहाड़ में एक विशाल चट्टान है जिसकी आकृति हाथी से मिलती है। इस पहाड़ को महादेवत्री के नाम से भी जाना जाता है।
Hathi Pahad – This hill is located near Deoghar city. There is a huge rock in this mountain whose shape resembles an elephant. This mountain is also known as Mahadevtri.
मारसिल्ली पहाड़ – यह पहाड़ राँची के नामकुम में स्थित विकसित की जा रही पर्यटन स्थल है। पहाड़ के शिखर पर भगवान शिव का मंदिर स्थित है जिसे देवलोक धाम कहा है।
Marsilli Mountain – This mountain is a tourist destination being developed located in Namkum, Ranchi. The temple of Lord Shiva is situated on the peak of the mountain which is called Devlok Dham.
झिनझिनी पहाड़ी – यह धनबाद जिला के कतरास में अवस्थित है। यहाँ एक तालाब और शिव मंदिर के अवशेष मिले है।
Jhinjhini Hill – It is located in Katras of Dhanbad district. Remains of a pond and Shiva temple have been found here.
बुलबुल पहाड़ – बुलबुल जंगल और बुलबुल पहाड़ लोहारदग्गा के पेशरार प्रखंड में अवस्थित है। यह जंगल/पहाड़ माओवादी गतिविधियों के रूप में जानी जाती है।
Bulbul Pahad – Bulbul Forest and Bulbul Pahad are located in Pesharar block of Lohardaga. This forest/mountain is known to have Maoist activities.
लोटा पहाड़ – यह लोटा की आकृति का पहाड़ है। यह पश्चिम सिंहभूम में चक्रधरपुर के पास स्थित है। यहाँ पे पाषाणयुगीन अवशेष भी प्राप्त हुए है। यहाँ लौह अयस्क के भंडार भी पाए गए है।
Lota Mountain – It is a mountain in the shape of Lota. It is situated near Chakradharpur in West Singhbhum. Stone Age remains have also been found here. Iron ore reserves have also been found here.
बादाम पहाड़ – यह उड़ीसा और झारखंड के सीमा पर स्थित एक पहाड़ है जिसमे लौह अयस्क का विशाल भंडार है। यह बादामी रंग का पहाड़ है तथा इसमे पाए जाने वाले छोटे-छोटे पत्थर बादाम के आकृति के पाए जाते है।
Badam Pahad – This is a mountain located on the border of Orissa and Jharkhand which has huge reserves of iron ore. This is an almond colored mountain and the small stones found in it are almond shaped.
रांगा पहाड़ – यह पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया में स्थित है। यह एक लाल रंग का एक पहाड़ है।
Ranga Pahar – It is situated in Dumariya of East Singhbhum. It is a red colored mountain.
नरवां पहाड़ – यह पूर्वी सिंहभूम में स्थित है। यहाँ यूरेनियम का विशाल भंडार है। रूस के सहयोग से यहाँ अत्याधुनिक तरीके से यूरेनियम निकाला जा रहा।
Narwan Pahad – It is situated in East Singhbhum. There is a huge reserve of uranium here. Uranium is being extracted here in a modern way with the cooperation of Russia.
महबला पहाड़ – दुमका में स्थित इस पहाड़ में आदि मानव के पद चिन्ह मिले है।
Mahabala Mountain – Footprints of primitive humans have been found in this mountain located in Dumka.
Dhanbad District In troduction Video
दामोदर नदी का विस्तृत वर्णन with Map
नकटा पहाड़ मैकलुकसी गंज जहां मान्यता है कि मांगी गई सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।🙏🙏