Kharia Literature
खड़िया साहित्य परिचय – झारखंड के 16 द्वितीय राजभाषा में से खड़िया भी एक है। यह भाषा जुआंग भाषा से काफी मिलती जुलती है। जुआंग उड़ीसा की एक जनजाति है जिसकी भाषा का नाम भी जुआंग है। यह भाषा झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार तथा नेपाल में बोली जाती है। झारखंड में सिमडेगा और गुमला जिला में यह भाषा सर्वाधिक प्रचलित है। इस भाषा का कोई अपनी लिपि नही है।
Kharia Literature Introduction- Kharia is also one of the 16 second official languages of Jharkhand. This language is very similar to the Juang language. Juang is a tribe of Orissa whose language is also called Juang. This language is spoken in Jharkhand, Orissa, Chhattisgarh, Assam, West Bengal, Andaman Nicobar and Nepal. This language is most prevalent in Simdega and Gumla district in Jharkhand. This language has no script of its own.
खड़िया भाषा को UNESCO ENDANGERED LANGUAGE LIST के Vulnerable List में रखा गया है। इस लिस्ट में खड़िया के अलावा झारखण्ड में प्रचलित मुण्डारी, हो, कुरुख, अंगिका, कोड़ा, भूमिजी और गोंडी को रखा गया है। Definitely Endangered List में आसुरी और मालतो को रखा गया है तथा Crutically Endangered List में बिरहोरी है।
Kharia language has been placed in the Vulnerable List of UNESCO ENDANGERED LANGUAGE LIST. Apart from Khadia, Mundari, Ho, Kurukh, Angika, Koda, Bhoomiji and Gondi popular in Jharkhand have been kept in this list. Asuri and Malto have been kept in the Definitely Endangered List and Birhori has been kept in the Critically Endangered List.
Note:- भारत के कुल 191 भाषा को UNESCO ने सूची में जगह दिया है।
Note:- A total of 191 languages of India have been included in the UNESCO list.
खड़िया का भाषा परिवार
ऑस्ट्रो-एशियाई ➡ मुंडा ➡ खड़िया-जुआंग ➡ खड़िया
Austro-Asiatic ➡Munda ➡Kharia-Juang ➡Khadia
खड़िया भाषा के महत्वपूर्ण पुस्तकें (Important Kharia Literataure)
1) An Introduction To The Khadia Language – गगन चंद्र बनर्जी (1894)
1) An Introduction To The Khadia Language – Gagan Chandra Banerjee (1894)
2) Dictionary Of Khadia Language – एच फ्लोर और थेसेंस (1934).
2) Dictionary Of Khadia Language – H. Flores and Thessens (1934)
3) The Khadia – एस सी राय (1937)
3) The Khadia – S.C. Rai (1937)
4) खड़िया ओलोंग (खड़िया लोकगीतों का संकलन)-डब्लू सी आर्चर।
4) Khadiya Oolong (Compilation of Khadia Folk Songs)-W.C. Archer
5) Khadia Grammer – विलगिरी
5) Khadia Grammer – Billgirl
6) खड़िया व्याकरण – आर पी साहा (यह बिलगिरी के खड़िया ग्रामर का संशोधित रूप है)।
6) Khadia Grammar – R.P. Saha (It is a modified form of Khadia Grammar of Bilgiri)
7) खड़िया डा (खड़िया संस्कृति) – जुलियस बा
7) Khadiya Da (Khadia Culture) – Julius Ba
8) खड़िया उस्लो (खड़ियाओ की भूमि)- जुलियस बा
8) Khadia Uslo (Land of Khadias)- Julius Ba
9) खड़िया शब्द संग्रह – निकोलस टेटे
9) Khadia Vocabulary – Nicolas Tete
10) हिंदी और खड़िया – मतियस डुंगडुंग (यह हिंदी और खड़िया का तुलनात्मक अध्ययन है)
10) Hindi and Khadia – Matias Dungdung (This is a comparative study of Hindi and Khadia)
11) The Kharias: Then & Now – ललिता प्रसाद विद्यार्थी और वी एस उपाध्याय
11) The Kharias: Then & Now – Lalita Prasad Vidyarthi and V S Upadhyay
12) प्रेमचंदाअ लूअकोय (प्रेमचंद की कहानियां), खड़िया निबंध संग्रह (पहला निबंध), पगहा जोरी-जोरी रे घाटो (कहानी संग्रह) – रोज केरकेट्टा
12) Premchanday Luakoy (Stories of Premchand), Khadia Essay Collection (First Essay), Pagaha Jori-Jori Re Ghato (Story Collection) – Rose Kerketta
Note:- रोज केरकेट्टा को खड़िया साहित्य की पहली कवियत्री मानी जाती है।
Note:- Rose Kerketta is considered to be the first poetess of Kharia literature.
13) भंवर – रोज केरकेट्टा।
13) Bhawar – Rose Kerketta
14) प्यारे केरकेट्टा – यह खड़िया साहित्य के सबसे बड़े साहित्यकार माने जाते हैं। इसके नाम से बना प्यारे फाउंडेशन का खड़िया और अन्य जनजातीय साहित्य के विकास में अहम योगदान है। इसकी अन्य रचना खड़िया प्राइमर, लोदरो समोधी (मोटा समधी, पहली कहानी) , जुईझर डांड (पहला नाटक), डोकलो हो, मुड़ सिडीकी, जामा -बहार, बेरहथा बिहा (पहला कहानी संग्रह)।
14) Pyare Kerketta – He is considered to be the greatest writer of Kharia literature. The Pyare Kerketta Foundation named after it has an important contribution in the development of Khadia & other tribal literature. Its other works are Khadia Primer, Lodro Samodhi (Fat Samdhi, first story), Juijhar Dand (first play), Doklo Ho, Mud Sidiki, Jama-Bahar, Berhatha Biha (first story collection).
15) खड़िया नंदिनी (खड़ियाका इतिहास)- नूअस केरकेट्टा (इसे खड़िया भाषा का पहला ग्रंथ कहा जाता है।)
15) Khadia Nandini (History of Khadia) – Nuas Kerketta (It is called the first book of Khadiya language.)
पत्र और पत्रिकाएं
1) तारदी (बत्ती)- पहली खड़िया पत्रिका। सम्पादक हेरमन किंडो
2) जोहार
3) दीयोम (दीया)
4) सरना नीअ – यह इंटरनेट पे जारी होने वाली झारखंड की पहली आदिवासी भाषा की पत्रिका है।
Papers and magazines
1) Tardi (Light)– The first chalk magazine. Editor Hermann Kindo
2) Johar
3) Diyom (Diya)
4) Sarna Niya- This is the first tribal language magazine of Jharkhand to be published on the internet.
Video On Kharia Literature