बिनोद बिहार महतो
Vinod Bihari Mahto Biography
ये झारखण्ड निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता में से थे। इनका जन्म 23 सितंबर 1923 में धनबाद जिला के बलियापुर प्रखंड के बरदाहा गांव में हुआ था। इन्होंने अपने माता मंदाकिनी देवी के नाम से पश्चिम बरवा में तथा पिता महेंद्रनाथ महतो के नाम से पूर्वी बरवा में स्कूल बनाए। इन्होने सर्वप्रथम धनबाद कोर्ट में क्लर्क की नौकरी किया बाद में पटना कॉलेज से लॉ की पढ़ाई पूरी करके धनबाद कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
धनबाद क्षेत्र में औद्योगिकरण के फलस्वरूप विस्थापित लोगो को मुवाअजा दिलाने में इनका प्रमुख योगदान था। ये 1952 में निर्दलीय झरिया विधान सभा से चुनाव लड़े मगर झरिया के राजा काली प्रसाद से हार गए। ये राजनीति के शुरुवात में CPI(M) से जुड़े थे और 1971 में इस पार्टी से धनबाद लोक सभा चुनाव लड़े जिसमे ये द्वितीय स्थान में रहे।
1969 में इन्होंने कुरमी समाज में सुधार के लिए “शिवाजी समाज” की स्थापना की।1973 में शिबू सोरेन और ए के राय के साथ मिलकर “झारखण्ड मुक्ति मोर्चा” नामक राजनीतिक दल का गठन किया और ये JMM के प्रथम अध्यक्ष बने। बाद में इन्होने JMM से अलग होकर JMM (B) की स्थापना किया था। इसने “पढ़ो और लड़ो” का नारा दिया था। ये टुंडी विधान सभा से दो बार तथा सिंदरी से एक बार विधायक चुने गए।
गिरिडीह लोक सभा सीट से चुनाव जीतकर ये संसद पहुंचे थे (1991)। ये JCC (JHARKHAND CO-ORDINATION COMMITTEE) के सदस्य भी चुने गए थे। इसकी मृत्यु दिसंबर 1991 में दिल्ली में हुई थी।
2017 में इनके सम्मान में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। धनबाद के हीरापुर में इनके नाम से एक मार्केट है “विनोद नगर”। धनबाद लॉ कॉलेज की स्थापना में इसका बहुत योगदान था। लोग इसे “बाबू” कह कर भी बुलाते थे।
Vinod Bihari Mahto Biography