झारखंड फ़िल्म नीति 2015
Jharkhand Filmy Policy 2015
परिचय –झारखंड में पहला फिल्म नीति 2015 में लागू किया गया। इस नीति के लागू होने के बाद झारखण्ड के फिल्म उद्योग में बहुत विकास हुआ 2015 के बाद बॉलिवुड के फिल्मों का झारखंड में निर्माण की रफ्तार काफी बढ़ी। बेगम जान,अजब सिंह की गजब कहानी,आ पंचलेट, बनाना, लोहरदग्गा, राहगीर,सब कुशल मंगल, दिल बेचारा, एम एस धौनी, ,इलाका किशोरगंज,नास्तिक , गांव ,रांची डायरीज आदि कई बड़ी बजट और बड़े निर्देशक, कलाकार की मूवी बनी।
उद्देश्य –a) झारखंड के युवाओं को फिल्म उद्योग के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना।
b) झारखंड को फिल्म उद्योग का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाना।
c) देश और झारखंड को सस्ता और स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध कराना।
d) फिल्म उद्योग के माध्यम से पूंजी निवेश को झारखंड की तरफ आकर्षित करना।
e) फिल्म के माध्यम से झारखंड की खूबसूरती, परम्परा को भारत और विश्व भर पहुंचाना और पर्यटकों को झारखंड की तरफ आकर्षित करना।
f) क्षेत्रीय भाषा से बनी फिल्मों को प्रोत्साहित करना।
फिल्म सिटी – फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत फिल्म के विकास के लिए फिल्म सिटी के निर्माण का प्रावधान है जो रामगढ़ के पतरातु में निर्माणाधीन है।
वित्तीय प्रोत्साहन –a) व्यापार कर से छूट -झारखंड सरकार ने फिल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया है ,फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत फिल्म उद्योग को Commercial Tax से छूट दी गई है।
b) मनोरंजन कर में छूट – फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत उन फिल्मों को 50% मनोरंजन कर में छूट 6 महीने तक दी जाएगी जिस फिल्म का आधा सूटिंग झारखंड में हुआ हो। इसके अलावा उन फिल्मों को 100% मनोरंजन कर में छूट 1 साल तक दी जाएगी जिस फिल्म का दो-तिहाई सूटिंग झारखंड में हुआ हो।
झारखंड फिल्म विकास निगम लिमिटेड – इस नीति के तहत एक Film Development Corporation की स्थापना की बात की गई है। जिसकी स्थापना 7 दिसंबर 2016 में Jharkhand Film Development Corporation Limited के नाम से की गई जिसका मुख्यालय राँची में अवस्थित है।
झारखंड फिल्म विकास परिषद का गठन –फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत राज्य स्तरीय फिल्म विकास परिषद की स्थापना की बात कही गई जो झारखंड में फिल्म उद्योग के विकास के लिए दीर्घकालिक और अर्थपूर्ण विकास की योजना बनाएगा तथा सरकार को फिल्म उद्योग के विकास के लिए सलाह देगा। इसी निर्देश को मूर्त रूप देने के लिए झारखंड सरकार ने FIDCOJ (Film Development Council Of Jharkhand) की स्थापना की। इसका अध्यक्ष सरकार द्वारा नामित कोई फिल्म विशेषज्ञ होता है। इस विभाग के अन्य सदस्य भी फिल्मों के जानकार होते है जैसे की फिल्म निर्माता,फिल्म वितरक, फिल्म कलाकार। इसका संयोजक सूचना और जनसंपर्क विभाग के निदेशक होते है।
Formation Of State Film Unit (राज्य फिल्म एकांश का गठन) –झारखंड फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत State Film Unit की स्थापना की बात की गई है। यह विभाग राज्य में बनी लघु फिल्म तथा शैक्षणिक फिल्म को सिनेमाघर में चलाने तथा फिल्म नीति के क्रियान्वयन का काम करेगा। इस यूनिट की स्थापना सूचना और जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत की जाएगी।यह विभाग फिल्मों को सुगम, सरल और समयबद्ध प्रमाणीकरण सुविधा उपलब्ध कराएगा। इस यूनिट का अध्यक्ष सूचना और प्रसारण विभाग का निदेशक होता है।
एकल मेज व्यवस्था (Single Desk System) – फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत फिल्म को स्वीकृति देने के लिए एकल मेज व्यवस्था की बात कही गई इसी का अनुसरण करते हुए SIWCOF (Single Window Committee For Film) की स्थापना की गई जो झारखण्ड में फिल्मी सूटिंग की सुविधा उपलब्ध कराता है, ये फिल्म सूटिंग की स्वीकृति/अस्वीकृति देता है। सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी की स्वीकृति/अस्वीकृति भी यह देता है। फिल्म की सूटिंग बिना किस व्यावधान के हो इसे भी यही विभाग सुनिश्चित करता है।
Subsidy (अनुदान) –फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत झारखंड में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने अनुदान की घोषणा की है।
a) झारखंडी भाषाओं में बनने वाले फिल्म के लिए कुल लागत का 50% तक अनुदान की घोषणा की गई है और अन्य भाषाओं में बनने वाली फिल्म के लिए अनुदान की राशि को 25% तक किया गया है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए न्यूनतम अवधि आधे घंटे और फीचर फिल्म के लिए न्यूनतम अवधि एक घंटे तय की गई है।
b) झारखंड राज्य में बनी हुई किसी फिल्म की अगर कुल सूटिंग दिवस का दो-तिहाई झारखंड सीमा क्षेत्र में करता है तो अधिकतम 2 करोड़ की अनुदान दिया जाएगा। 2/3 सूटिंग-दिवस झारखंड में पूरा करने पर निर्माता को दूसरी फिल्म के लिए 2.25 करोड़ का अनुदान तीसरी के लिए 2.50 करोड़ चौथे पे 2.75 करोड़ पांचवे पे 3 करोड़ तक का अनुदान दिया जायेगा।
c) झारखंड राज्य में बनी हुई किसी फिल्म की अगर कुल सूटिंग दिवस का आधा झारखंड सीमा क्षेत्र में करता है तो अधिकतम 1 करोड़ की अनुदान दिया जाएगा। आधा सूटिंग-दिवस झारखंड में पूरा करने पर निर्माता को दूसरी फिल्म के लिए 1.25 करोड़ का अनुदान तीसरी के लिए 1.50 करोड़ चौथे पे 1.75 करोड़ पांचवे पे 2.5 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा।
फिल्म प्रोसेसिंग –अगर कोई फिल्म निर्माता झारखंड में सूटिंग के बाद फिल्म का प्रोसेसिंग भी झारखंड में करता है तो उसे प्रोसेसिंग के कुल लागत का 50% तक या 50 लाख रुपया तक,जो भी कम हो, अतिरिक्त अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
a. यदि कोई फिल्म निर्माता फिल्म निर्माण के माध्यम से झारखंड के किसी पर्यटन स्थल,सांस्कृतिक विरासत के संबंध में फिल्म निर्मित करता है तो उसे अतिरिक्त 50 लाख का अनुदान दिया जाएगा।
b. अगर कोई फिल्म निर्माता ऐसी फिल्म बनाता है जिसके सारे कलाकार झारखंड से हो तो उसे 50 लाख तक का अनुदान दिया जाएगा।
c. यदि कोई फिल्म निर्माता ऐसी फिल्म बनाता है जिसके 5 मुख्य कलाकार झारखंड से हो तो उसे 25 लाख तक का अनुदान दिया जाएगा।
Tax –फिल्म तथा फिल्म संबंधित आधारभूत आवश्यकतापूर्ति के लिए फिल्म टिकट पर 2% सरचार्ज लिए जाने का प्रावधान किया गया है जो फिल्म विकास निधि में जमा होता है और इस पैसे का खर्च झारखण्ड में बनने वाले फिल्म/वीडियो फिल्म/डॉक्यूमेंट्री फिल्म/क्षेत्रीय फिल्म को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है जैसे की
a) फिल्मों के निर्माण में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना
b) नए स्टूडियो का निर्माण
c) फिल्म महोत्सव/गोष्ठी/अन्य कार्यक्रम का आयोजन
d) पुरस्कार की व्यवस्था
e) फिल्मी उपकरणों की व्यवस्था
d) फिल्म विकास निगम के रख रखाव में खर्च
फिल्म विकास निधि –फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत फिल्म विकास निधि का गठन किया गया है जिसका अध्यक्ष झारखंड राज्य का मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष झारखंड का प्रधान सचिव होता है।
सरकारी हवाई पट्टी का उपयोग –इस नीति के तहत फिल्म यूनिट को आउटडोर सूटिंग कराने के लिए झारखंड सरकार के अंतर्गत सभी छोटी छोटी -बड़ी हवाई पट्टियों का उपयोग निर्धारित किराए पर कराने की सुविधा प्रदान की है।
फिल्म इकाइयों के लिए आवासीय सुविधा –इस नीति के अंतर्गत आउटडोर सूटिंग करनेवाले फिल्म यूनिटों को पर्यटन विभाग के होटल में ठहरने के लिए 25% की छूट देने की व्यवस्था की गई है। लोक निर्माण विभाग/सिंचाई विभाग/वन विभाग के विश्रामालय/अतिथि गृह भी फिल्म यूनिट द्वारा रियायती दर पर उपयोग में लाया जा सकता है।
यदि कोई निवेशक झारखंड में “Film Training Institute” बनाता है तो उसे कुल लागत का 50% तक या 50लाख रुपया जो भी कम हो, का अनुदान दिया जाएगा।
फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत प्रतिवर्ष झारखंड के पर्यटन, संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और मानवीय मूल्यों पर आधारित अंतराष्ट्रीय फिल्म का आयोजन राँची में किया जाएगा। इस का अनुसरण करते हुई झारखंड में 2018 से प्रतिवर्ष JIFFA (Jharkhand International Film Festival Awards) का आयोजन किया जा रहा है।
फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत सिनेमाघरों को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
वीडियो चोरी और फिल्म के अवैध प्रदर्शन पर रोक –फिल्म के गैर कानूनी तरीके से प्रदर्शन और फिल्म जालसाजी को रोकने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके लिए “सतर्कता समिति (Vigilance Committee)” की स्थापना की बात कही गई है।
मल्टीप्लेक्स – फिल्म नीति 2015 के अंतर्गत मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रथम वर्ष 100% का अनुदान द्वितीय वर्ष 75% और तृतीय वर्ष 50% का अनुदान देने की बात कही गई है। सौर ऊर्जा से संचालित सिनेमाघरों को कुल निवेश के 50% तक का अनुदान दिया जाएगा।
सिनेमाघरों में कैप्टिव पावर प्लांट की व्यवस्था –सिनेमाघरों के व्यापारिक संचालन के लिए निरंतर और निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जरूरत होती है। सिनेमाघर के मालिक को इस व्यवस्था को अपने सिनेमाघर के लगाने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिए सरकार 3 वर्ष तक के विद्युत कर की छूट देगी।
न्यूनतम उपभोग गारंटी –अन्य उद्योगो की तरह फिल्म उद्योग में भी इसे लागू किया गया है। अगर कोई सिनेमाघर निर्धारित कंजप्शन गारंटी कुछ ही माह में पूरा कर लेता है तो वर्ष के शेष भाग में उसकी बिलिंग वास्तविक विद्युत उपयोग के आधार पर की जाएगी।
बंद या रुग्ण सिनेमाघरों को पुनर्जीवित करना –इस नीति के तहत बंद पड़े या घाटे में चल रहे सिनेमाघर को पुनर्जीवित करके उसे 125 या उससे अधिक दर्शको वाली सिनेमाघर बनाने तथा वहां व्यवसायिक गतिविधि शुरू करने की योजना सरकार द्वारा बनाई जाएगी।
भूमि उपयोग – नई फिल्म नीति के तहत नए सिनेमाघरो को कुल क्षेत्रफल के 30% हिस्से का उपयोग व्यवसायिक रूप में किए जाने की अनुमति दी गई है।
मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों के निर्माण के लिए जमीन स्थानीय नगर प्राधिकरण द्वारा आबंटित किया जाएगा। यह आबंटन नीलामी प्रक्रिया से की जाएगी जिसमें न्यूनतम कीमत आवासीय जमीन के दर से तय की जाएगी। इस तरह आबंटित जमीन पे 1 वर्ष के अंदर मल्टीप्लेक्स/सिनेमाघर का निर्माण शुरू करना उस व्यक्ति की जिम्मेवारी होगी जिसे नीलामी के द्वारा जमीन आबंटित की गई है।
राज्य के नैसर्गिक सुंदरता, ऐतिहासिक, और समृद्ध संस्कृति और परंपराओ की पृष्ठभूमि का राज्य का पर्यटन विभाग इस तरह विकास और प्रचार करेगा ताकि यहां फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में मदद मिल सके।
Jharkhand Sport Policy 2020