Hindi Literature Of Jharkhand
उपन्यास/Novel In Hindi
रामचीज सिंह वल्लभ – इनके द्वारा लिखित उपन्यास “राजपूती शान” को झारखंड हिंदी साहित्य का पहला उपन्यास माना जाता है। इसे 1906 में प्रकाशित किया गया। इनके अन्य प्रसिद्ध उपन्यास ललिता (1909), उमाशंकर(1910) है। (Hindi Literature Of Jharkhand)
Note :- रामचीज सिंह वल्लभ चक्रधरपुर के राजा थे।
रामदीन पांडेय – इनकी रचनाएँ सामाजिक समस्याओं पर केंद्रित है। इन्होंने विद्यार्थी (1927), चलती पिटारी(1932), वासना (1941) नामक उपन्यास लिखें।
सत्यनारायण शर्मा – आत्महंता (1942) और टूटती हुई जंजीरे (1945) इनकी प्रमुख उपन्यास है।
हवलदारी रामगुप्त हलधर – “कंगाल की बेटी” इसकी प्रमुख रचना है।
राधाकृष्ण – फुटपाथ (1951), रूपांतर (1952), बोगस (1953), सनसनाते सपने (1954), सपने बिकाऊ है (1963)
द्वारिका प्रसाद
स्वयंसेवक (1935), भटका साथी (1936), सर्द छाया (1946), घेरे से बाहर (1948), गुनाह बेलज्जत (1953), सुनील-एक असफल आदमी (1953), पहिए (1963), मम्मी बिगड़ेंगी (1966), रंजना (1970), संगीता के मामा (1972), रति (1976), बेड़ियाँ (1977), संबंध (1978), अंकुश (1980)
योगेंद्रनाथ सिन्हा – वनलक्ष्मी (1956), वन के मन (1962)
गोपाल दास”मुंजाल”- पूनम: एक याद
कमल जोशी – बहता तिनका (1954)
ज्योति प्रकाश – सीधा रास्ता (1955)
शम्भूनाथ मुकुल – तलहटी के अंधेरे में (1964)
वचन पाठक सलिल – स्नेह के आँसू (1964)
बलराम श्रीवास्तव – एक दिन (1966)
गंगा प्रसाद कौशल – सुकेशनी (1969)
शम्भूनाथ प्रवासी – बत्तियाँ गुल है (1964)
आनंद शंकर माधवन एणाक्षी (1989)
श्याम सुंदर घोष – एक उलूक कथा (1971), एक अपराजिता (1977)
कान्हाजी तोमर – तमाम जंगल (1979),
शशिकर – पल कमजोर है (1990)
रमेश कुमार वाजपेयी – रिक्त आस्था (1988)
वसंत कुमार – लहरों के तीर (1985)
पूर्णिमा केडिया – कच्चे सूत का बंधन (1994)
अनिता रश्मि – गुलमोहर के नीचे (1991), पुकारती जमीं (2000)
श्रवण कुमार गोस्वामी
जंगल तन्त्रम (1979), सेतु (1981), भारत बनम इंडिया (1983), दर्पण झूठा ना बोले 1983), राहु-केतु (1984), मेरे मरने के बाद (1985), चक्रव्यूह (1988), एक टुकड़ा सच(1988), आदमखोर (1992), केंद्र और परिधि (1996), हस्तक्षेप (2002)
Note:- “जंगल तन्त्रम” के लिए पहला राधाकृष्ण पुरस्कार श्रवण कुमार गोस्वामी को दिया गया।
रीता शुक्ल – अग्नि पर्व (1990), समाधान (1991), कनिष्ठा उँगली का पाप (1993), कितने जनम वैदेही (1995)
सतीश चंद्र – काली माटी (1990), वनपाथर (1992), बीते दिन (1998), अपना देश (2002)
सी भास्कर राव – दिशा (1989), शोध (1994), संघर्ष(1995), दावानल (1997)
रमा सिंह – गुलाब छड़ी(1996), तुम लिखोगी सत्यभामा(1998), लौट आओ हैरी (2002), कुतो पंथा(2002)
जयनंदन – श्रमेव जयते 1992), एहि नगरिया में केहि विधि रहना (1994)
श्याम बिहारी श्यामल – धपेल 1999), अग्नि पुरुष (2001)
मनमोहन पाठक – गगन घटा घहरानी 1991)
विनोद कुमार – समर शेष है (1999)
वासुदेव – सुबह के इंतजार में (2002)
अवधेश शर्मा – मिस्टर अनफिट (2002)
रतन वर्मा – रुक्मिणी (2002)
कमल – आखर चौरासी (2003)
देवेश तांती – काल पुरुष (2003)
नाटक/Drama
अनंत सहाय अखोरी – इनके द्वारा रचित नाटक “ग्रह के फेर” जो 1913 में प्रकाशित हुई, इसको झारखंड हिंदी साहित्य का पहला नाटक माना जाता है।
रामदीन पांडेय – जीवन यज्ञ (1937), ज्योत्स्ना (1939)
द्वारिका प्रसाद – आदमी (1939)
स्वामी शिवानंद तीर्थ – संताल बोधोदय (1945)
राधाकृष्ण – भारत छोड़ो (1947), अधिक अन्न उपजाओ (1954), बिगड़ी हुई बात (1959)
सिद्धनाथ कुमार – सृष्टि की साँझ(1954), रंग और रूप (1960), वो अभी भी कुँवारी है (1966), आदमी है, नही है (1979), रास्ता बंद है (1981), मुर्दे जियेंगे (1981), अशोक(1994), रोशनी शेष है (1995), आतंक(1999)
श्रवण कुमार गोस्वामी – समय (1989), पति सुधार केंद्र (1998), हमारी मांगे पूरी करो (1999)
आनंद बिहारी शरण – देश के लिए(1967), आशियाना (1990)
बालमुकुन्द पैनाली – रावण वध (1977), मुल्क और मजहब (1985), चंबल का प्रतिशोध (1985)
रतन प्रकाश – तलाश जारी है (1980), दर्द-ए-ताज (1981), ये खास लोग (1991)
अमरनाथ चौधरी – इंद्रधनुष (1984)
अशोक पागल – सागर तट की नदी (1990), कहाँ हो परशुराम (1991), श्रुतिरंग (1992), अमीबा (1998)
शिव शंकर मिश्र – लड़कियाँ (1993), नहीं (1995)
विनय कुमार पांडेय – पारिजात और परिधि (1996)
अशोक कुमार अंचल – पागलखाना (1992)
सत्यदेव नारायण किरण – तपस्विनी (1998)
बालेन्दु शेखर तिवारी – मिडियोत्सव (1997), फिल्मेरिया और अन्य हास्य नाटिकाएँ(2002)
आनंदिता – मांदर बज उठा (2003)
Famous Hindi Literature Of Jharkhand मेरा वीडियो
झारखंड के प्रसिद्ध कहानी-संग्रह और काव्य संग्रह पर मेरा वीडियो