Jharkhand Tribes Upnam
झारखंड के प्रमुख जनजाति के उपनाम
बिरहोर – जंगल का आदमी
चेरो – चह्वाण ऋषि के वंशज / चन्द्रवंशी
संताल- हड़
करमाली – धातु-शिल्प में निपुण
बंजारा – घुमक्कड़ जनजाति
उराँव – कुरुख
मुंडा – होरो को
हो – लड़ाका कोल
सौरिया पहाड़िया – मलेर
चिक बड़ाइक – बुनकर जनजाति /हाथों से बने कपडे का जनक।
कोल – झारखंड की 32वीं जनजाति
बिरजिया – जंगल का मछली
खरवार – सूर्यवंशी / खड़गवंशी /सबसे लड़ाकू जनजाति /अट्ठारहहजारी
माहली – शिल्पी जनजाति / बाँस-कर्म में दक्ष
किसान – नागेसर / नगेशिया / नागवंशी
परहिया – जंगल को आग लगानेवाला/ शिवजी के वंशज/ डाल्टन के अनुसार “महान जनजाति के अवशेष”
बथुड़ी – बाहुतुली (ब्रह्माजी की बाँह से जन्मलेने वाला) / भुइयाँ जाती के पूर्वज
बेदिया – वेदनिवस (वेदों से उत्पन्न होने वाले)
बिंझिया – विंध्यनिवासी (विंध्याचल पर्वत के वासी)
सबर – पहाड़ी खड़िया / रामायणकालीन जनजाति
कवार – कौरव के वंशज
असुर – असुर जनजाति झारखंड की सबसे प्राचीन जनजाति है।
कोरा – दांगर
भूमिज – धनबाद के सरदार /जनजातियों का हिन्दू संस्करण / चुआड़
बैगा – भूमिपुत्र /भूमि का राजा
गोड़ाइत –गौड़ेत
गोंड – कोईतुरे / कोयतोर :इसका अर्थ होता है पर्वतवासी मनुष्य
खोंड – झारखंड की सबसे लघु जनजाति
बिरहोर – बिरहोर अपने आप को खरवार की तरह सूर्यवंशी मानते है और खुद को खरवारों का एक समूह मानते है।
किसान – पांडवो के वंशज
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उरांव को शायद कोल बोलते हैं ऐसे भी उनके भाषा को कुड़ुख बोलेते हैं।👍👍