खोरठा मुहावरा | Khortha Proverbs | खोरठा आहना

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Khortha Idioms & Phrases

खोरठा मुहावरा आहना

Class 1 खोरठा मुहावरा आहना

🌹 अछल-गदल हवेक- पूरा पूरी होना/ भरपूर होना

🌹 अंग लागेक- (मन लगना) – अंग लागाय काइज करले, कहियो हाइर नाय होवे।

🌹 अध पेंदरा – आधा अधूरा

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खोरठा मुहावरा आहना
खोरठा मुहावरा आहना

🌹 आइगटंगी – ऊटपटांग क्रियाकलाप

🌹 अइत करेक – खतरनाक काम करना।
🌹 अतवाइन करेक – परेशान करना।
🌹 अगड़-दिगड़ होवेक – कोई अनिष्ट/अप्रिय घटना होना।
🌹 अंत पावेक- रहस्य मालुम होना।
🌹 अजलइत करेक – अनुचित कार्य करना।
,🌹 आपाइ करेक – अनुचित कार्य करना
🌹अघन मइहना हवेक – अधिक कमाई होना।
🌹 अंइगना कादो करेक- घूइर घूइर कोकरो घर आवेक (किसी के घर बार-बार आना।)
🌹 आँइख फुटेक- डाह करेक (ईर्ष्या होना)
🌹 आँचराक तरे (आँचल में छिपाकर रखना)- गीदर गुला के आँचराक तरे राखले बेंड़ाइ जा हथ। (बच्चों को आँचल में छिपाकर रखने के खराब (दुलारू) हो जोते हैं।)
🌹 आँइख मिटकवा (आँख मिचकाना)- जल्दी -जल्दी
🌹 आँइख लागेक- सोना/ झपकी मारना।
🌹 आँइख फुटेक- दुनिया से परिचित होना/ज्ञान होना
🌹 आँइख खुजेक- गलतफहमी दूर होना
🌹 आँइख उलटेक- बेइमानी करना
🌹 आँइख फाटेक – चकित होना/दूसरे की तरक्की देखकर जलन होना
🌹 आँइख निसकेक – ईर्ष्या करना
🌹आइग-काठी करेक- खाना बनाने की तैयारी
🌹 आइग टांगेक- जोखिम भरा काम करना/जरूरत से ज्यादा नटखट होना।
🌹 आइग लागेक – किसी चीज की कभी/मांग से कम पूर्ति।
🌹 आइग पानी करेक – कठिन काम करना
🌹 अंगरी करेक- दबाव डालना।
🌹 अड़ाइल रहेक- जोखिम के स्थान पर उपस्थित रहना।
🌹 आड़ा गड़ी दियेक – बिना काम समाप्त किए हुए उठना नहीं।
🌹 आसन दिएक- सम्मान से बैठाना
🌹 आड़े ऑइखे देखेक- गैर-बराबरी का भाव।
🌹 ऑइख देखवेक – डरावेक ( डराना, धमकाना)
🌹 आइझ काइल हवेक- (मृत्यु निकट होना) ऊ बुढ़वा आइझ काइल्ह हवे हे।
🌹 आइझ काइल्ह करेक – टाल मटोल करना।
🌹 आड़े हवेक- जिम्मेवारी से भागना।
🌹 आड़े-बीड़े हवेक- सामने से हटना/ जिम्मेवारी से भागना।
🌹 आड़े थनवेक- टेढ़ी नजर से देखना/ गुस्सा करना।
🌹 आसावति हवेक – गर्भवती होना।
🌹 आगु पाछू होवेक – कभी हां कभी ना कहना।
🌹 आइरें-गोहरें (इधर-उधर)-पुलिस देइख के चोर गुला आइरे-गोडों भागे लागले हलथीन। (पुलिस देख कर चोर इधर-उधा भागने लगे थें)
🌹 इरा-इरि करेक- अनावश्यक प्रतियोगिता।
🌹 इरखा इरखी करेक – परस्पर दोष मढ़ना
🌹 ईधाइर ऊधाइर हवेक- जिम्मेवारी से भागना।
🌹 इँचरा इँचरी करेक – पूछ-ताछ करना/खोज करना।
🌹 इटा ने उटा (यह न वह)- अखन तक तोंइ एको लाइन नाइ लिखले हे, खाली इटा उटा करे हे) (अभी तक तुम एक लाइन नहीं लिखे हो , केवल यह वह करते रहता है।)
🌹 इलची करेक- शरारत करना
🌹 इंगित मारेक – कटाक्ष करना
🌹 इंगिते बुझेक – तुरंत समझना

Class 2 खोरठा मुहावरा आहना

🌹 अड़बेरिया हवेक – देर होना

🌹 आगु-आगु हवेक-अग्रणी भूमिका /नेतागिरी करना।

🌹 आपन गोड़े छेव दिएक- अपने आपको हानि पहुँचना।

🌹 उचरा-चउरी करेक –सिर्फ अपनी भलाई देखना/होड करना
🌹 उधिआइ हवेक- थोड़े में ही गुस्सा करना।
🌹 ऊँचा पिढ़ा खोजेक (धनी घर खोजना)- बेटिया के बिहा खातिर ऊँचा पिढ़ा खोजा (बेटी के विवाह के लिए धनी घर खोजिए।)
🌹 ऊँच कपार ( भाग्यशाली )-राम ऊँच कपारेक छऊवा हे। (राम एक भाग्यशाली बच्चा है।)
🌹 उटका-पुरान करेक- पुरानी बातों को उधेड़ना।
🌹 उटका पइंचा करेक- पुरानी बातों को उधेड़ना।
🌹उल्खा-उल्खी करेक- दिये गये मदद की चरचा
🌹 उलट पतरिया हवेक –धोखा देना
🌹 उतना हवेक- निश्चित होना / गिरना
🌹 एक गोड़े डंडाइक- तैयार रहना।
🌹 एक खंइचला (ढेर सारा )- दूगो जोनरा मांगली तो एक खंइचला दइ देलइ। (दो ठो मकई माँगे तो ढेर सारा दे दिया।)
🌹 एक चटकन (एक थप्पड़)-एक चटकन देबो तो पढ़े लागबे। (एक थप्पड़ मारेंगें तो पढ़ने लगोगे।)
🌹 एक चुरूवा (थोड़ा सा)- एक चुरूवा तेल देले तियान टायं सोवाद बइढ़ गेलय। (थोड़ा सा तेल डालने से सब्जी कैसे स्वाद लगेगा।)
🌹 एक छांइट (एक समान) सोब गीदर गुला एक छांइट के हथ। (सभी बच्चे एक समान हैं।)
🌹 एक घोंप (एक बार) –एक घोंप धानेक गोछा आइन के थिरा। (एक एक बार धान का बोझा ला कर आराम कीजिए)
🌹 एक झोपा (एक गुच्छा)- ऊ एक झोपा फूल तोइर के आनलइ। (वह एक गुच्छा फूल तोड़ के लाया)
🌹एड़ी रगडेक-याचना करना।
🌹 ओलथ हवेक-छिपना /जिम्मेवारी से भागना।
🌹 ओंजरा भइर (खूब / बहुत ) ऊ आपन बेटीक बिहाय ओजरा भइर के मिठाई बांटला (वह अपने बेटी के विवाह में खूब मिठाई चाँटा)
🌹 ओंबा हवेक- हालत खराब होना /मुंह की खाना।
🌹 काँध घमाबेक (मेहनत करना) –गरीब गुला काँध घमाइ के खा हथ। (गरीब लोग मेहनत करके खाते हैं।)
🌹 कउआइर करेक-हल्ला करना।
🌹कउआ काटी करेक –झगड़ा करना
🌹 कान पाकेक- सुनते सुनते थक जाना।
🌹 कान भरेक – बहकाना
🌹 कान अंइठेक –दोबरा गलत काम ना करना।
🌹 काने तेल (बेफिक्र)- ऊ काने तेल नुइढ़ के सूतल हे (वह निःफिक सोया हुआ है।)
🌹 कटुआ नाय उठवेक- कुछ काम नहीं करना।
🌹 काठ मारेक-हक्का-बक्का होना।
🌹 कचहरी करेक-गप्पे हांकना।
🌹 काडाक काइंथ – खुब नरकट (खुब गंदा)
🌹 कांधे झोली – भीखमंगवाक धचर (भीखमंगे के जैसा)
🌹 कठिन लोक – जेकर से पार नाय पावल जाइ (विचित्र आदमी)
🌹 कुकुरमुंहा – बेलुरिया/बेढंगालोक (अयोग्य/भद्दा आदमी)
🌹 कठफार बोली – रोढ़ बोली/खराप बोली (भद्दी बात)
🌹 कोदाइर पारेक़ – कठिन आर जोरेक काम करेक (मुश्किल और ताकत वाली काम करना)
🌹 कोंधराइ के देखेक – खुब रागे देखेक (बहुत गुस्से से देखना)
🌹 कर काटेक – बिन देखले चइल दियेक (बिना देखे ही चले जाना)
🌹 काबाइ कुबइ – धासाक धुसुक चलेक (बच्चे या बूढ़े का झुककर चलना)
🌹 कुनमुनायेक – भीतर मन से नाय (अंदर मन से नही)
खिदी खिदी काटेक – काइट के खुब छोट छोट कइर दियेक (काट के बहुत छोटा छोटा करना)
🌹 कपार पीटेक-भाग्य को दोष देना।
🌹 कंधा जोरेक-सहयोग करना।
🌹 कानेक सोना हवेक- काफी प्रिय होना / दुलारू।
🌹 कानें-कपारें (जहाँ-तहाँ)- हमर मरद रागेक गुना काने कपारे मारे लागलथीन। (मेरा पति गुस्सा के जहाँ तहाँ मारने लगा।)
🌹 कउवा नहान (थोड़ा पानी से नहाना)- जाड़ाक दिने छउवा गुलाक कउवा नहान करवल जा हे। (जाड़ा के दिनों में बच्चों को थोड़ा पानीसे स्नान कराया जाता है।)
🌹 कचर कुट (बहुत अधिक)- पुलिस टैन हड़ताल करवइयाक कचर कुट मारलथीन। (पुलिस लोग हड़ताल करने वाले को बहुत अधिक मारा।)
🌹 कुँढ़ा कूटा (बहुत मारना) – चोरेक धइर के ओकरा कुँढा कूइट देलथीन। (चोर को पकड़कर उसको बहुत मारा गया।)
🌹 कुंइथ-काँइथ के (बहुत मुश्किल से)- पइसा मांगे गेलिइय तो कुंइथ-कांइथ दस टाका देलइ। (पैसा माँगने गये तो बहुत मुश्किल से दस रुपया दिया)।
🌹 काना-कुनी (हिचकिचाहट) – मोहन पइसा दियेक में बड़ी काना-कुनी करऽ हइ। (मोहन पैसा देने में बहुत हिचकिचाता है)
कोरा लिएक-अपनाना।
🌹 कान पातेक- ध्यान से सुनना।
🌹 कान काटेक- प्रतियोगिता में आगे बढ़ना।
🌹 कोदो कुटेक- परेशान करना।
🌹 काने तेल दड़ सुतेक- बेफिक्र होना।
🌹 काँटा-कुसा हटवेक- मार्ग प्रशस्त करना /निर्विघ्न बनाना।
🌹 कुकुरपेटा हवेक-से अतिभोजी होना/ कोई बात न पचना
🌹 कुरइ पावेक- फल पाना /सजा मिलना
🌹 कांध काठी पोछेक- अग्नि संस्कार/ दाह संस्कार करेक।
🌹 कांटा घोरेक –राह बंद करना।
🌹 खइरका टुगेक- समर्पित करना/प्रतिज्ञा लेना
🌹खाइमातानी करेक – मूर्खतापूर्ण अपना ही नुकसान करना
🌹 खल-खलाइ के (अच्छा से)- पोखइर टायं गरु गुलाक लेइग के खल-खलाइ के नेहाव। (तलाब में बैलों को ले जाकर अच्छा से स्नान कराओ।
🌹 खुनूस खोजेक – बहाना ढूंढना
🌹 खइंच खोजेक – बहाना ढूंढना
🌹 खनमंडल होवेक – काम बेड़ाएक (काम खराब होना)
🌹 खाइट सुताइ मारेक- दमे माइर मारेक (बहुत ज्यादा मारना)
खूँटे बांधल -आँचराक तरे (दुलारा)
🌹 खुंदूर खुंदुर करेक – काइजे मन नाय लागेक/छोट गिदरेक रगड़ (काम में मन नहीं लगना/छोटे बच्चे की जिद)
🌹 खुटखुटी गुचवावेक (मनेक सक मेटावेक) मन का शक दूर करना
🌹 खखइस के बोलेक – स्पष्ट बात करना
🌹 खूइन करेक – हत्या करना
🌹 खूइन डबकेक – अति क्रोधित होना
🌹खुटखुटी होवेक – संदेह होना
🌹 खेइल बुलेक – दायित्व का बोध न होना
🌹 खुंटा गाडेक – स्थिर होना/निश्चय करना
🌹 खाटी तोरेक- निकम्मा आदमी/ कोई काम नहीं करना।
🌹 खाटी गतेक- बीमार होना /मृत्यु के निकट
🌹खिल खेत जोतेक – खुला अवसर का फायदा उठाना
🌹 गाल फुलवेक- नाराज होना/ असहमत होना।
🌹 गाल बजवेक- गप्पे हकना।

Class 3

🌹 गांइठ बांधेक – याद रखना।
🌹 गना गूथा करेक – हिसाब बइसावेक (हिसाब बैठाना)
गाइंठेक सोना – प्रिय बसुत (प्रिय वस्तु)
🌹 गहगही हबेक –धन धान्य से परिपूर्ण होना
🌹 गाली गुचबेक –कैद से आजाद होना
🌹 गुरा हबेक –अचानक विपत्ति आना
🌹 गुरा फूटेक – विपत्ति कि समाप्ति
🌹 गंडरी घेरेक –चक्रव्यूह बनाना
🌹 गड़ाइल रहेक- बिना काम के बैठे रहना।
🌹 गतर झारेक –मेहनत करना।
🌹 गात चोरवेक –काम चोरी करना।
🌹 गाछ चघावेक- किसी को उत्साहित करना /बड़ाई करना।
🌹 गोड़ छाँदेक-विनती करना।
🌹 गुड़ माटी होवेक-बना हुआ काम बिगड़ना
🌹 गुन गादेक –किए गए उपकार को भुलाना
🌹 गोड़ेक/तरवाक लहइर मुड़े चढ़ेक – अचानक गुस्सा होना
🌹 गोगो लाबदो करेक – कुतर्क करना
🌹 गोइठायं घीव सुखवेक – ऐसा कार्य करना जिससे कोई लाभ ना हो
🌹 घोड़ा खुटेक- जीत होना
🌹 घोड़ा कुदेक – कहीं जाने के लिए आकुलता दिखाना
🌹 घोड़ाम बइसल रहेक-हड़बड़ी में रहना /करना
🌹 घाड़ाभोरेक- दिन पूरा होना/ मृत्यु निकट होना।
🌹 घुंघुर मुंहा (मुँह के अन्दर बड़बड़ाना)- घुंघुर मुंहा लोक बड़ी बदमास भेवे हे। (मुँह के अन्दर बड़बड़ाने वाला आदमी बहुत बदमाश होता है।)
🌹 घेंचा धारेक-जोर जबरदस्ती करना
🌹घर अइंगना एक करेक – बार बार आना
🌹 घेरान घेरेक-प्रतिबंध लगाना।
🌹 घार फोरेक – फूट डालना
🌹 घाम गारेक –रोजी रोटी के लिए मेहनत करना।
🌹 घाम चुवावेक –कड़ी मेहनत करना
🌹 घिघिर काटेक – गिड़गिड़ाना
🌹 घिचपिच करेक –आनाकानी करना
🌹 घूइस जायेक –चूक जाना
🌹 घूरनी मातेक – मोहित होकर आगे पीछे मंडराना
🌹 घेन पेच करेक – अनावश्यक इनकार करना।
🌹 चवइ करेक-चुगली करना
🌹 चकरीघूम दिएक –अत्यधिक शकित कर देना
🌹 चाप परेक – जिम्मेवारी आना
🌹 चाप दिएक –दवाब डालना
🌹 चांदिक चूइल उड़ेक – बहुत ज्यादा संघर्ष करना
🌹 चापका धरेक –चुप्पी साध लेना
🌹 चाट लागेक/परेक – खाए -पिएक खुब मन होवेक (खाने पीने का खूब मन होना)
🌹 चिकन ठक – बोड़ ठक (बड़ा ठग)
🌹 चरका जुआइंठ दिएक –टांगी से काटना
🌹 चलेक बेरा घोड़ा दावेक – अवसर काफी नजदीक होने पर संबंधित तैयारी करना
🌹 चांचइर खेलवेक-परेशान करना।
🌹 चुपकी सइतान – भीतरिया बदमाश
🌹 चूलहाक दुवारी – कोई काम का नहीं
🌹 चिकन मुहा (अच्छा खाने वाला)-ई गीदर चिकन मुहा हइ, खाली दुध भात खाइ खोजे हइ। (यह बालक अच्छा खाने वाला है, केवल दुध भात खाना चाहता है।
🌹 चेनका बांधा – जमींदारेक जुलुम (जमीदार का जुल्म)
🌹 चुल्हाक जोगाड़ (भोजन सामग्री की व्यवस्था)-गरीब लोक बिहान ले खाइक जोगारे लाइग जा हथा (गरीब आदमी सब सुबह से ही भोजन सामग्री को व्यवस्था में लग जाते हैं।)।
🌹छागइर मुंहा हवेक-किसी भी बात को गोपनीय नहीं रखना।
🌹 छागइर जीवा हवेक-लालची होना।
🌹 छलकल चलेक-दिखावा करना/ फैशन करना
🌹 छाइन-छुवा– (ऊंचा/लंबा)
🌹 छितिर-छाइन (बिखरना)-एते खाराप तकदीर कि गोटे घरेक लोक छितिर-छाइन भेइ गेलय (इतना तकदीर खराब कि पूरा परिवार बिखर गया।)
🌹 छेवांइद करेक-बहाना बनाना।
🌹 छमछमाएक – आपत्ति होने पर गुस्सा जाहिर करना
🌹 छुरकाय दियेक – छेड़ना
🌹 छाती/बुके दाइल दड़रेक – मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित करना
🌹 छेंक लागेक – किसी बात का बुरा लगना
🌹 छव-पांच करेक- निश्चय नहीं कर पाना।
🌹 छुछुवाइ बुलेक – इसके उसके दरवाजे पर भटकना
🌹 छितराइ बुलेक- न घमंड से किसी जान पहचान वाले से मिलने में परहेज करना
🌹 जइर जमावेक- अपने को स्थापित करना।
🌹 जइर गड़ावेक- अनावश्यक कहीं पर रुक जाना
🌹 जारी करेक – अनुचित आग्रह/बहस करना
🌹 जइर बहराइक-बैठे रहना कोई काम नहीं करना।

Class 4

🌹 जोखा लागेक-उपयुक्त अवसर पाना।
🌹 जीओ-मोरो (बहुत अधिक)- ई लोक टा भोजे जीओ-मोरो खा है। (यह आदमी भोज में बहुत अधिक खाता है।)
🌹 जीउ टांगावेक (चिन्ता होना)- एते बहरखा-बदरिये छउवा टा खेत गेले हे से जीव टांगाइल है। (इतना वर्षा-बादल में लड़का खेत गया है सो चिन्ता हो रहा है।)
🌹 जीव जुड़ाइक- मन में संतोष होना।
🌹 जीउ पानी हवेक- परेशान होना।
🌹 जीउ करेक- हिम्मत करना /सांहस करना
🌹 जीउ झांझर हवेक –किसी के प्रति दिल टूट गया।
🌹 जीउ जातेंक-इच्छा को दबाना।
🌹 जीउ काठ करेक- खुद को कठोर बनाना।
🌹 जाल जोरेक – षड्यंत्र रचना
🌹 जबरानी करेक – जबरदस्ती मजबूर करना
🌹 जबर पीढ़ा – तेलियाइल लोकेक घर (बड़े आदमी का घर)
🌹 जइर फुटेक – गाछ बहरावेक़ (पौधे का निकलना)
🌹 झलफल होबेक – राइत सिरायेक (रात का खत्म होना)
🌹 झाइल होवेक – बेसी ढांगा होवेक (ज्यादा लंबा होना)
🌹 झरल पात – बिना बाथान ठिकानेक (जिसका कोई अता पता न हो)
🌹 झाला-झाली करेक-याद करना/अभ्यास करना
🌹 झाइल बजवेक- फालतू काम।
🌹 झोंतोइर बांधाएक – गुट बनाना
🌹 झेल सहेक – कष्ट सहना
🌹 झहर फूटेक ( घर में पानी निकलना) एते बहरखा भेलइ कि घरे झर फुइट गेल (इतना वर्षा हुआ कि पर पानी निकलने लगा।)
🌹 टोमड़ा-टोमड़ी (अंधेरे में खोजना)- राइत भेलइ दियाक टोमड़ा-टोमड़ी करा (रात हो गया है, दीया को खेजिए।)
🌹 टपर गावेक- भूखों मरना/ बेकाम होना।
🌹 टर-टर करेक- बकवास करना।
🌹 टर बर करेक- आपत्तिजनक क्रियाकलाप करना
🌹 टन मन करेक – गुस्से से आपत्तिजनक बातें करना
🌹 टन मन हवेक – दुश्मनी होना
🌹 टिलहा गड़ावेक – किसी स्थान पर देर तक ठहरना
🌹 टिंगइर जाएक – मर जाना
🌹 टांगाय ढोल पिटेक – सफलता की उम्मीद से उत्साहित होकर प्रलाप करना
🌹 टह टह (बहुत अधिक)- ई दुपहरिया टह-टह लू चइल रहल है। (इस दोपहर में बहुत अधिक लू चल रहा है।)
🌹 टांगे ढोल पीटेक- अत्यधिक खुशी होना /भारी खुशी
🌹 टांगा बजरावेक- सटीक जवाब देना।
🌹 ठांव खोजेक (जगह खोजना)- ई बइरखा टायं घरे पानी चुइ रहल हे ई ले सुतेक खातिर आपन-आपन ठांव खोजा। (इस बरसात में घर में पानी चू रहा है इसलिए सोने के लिए अपना-अपना जगह खोजिए।)
🌹 ठोइंक-ठेठाइ के (जाँच परख के)- बेटीक बिहा ठोइक ठेठाइ के बेस घरे करेक चाही। (बेटी का विवाह जाँच परख के अच्छा घर में करना चाहिए।)
🌹 ठेपो देखवेक- इनकार करना /धोखा देना।
🌹ठांव ठेकान करेक – पता लगाना
🌹 ठेन मेस करेक- अनावश्यक देरी करना
🌹 ठोंइक बजाइर के देखेक – किसी वस्तु को परखना
🌹 ठउका ठउका बोलेक – स्पष्ट बात करना
🌹 डेढ़िआइल चलेक- घमंड करना।
🌹 डंडा सकतावेक- किसी काम के लिए तैयार होना/ निश्चित कर लेना।
🌹 डाँड़ाक जोरे (शरीर के ताकत से)- हामीन डाँडाक जोरे दिन-राइत खटे ही। (हमलोग शरीर के ताकत से दिन-रात खटते हैं।)
🌹 डाँड़ा सकतावेक –हिम्मत हारना
🌹 डुंड़ा गाछ – ठूंठा गाछ, बिना फुल-पातेक गाछ
🌹 डाँड़ा ढिलावेक –आर्थिक रूप से कमजोर होना
🌹 डूमइरेक फूल हावेक – कभी-कभी नजर आना
🌹 डेहेंडेली करेक – जान बूझकर ढिलाई देना
🌹 डोइंग बूलेक – इधर-उधर से जमा करना
🌹 डिडी होवेक – छोट छउआक डढ़ाइल (छोटे बच्चे का खड़ा होना)
🌹 डढल घाव – दूखेक उपर आरो दुख (दुख के ऊपर दुख)
🌹डाहाँ झूठ – एकदम झूठ (सफेद झूठ)
🌹 डांढ़ा सोझा करेक – एकटी आराम करेक (थोड़ा सा विश्राम करना)
🌹 डिंडा उठेक- गृह त्याग/ बुनियाद की समाप्ति
🌹 ढनकल बूलेक (आभाव में भटकना)- काम खातिर ऊ हिंदे-हूदें ढनइक बूइल रहल है। (काम के लिए वह इधर उधर भटक रहा है।)
🌹 ढाक बजवेक- जोर शोर से प्रचार करना।
🌹 ढूमसाइल/ ढूसमाइल चलेक – इधर-उधर टकराके चलना
🌹 ढेस करेक- दोषारोपण
🌹 ढेढ करेक- बहानेबाजी
🌹 ढेलवा लोकबेक – आराम देना
🌹ढढ़नच करेक – बहाना बनाना/दिखावा
🌹 ढोड़सा ढोड़सी करेक – खरी खोटी सुनाना
🌹 ढेसा ढेसी करेक – एक दूसरे पर दोष आरोप लगाना
🌹 ढील दीयेक – छूट देना
🌹 ढूसइम बुलेक – ठोकर खाना
🌹 ढाइर दियेक – जिम्मेवार ठहराना
🌹 ढांक बजवेक – किसी बात को सार्वजनिक करना
🌹 ढकना पानीं डूबिक मोरेक – काफी शर्मिंदा होना
🌹 ढनकी बुलेक –इधर-उधर भटकना
🌹 ढिंढर पेटा – बोड पेटेक लोक (बड़े तोंद वाला)
🌹ढिढ़ा उपर- कोराक छउआ (गोद का बच्चा)
🌹 ताल रोपेक-जवाब देना।
खोरठा मुहावरा आहना
खोरठा मुहावरा आहना

Class-5

🌹ताल ठोकेक-लड़ने के लिए आमंत्रित करना।
🌹 तिरिंग फिरिंग (तिंगगा) करेक- शिकायत करना।
🌹 तरनाइल बूलेक-लड़ने के लिए तैयार होकर घूमना।
🌹 तीन बेरवा करेक- परेशान करना/ बुरा नतीजा करना।
🌹 तिहा करेक- उपाय करना।
🌹 तोयं तकार करेक-अपमान करना।
🌹 तड़-तड़ाय के (जल्दी-जल्दी) –तड़-तड़ाय के काम करा आइझ पेठिया क दिन है। (जल्दी-जल्दी काम कीजिए आज बाजार का दिन है।)
🌹 तड़-तड़ायके (जोर-जोर से)-लोक गुला चोरेक धइर तड़-तड़ाइ के पीट देलथीन। ( लोग चोर को पकड़ जोर-जोर से पीट दिया)
🌹 तमतमाइल बुलेक (गुस्सा के चलना)-आइझ गांवेक मुखिया तमतमाइल भइल रहल है। (आज गाँव का मुख्यिा गुस्सा के चल रहा है।)
🌹 तेलिआई गेल (पैसा वाला हो जाना) –गोलकी-धनिया बेंइच के गांवेक बनिया टा तेलिआई गेल है। (गालकी-धनिया बेंचकर गाँव का दुकानदार पैसा वाला हो गया है।)
🌹 ताता-ताही (जल्दी-जल्दी)-बिहाक बात सुइने सुइने सोभे पोहना गुला ताता-ताही आवे लागलथ (विवाह का बात सुनकर सभी अतिथि जल्दी-जल्दी आने लगे।)
🌹 ताल देख (ठीक समय में काम करना)-चासा गुला ताल देइख के हार जोते ले गेल हथ। (किसान लोग ठीक समय में हर जोतने गये हैं।)
🌹 तीता होवा (सामंजस्य नहीं बैठना)-आइझ-काइल मोहन आर सोहनेक बीचे तीता होइ गेल हइ। (आजकल मोहन और सोहन के बीच सामंजस्य नहीं बैठ रहा है।)
🌹 तेल-हरदी करा (छठी स्नान)-आइज हमर बेटाक छठी हे, से खातिर तोहरीन सोब तेल हरदी करेक ले पोखइर अइबा। (आज मेरा बेटा का छठी है इसलिए आपलोग छठी-स्नान के लिए तालाब आईएगा।)
🌹 तर हाथें चूइल जनमेक – बिल्कुल असंभव
🌹 तड़बड़ाइ दियेक – बेचैन कर देना
🌹 ताक भांजेक – सही अवसर को परखना
🌹 ताक करेक – सही अवसर पर काम निपटाना
🌹 ताला धाका करक – जागृत रहना/ ध्यान रखना
🌹 थूके सातु सानेक – पर्याप्त सामग्री होना
🌹 थइक जायेक – मृत्यु के करीब होना
🌹 थरथरी हबेक – काफी डर जाना
🌹 थर बांधेक – असर होना
🌹 थूइक के चाटेक – ना कह कर फिर हां कहना
🌹 थसइक/भसइक जायेक – हार मान लेना
🌹 थइया करेक (खूब अपमान करना) –सोभे कोय ओकरा मांझे बइसाइ के खुभे थइया करलथीन। (सभी कोई उसे बीच में बैठा के खुब अपमानित किया।)।
🌹 थइसकी मारेक (बैठ जाना) –गोरु गुला थइक-मांइद के कादो टायं थइसकी माइर देलथीन। (बैल थक करके कीचड़ में हीं बैठ गया।
🌹थपड़ी पारा (ताली बजाना) –इसकूलेक छुटीक बेरा गीदर गुला थपड़ी पारे लागे हथीन। (विद्यालय के छुट्टी के समय बच्चे ताली बजाने लगते हैं।)
🌹 थाप राखा (विश्वास रखना)-तोंहें हमर थाप राखा, काइल हाम पइसा टा घुराइ देबोऽ। (आप मेरा विश्वास रखिये, कल हम पैसा लौटा देंगे।)
🌹 थुलुक-थुलुक (धीरे-धीरे)-मोटाइल लोक गुला थुलुक-थुलुक चले हथ। (मोटा आदमी धीरे-धीरे चलता है।)
🌹 थाह लगलगावेक-असलियत का पता लगाना।
🌹 थोथी कुटेक-बकवास करना।
🌹 दादूर खेदेक- तिरस्कारपूर्वक भगाना।
🌹 दादा भइआ करेक- खुशामद करना।
🌹 दाना मांजइर हवेक-चारों तरफ की दृष्टि
🌹 दनदनाय के (तेजगति से)-दुवाइर बाट ले कन-कन हावा टा दनदनाइ के घुइस रहल हइ। (दरवाजे से ठंडी हवा तेजी से घुस रही है)
🌹 दूजीवाही हवेक- गर्भवती होना।
🌹 दांत पजावेक-अच्छे भोजन की कल्पना करना।
🌹 दम धरेक – साहस करना
🌹 दहनाइ दियेक – उपेक्षित करना
🌹 दाइल भातेक कोर बूझेक – मुश्किल काम को आसान समझने की भूल करना
🌹 दांव खोजेक – बदला लेने के मौके का तलाश करना
🌹 दिनहीं तारा देखेक – अचानक विपत्ति से घबरा जाना
🌹 दीया बाइर के खोजेक – काफी तलाश करना
🌹 दोइद दियेक – साफ इंकार कर देना/किसी बात से मुकर जाना
🌹 दांगीन घोड़ी – मनमउजी मेहरारू (मनमौजी पत्नि)
🌹 धुवां रेता – कांचा आंइचे खाना बनावेक
🌹 धाने कपास करेक – गिटार काम करना
🌹 धधइनी देखबेक – अहंकार और मूर्खता के आवेश में बेतूका क्रियाकलाप करना
🌹 धइर धरेक – धैर्य रखना
🌹 धकर पकर करेक – भय से हड़बड़ी करना
🌹 धाबका होबेक – किसी बात का रट लगान
🌹 धूप-धुना दियेक – बेवजह किसी को खुश करने की प्रयास करना
🌹 धुवा धंधा करेक- रोजगार करना
🌹 धूर फांइद करेक – जालसाजी करना
🌹 नजइर फेरेक – जरूरत पर साथ न देना
🌹 नाकदररा दियेक – मजबूर होकर किसी के शरण में जाना
🌹 नाकें मुंहें होबेक – अचानक आए कार्य का दबाव
🌹 नाम गांधाइ जाएक – बुरी तरह से बदनाम होना
🌹 नितराइ बुलेक – अहंकारी होना
🌹 नाथेक गुरू हवेक-उस्तादों का उस्ताद /बदमाशों का सरदार।
🌹 नाक कटवेक- प्रतिष्ठा में आंच आना।
🌹नाक रगडेक-क्षमा मांगना।
🌹 नाके नून करेक-परेशान करना।
🌹 नाना थाना करेक- परेशान करना।
🌹 नाके नथुआ लगावेक-बस में करना।
🌹 नाका-नाकी हवेक-आमने सामने होना /भिड़ंत।
🌹 नाकार-नुकुर करा (हाँ-ना करना)-ओकर ले चाइर टाका पहुंचा माँगली तो नाकार-नुकुर करे लागलइ। (उससे चार रुपया उधार माँगे तो हाँ ना करने लगा।)
🌹 पांडे बनेक- बुद्धू बनना।
🌹 पकपकी हवेक – ईर्ष्या करना
🌹 पोरेक मुंहे चाइर चबवेक – अपना काम किसी और से करवाना
🌹 पहाड़ धसकबेक – निकम्मापन (व्यंग्य)
🌹 पदुआ पावेक – कमजोर समझ कर तंग करना
🌹 पंजरा हिलावेक – आर्थिक रूप से गरीब हो जाना
🌹 पिलही चमकेक- अचानक सहम जाना
🌹 पेंघा करेक – बहाना बनाना
🌹 पोचरा परेक – किसी वस्तु की अत्यधिक उपलब्धता
🌹फदइर बुलेक – सबको बोलते फिरना
🌹 फाँक खोजेक – भागने का मौका ढूंढना
🌹 फरन दियेक – किसी मामले को बढ़ा चढ़ा कर बताना
🌹 फोफर दलाली करेक –साथ देने का झूठा दिलासा देना
🌹 फोफसी सुखेक – काफी भयभीत हो जाना
🌹 फुरचुदिये आइग लागेक- तीव्र गुस्सा।
🌹 बांवे दाहिने करेक-अव्यवस्थित बंटवारा।
🌹 बातिएं दूध पिएक-अल्पवास /अवयस्क।
🌹 बोड़ पींड़ा (घर के बाहर बैठने का ऊँचा स्थान) – बोड़ लोकेक घर बोड़ पीड़ा हेवे हे। (धनी व्यक्ति के घर में बैठने का ऊँचा स्थान होता है।)
🌹 बजर गिरेक – भारी विपत्ति आना
🌹 बोकला फोरेक –अत्यधिक पीटना
🌹 बिरबिरी देखवेक – अनावश्यक गुस्सा दिखाना
🌹 बिन पेंदिक लोटा – अपने बात पर कायम न रहने वाला
🌹 बिदराइ दियेक – उपेक्षा करना
🌹 बेंदकड़ी – बिहा ले बरेक घर कनियाय के लेगेक
🌹 भेसायं दियेक – मुंह बिचायक के रगावेक
🌹 भाखा कुंदा –बकबक करना
🌹 भातें धूरा दियेक – जीविका में बाधा पहुंचाना
🌹 भांड़ पचासी करेक – किसी कार्य को बिगाड़ने की साजिश करना
🌹 भीत बन जायेक़ – स्थिर हो जाना
🌹 भुरका उगइ दियेक –अंतिम समय तक हार नहीं मानना
🌹 भदहिया दुख (भारी दु:ख)-आइज-काइल हमनीक भदहियादुख आइ गेल है। (आजकल हमलोग को भारी दुख आ गया है।)
🌹 भइयार करेक (बजन करना)- दू किलो आलू भइयार करा। (दो किलो आलु वजन कीजिए)
🌹 भेड़िया धसान (बहुत अधिक संख्या में)- परधान मनतरीक देखेक ले भेड़िया धसान लखे लोक आइल हलथ। (प्रधान मंत्री को देखने के लिए बहुत अधिक संख्या में आदमी लोग आये थे)
🌹 भंडार कोना (भंडार स्थल)- घरेक भंडार कोनाक पूजा करल जाइ हे। (घर के भंडार स्थल को पूजा किया जाता है)

Class-6

🌹 मन कांचेक – हिम्मत हार जाना/ प्रयास छोड़ देना
🌹 माछेक तेलें माछ भूंजेक –बिना पूंजी के लाभ कमाना
🌹 माथाइ पाइत लियेक – किसी काम को करने के लिए सहमत
🌹 मुड़े हाथ दियेक – अचंभित हो ना देंगे हाथ ना
🌹 माला जपेक-अजवाइर/ फालतू बैठा रहना।
🌹 माछी मारेक-बेकार का काम करना/ निकम्मापन
🌹 मिन मेख बहरावेक- दोष खोजना।
🌹 मुंहगर हवेक- बाचाल होना।
🌹 मुंड फुचकावेक-जिम्मेदारी से भगाना /धोखा देना।
🌹 मुंह चोंथवइल करेक- बेकार बहस करना।
🌹 मुंहे लगाम दिएक-चुप करवाना।
🌹 मुंह छांदेक-याचना करना।
🌹 मेका मेकी करेक – लड़ाई- झगरा करेक ( लड़ाई झगड़ा करना)
🌹 रंग देखवेक – समय तेवर दिखाना
🌹 रामगड़िया करेक – हटकर गोपनीय विचार करना
🌹 राइत दिन एक करेक – लगातार कठिन परिश्रम करना
🌹 राइ दोहाइ नाय दियेक – किसी तरह का मोह -ममता नहीं दिखाना
🌹 रीझ/रीत दिखेक – किसी को परेशानी को देख देख मजा लेना
🌹 रूंजी पूंजी सभे सिराएक – किसी धनी आदमी का गरीब बन जाना
🌹 रोला गनेक –घर में बेकार समय बिताना
🌹 राटा परेक/लागेक – खेतें बोंकी लागेक/रोग होवेक (खेते में कीड़ा लगना/रोग होना)
🌹 राजाक बेटा – अहदी आर बेकार लोक (सुस्त ओर बेकार व्यक्ति)
🌹 लद फद होवेक – ढेनुआइल जुकूर (बच्चे जन्म होने की स्थिति)
🌹 लार कुटेक-मीठी मीठी बातें करके काम निकालना।
🌹 लेसा मुंडा करेक-लीपा पोती करना।
🌹 लुटफुटका (ना इधर का ना उधर का)- मोहन खेले लुटफुटका रहे है। ( मोहन खेल में ना इधर का ना उधर का रहता है।)
🌹लीला करेक – बेकार काम (अनुपयोगी काम)
🌹 लटपट करेक – ठगने/फंसाने का धंधा करना
🌹 लटपटाइ जाएक – किसी मामले में लिप्त हो जाना
🌹 लार चुवेक – लालच करना
🌹 लाइत मारेक़ –तिरस्कार करना
🌹 लावेजान हवेक –हताश/आशंकित होना
🌹 लिली छिछी होवेक – बहुत अभाव में जीना
🌹 लुढ़ी सूतरी करेक – काम निकालने के लिए जुगाड लगाना
🌹 लोवा लाठी करेक – आपस में मारपीट करना
🌹 सरग चढेक-बहकाना
🌹 सियार पाँड़े (तेज व्यक्ति) –ई गांवेक सियार पाँड़े हे, जेकरा-तेकरा ठगले भूले हे। (यह गाँव का तेज व्यक्ति है, जिसको-तिसको ठगते चलता है।)
🌹 सिंघ ना़य आंटेक-झगड़ा करना।
🌹 सरगे मुतेक-अहंकारी होना।
🌹 सरगे लाइप/लाइत दियेक – बड़ी-बड़ी बातें करना
🌹 सात घाटेक पानी पिएक – जगह जगह का अनुभव होना
🌹 सांपेक पाइंज के ढढ़वेक – मौका बीत जाने पर कार्यवाही करना
🌹 सइन देखेक – नफरत करना
🌹 सुगुम रहेक – चुप रहना
🌹 हरदी बोलबेक-हार मनवाना।
🌹 हाडे हरदी लगवेक-खूब सताना।
🌹 हाही दांदी हवेक- परेशान होना।
🌹 हाली लिली धरेक – अस्त व्यस्त होना
🌹 हुंढुआ कुटेक – खूब परेशान करना/ बहुत मारना।
🌹 हाला हुजरा करेक-वादी प्रतिवादी को आमने सामने लाना।
🌹 हिका ले (भरपुर)- ऊ भोजे सोब के हिका ले खिवऽलइ। (वह भोज में सब को भरपुर खिलाया।)
🌹 हाड़ कापेक- काफी डर जाना।
🌹 हाड़ रगड़ेक- काफी मेहनत करना।
🌹 हाडे घुन लागेक- क्रमशः कमजोर/गरीब होना।
🌹 हलवा हेरान होवेक – किसी बात में काफी परेशान हो जाना
🌹 हाइकाठ होवेक –स्तब्ध हो जाना
🌹 हाड़ कांपेक – काफी डर जाना या काफी ठंड महसूस करना
🌹 हेलवा लागेक़ – लूट की छूट मिल जाना
🌹 हुलूसथूल करेक – खुब गुइल- गोहाइर करेक (खूब हल्ला गुल्ला करना)

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