Educational Schemes Of Jharkhand Government
झारखंड की शिक्षा योजनाएँ
आवासीय विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना और उसका सुदृढ़ीकरण योजना
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2001 में शुरू की गई।यह पूर्णतः राज्य सरकार की योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आवासीय उच्च विद्यालय में विद्यार्थियों को विज्ञान का व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण करना। इस योजना के तहत आवश्यक उपकरण तथा रसायन की आपूर्ति भी की जाती है।
बिरसा मुंडा तकनीकी छात्रवृत्ति योजना
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2001 में शुरू की गई।यह पूर्णतः राज्य सरकार की योजना है। इस योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को मिलता है। इस योजना के तहत राज्य के बाहर तकनीकी शिक्षा ( इंजिनीरिंग और मेडिकल) प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को आर्थिक मदद करना है।
साइकिल वितरण योजना
झारखंड सरकार ने यह योजना 1 अप्रैल 2002 में शुरू की। इस योजना का लाभ अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक समुदाय तथा BPL परिवार के छात्राओं को मिलता है। स्कूल और घर के बीच दूरी के वजह से छात्राओं का पढ़ाई न छूट जाए इसे ध्यान में रखते हुए इस योजना को लागू किया गया है।
पोशाक आपूर्ति योजना
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2002 में आरंभ की गई। इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूल में पढ़नेवाली SC और ST छात्राओं की निःशुल्क पोशाक उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत छात्राओं को सफेद ब्लाउज़ (टॉप) तथा नेवी ब्लू रंग का स्कर्ट दिया जाता है।
आवासीय विद्यालय योजना
यह योजना 1 अप्रैल 2002 में कल्याण विभाग द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्ग की छात्राओं को निशुल्क तथा आवासीय शिक्षा प्रदान करना है।
परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना
इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2002 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की परीक्षा शुल्क माफ करना है।
अम्बेडकर तकनीकी छात्रवृत्ति योजना
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2003 में शुरू की गई। यह पूर्णतः राज्य सरकार की योजना है। इस योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलता है। इस योजना के तहत राज्य के बाहर तकनीकी शिक्षा ( इंजिनीरिंग और मेडिकल) प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को आर्थिक मदद करना है।
आश्रम/एकलव्य विद्यालय योजना
इस योजना की शुरुआत झारखंड सरकार ने 1 अप्रैल 2006 में की। इस योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जाता है तथा निःशुल्क शिक्षा,भोजन आदि सुविधाएँ प्रदान की जाती है। इस तरह के विद्यालय में गुरु-शिष्य साथ रहते है। इस विद्यालय में 6ठी से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। झारखंड में अभी 7 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 11 आश्रम विद्यालय संचालित है। 7 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय निम्न गाँव में है
1. कठजोरिया (दुमका)
2. साल्गाडीह (तमाड़,राँची)
Note:- साल्गाडीह गाँव मे ही बिरसा मुंडा की प्रारंभिक शिक्षा हुई थी।
3. भोगनाडीह (बरहैत, साहेबगंज)
4. तोरसिंदरी (खूंटपानी, पश्चिम सिंहभूम)
5. सोलांगबीरा (बसिया, गुमला)
6. तासरिया (सुंदर पहाड़ी, गोड्डा)
7. कुंजरा (लोहारदग्गा)
प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालय छात्रवृत्ति योजना
यह योजना को 1 अप्रैल 2010 में शुरू किया गया इस योजना के तहत SC, ST और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक से पहले छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।
आकांक्षा योजना
झारखंड सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2016 में की इस योजना के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तकनीकी संस्थान में प्रवेश हेतु कोचिंग की व्यवस्था कराना है तथा रोजगार के मार्गदर्शन के लिए कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था करवाना। इस योजना में 8वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को शामिल किया जाता है।
मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना
यह योजना झारखंड सरकार ने 2017 में शुरू किया। इस योजना के अंतर्गत झारखंड के छात्र-छात्राओं को सरकारी ख़र्चे में शैक्षणिक भ्रमण कराया जाता है। इस योजना के तहत कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को फायदा मिलता है। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को देश के दर्शनीय, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। योजना के तहत शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम की अवधि न्यूनतम 4 दिन तथा अधिकतम 6 दिन की होती है।
पंख योजना
इस योजना की शुरुआत झारखंड सरकर ने 6 दिसंबर 2017 में की। पंख योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी मलिन बस्ती के विद्यार्थियों को विद्यालय से जोड़ना। इस योजना का लाभ 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों को मिलता है।
ज्ञानोदय योजना
इस योजना की शुरआत 12 सितंबर 2017 में की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसके तहत स्पोकेन इंग्लिश, स्कू कंप्यूटर एडुकेशन, मोटिवेशनल क्लास आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। ई-विद्यावाहिनी सॉफ्टवेयर से विद्यालय की Real Time Monitoring होती है। बच्चों में लिखने-पढ़ने की क्षमता का नियमित आकलन किया जाता है तथा गुवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए अन्य कार्यक्रम का समावेश किया गया है। इस योजना के तहत शिक्षकों में टेबलेट का वितरण किया जाता है।
साक्षर झारखंड अभियान
इस अभियान की शुरुआत 2019-20 में की गई। इस योजना के तहत झारखंड के 5 जिलों (पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, खूंटी, सिमडेगा तथा जामताड़ा) मैं नीर अक्षरों को साक्षर बनाने हेतु अभियान चलाया गया है। इस अभियान में उन जिलों को शामिल किया गया है जो जिला साक्षर भारत अभियान में शामिल नहीं हो पाया था।
विद्यालय चले चलाएं अभियान
इस अभियान की शुरुआत जून 2019 में की गई। इस अभियान का उद्देश्य विद्यालयों में ड्रॉपआउट को शून्य तक लाना है।
मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना
इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देना तथा बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 119 विद्यालयों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालय एवं निजी विद्यालयों को स्वच्छता के प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किया जाएगा। इस पुरस्कार का आवंटन जिला स्तर पर तथा राज्य स्तर पर की जाएगी। योजना के अंतर्गत पुरस्कार के लिए विभिन्न श्रेणियों का निर्धारण किया गया है जिस के संबंध में पुरस्कार राशि का वर्णन निम्न है: –
कक्षा 1 से 5 – जिला स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹50,000 तथा राज्य स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹1 लाख तय की गई है।
कक्षा (1 से 8), कक्षा (6 से 8), कक्षा (1 से 10) कक्षा (1 से 12) – जिला स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹75,000 तथा राज्य स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹1.5 लाख तय की गई है।
कक्षा (6 से 12), कक्षा (9 से 12) – जिला स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹1 लाख तथा राज्य स्तर पर पुरस्कार की राशि ₹2 लाख तय की गई है।
Note:- इस योजना के अंतर्गत विशेष विद्यालय, आवासीय विद्यालय एवं निजी विद्यालयों को भी 200000 की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
जयपाल सिंह पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा 29 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया। इस योजना के अंतर्गत गरीब प्रतिभाशाली आदिवासी बच्चे को पढ़ने के लिए सरकारी खर्च पर विदेश भेजा जाएगा। (झारखंड की शिक्षा योजनाएँ)
सोना सोबरन शिक्षा योजना
इस योजना की शुरुआत 2021 में की गई। इस योजना के तहत राज्य के 5000 ग्रामीण स्कूल को CBSE पाठ्यक्रम से जोड़ा जाए। इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी स्कूली शिक्षा के भेदभाव को खत्म किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना
इस योजना की शुरुआत 2020-21 में की गई इस योजना के तहत सभी सरकारी विद्यालयों के कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा। इस योजना के लिए ₹30 करोड़ के बजट आवंटित किए गए हैं।
Schemes of Jharkhand Government Part-1
Schemes of Jharkhand Government Part-2
Schemes of Jharkhand Government Part-3
Schemes of Jharkhand Government Part-4
Schemes of Jharkhand Government Part-5
जयपाल सिंह पारदेशिये छात्रवृत्ति योजना को थोड़ा और मॉडिफाई करने की जरुरत है सर जी जिसमे देशों के नाम जहाँ से पढ़ाई करने वाले छात्रों को इसका लाभ मिलता है।
इसी वित्तीय वर्ष से लागू हुआ है। ज्यादा जानकारी नही पता चला है