State Sign Of Jharkhand
राजकीय वृक्ष –झारखंड का राजकीय वृक्ष साल है। इसका वैज्ञानिक नाम Shorea Robusta है। एशिया का सबसे बड़ा साल वृक्ष का वन सारंडा झारखंड में है। इसके पुष्प को सरई का फूल और इसके बीज से निकले तेल को कुजरी का तेल कहते है। यह छत्तीसगढ़ का भी राजकीय वृक्ष है। साल को “पर्णपाती वनों का राजा” कहा जाता है। साल का पेड़ से उत्तम किस्म का फर्नीचर बनता है।
Note:- साल पेड़ के नीचे महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
राजकीय पुष्प – झारखंड का राजकीय पुष्प पलाश है। इसका वैज्ञानिक नाम Butea Monosperma है। उत्तर प्रदेश का भी राष्ट्रीय पुष्प पलाश है। संस्कृत में इसे ब्रह्मवृक्ष कहा जाता इसके अलावा इसे ढाक, टेसू और किशंकु भी कहा जाता है। पलाश को “जंगल की आग” भी कहा जाता है। भारतीय डाक ने पलाश चित्र के साथ डाक टिकट भी जारी किया है। पलामू के कुंदरी वन में पलाश के फूल से रंग और गुलाल बनाया जाता है। कीटनाशक बनाने में भी पलाश पुष्प का उपयोग होता है। पलाश पेड़ से चुनिया गोंद भी निकाला जाता है। झारखंड के सखी मंडली (Self Help Group) द्वारा बनाए गए उत्पाद को “पलाश ब्रांड” दिया गया है।
राजकीय पक्षी – झारखंड का राजकीय पक्षी एशियाई कोयल है। कोयल का वैज्ञानिक नाम Eudynamys Scolopacea है। कोयल पुदुचेरी का राजकीय पक्षी भी है।
राजकीय पशु – झारखंड का राजकीय पशु हाथी है। हाथी का वैज्ञानिक नाम Elephas Maximus है। उड़ीसा, कर्नाटक और केरल का भी राजकीय पशु हाथी है। भारत का पहला गज आरक्ष्य क्षेत्र झारखंड के सिंहभूम को घोषित किया गया है।
झारखंड का राजकीय प्रतीक
14 अगस्त 2020 को राँची के आर्यभट्ट सभागार में नए लोगो का अनावरण किया गया था। 15 अगस्त 2020 से झारखंड में नया लोगो प्रभावी हुआ। इस Logo को बनाने में 105 दिन का समय लगा। पुराना लोगो को अमिताभ पांडे ने बनाया था।
नया लोगो की कुछ विशेषताएं:-
a) वृत्ताकार घेरे – नया लोगो वृत्ताकार है जो झारखंड के विकास का सूचक है। इस लोगो में 7 बड़े गोल घेरे हैै जिसका केंद्र एक ही हैै।
Note:- इस Logo में 7 संकेंद्रीय (Cocetric) वृत्त है।
b) सौरा चित्रकारी – झारखंड के नए लोगो में 24 जोड़े नर्तक (कुल 48) का चित्रण सौरा चित्रकारी से किया गया है। यह झारखंड के समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। मानव आकृति का रंग गहरा भूरा है।
Note:- यह उड़ीसा की प्रसिद्ध चित्रकारी है। लाउदा जनजाति अपने घरों के दीवारों को सौरा चित्रकला से सजाते है। यह ईकोन या इडीताल चित्रकारी भी कहलाता है।
c) हाथी – झारखंड लोगो में 24 हाथी अंकित है जो सफेद रंग से बनी है। सारे हांथियाँ हरे रंग के गोलाकार पट्टी की पृष्ठभूमि में अंकित है। हाथी झारखंड के ऐश्वर्य और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता को प्रदर्शित करता है। वर्तमान और सुनहरे भविष्य के बीच खड़ी बाधाओं को दमन करता आगे बढ़ता हुआ झारखंड का प्रतीक है ये हाथी।
d) पलाश का फूल – लोगो में 24 पलाश के भूल है जो झारखंड के अप्रतिम सौंदर्य का प्रतीक है। पलाश फूल का रंग सिंदूरी लाल है। पलाश के फूल में स्थित काला रंग झारखंड में स्थित खनिज संपदा का सूचक है।
e) अशोक स्तम्भ – लोगो के पहले घेरे में और लोगो के मध्य में अशोक स्तम्भ अंकित है जो भारत और झारखण्ड के अभिन्न संबंध (संघवाद) का प्रतीक है। लोगो में अशोक स्तम्भ,भारत के प्रगति में झारखंड की भूमिका को दर्शाता है। अशोक स्तम्भ के नीचे “सत्यमेव जयते” लिखा हुआ है।
Logo में स्थित 7 घेरे का वर्णन
पहला घेरा – इस घेरे में अशोक स्तम्भ और इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। इस घेरे की पृष्ठभूमि सफेद है।
दूसरा घेरा – इसमें 60 छोटे-छोटे सफेद घेरा(वृत) है। इस घेरे की पृष्ठभूमि हरा है।
तीसरा घेरा – इस घेरे के 48 मानव आकृति है जो नृत्य करते हुए चित्रित है। इस घेरे की पृष्ठभूमि सफेद है।
चौथा घेरा – इस घेरा में 24 पलाश का फूल है। इस घेरे की पृष्ठभूमि सफेद है।
पांचवा घेरा – इसमें 24 सफेद हाथी है जो हरे रंग के पृष्ठभूमि में है।
छठा घेरा – इस घेरा का पृष्ठभूमि सफेद है। इसमें हरा रंग से हिंदी में “झारखंड सरकार” (ऊपरी हिस्से में) और अंग्रेजी के block letters में “GOVERNMENT OF JHARKHAND” (निचले हिस्से में) लिखा है। इस घेरे में हरे रंग का दो डॉट अंकित है।
सातवां घेरा – सातवां घेरा रिक्त है। इस घेरे की पृष्ठभूमि सफेद है।
लोगो की पृष्ठभूमि – 2nd और 5th घेरे का पृष्ठभूमि हरा है बाकी सफेद है। जो झारखंड की वन-संपदा और हरी भरी धरती का परिचायक है।
गुरुवाणी – पृष्ठभूमि को याद रखने के तरीके:- 2+5=7 (टोटल 7 घेरे)