कोडरमा जिला परिचय
नामकरण – कोडरमा जिला मुख्यालय के पास ही एक प्रसिद्ध पहाड़ है जिसका नाम ध्वजाधारी पहाड़ है उसी पहाड़ में कर्दम ऋषि ने तपस्या की थी। इसी कर्दम ऋषि के नाम पर कालांतर में कोडरमा नाम पड़ा। इस पहाड़ के तलहटी और शिखर दोनो जगह अत्यंत सुंदर मंदिर है। इसे ध्वजाधारी धाम के नाम से भी बुलाया जाता है। यहां लोग ध्वजा और त्रिशूल का अर्पण करते हैं। कर्दम ऋषि का विवाह मनु की कन्या देवहूति से हुआ था,जिनसे महर्षि कपिल का जन्म हुआ। महर्षी कपिल ने ही सांख्य दर्शन का प्रतिपादन किया। आगे चलकर इसी सांख्य दर्शन से जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना हुई।
स्थापना – कोडरमा पहले हजारीबाग का हिस्सा हुआ करता था। 1973 में कोडरमा को अनुमंडल बनाया गया। फिर 10 अप्रैल 1994 में कोडरमा को 6 प्रखंड के साथ अलग जिला बनाया गया। इसका मुख्यालय कोडरमा में है। कोडरमा जिला का सबसे बड़ा शहर झुमरी तिलैया है।
सीमा – कोडरमा जिला बिहार के दो जिले (नवादा और गया) और झारखंड के भी दो ही जिले (हजारीबाग, गिरीडीह) के साथ सीमा बनाती है।
लोकसभा चुनाव क्षेत्र – कोडरमा जो हजारीबाग और गिरीडीह के साथ साझा करता है। इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधान सभा क्षेत्र आते है। कोडरमा, बरकट्ठा (हजारीबाग) और गांडेय, बगोदर, धनवार जमुआ (सभी गिरीडीह)।
विधान सभा चुनाव क्षेत्र- 1 (कोडरमा)
अनुमंडल- 1 (कोडरमा)
प्रखंड- कोडरमा जिला में 6 प्रखंड है कोडरमा, मरकच्चो, चंदवारा, जयनगर, सतगवां और डोमचांच।
उपनाम
झारखंड की अभ्रक राजधानी – अभ्रक के उत्पादन के लिए कोडरमा विश्वविख्यात है। यहां अभ्रक की सबसे उच्च किस्म रूबी अभ्रक (मोस्कोवाइट) बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। झारखंड में सबसे ज्यादा अभ्रक का उत्पादन कोडरमा जिला करता है।
चमकीली धरती – कोडरमा का एक उपनाम चमकीली धरती है क्योंकी यहां अभ्रकमुलक मिट्टी पायी जाती है इस मिट्टी में अभ्रक के अंश होने के कारण चमकीली दिखाई पढ़ती है।
झारखंड का प्रवेश द्वार – झारखंड से उत्तर भारत से झारखंड प्रवेश का मुख्य रेलमार्ग और सड़कमार्ग कोडरमा होते हुए जाती है, इसलिए इसे झारखंड का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
Educational Institution
1. कैपिटल विश्वविद्यालय – यह झारखंड के कोडरमा के चित्रगुप्त नगर में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय जिसकी स्थापना 2018 में किया गया है। इस यूनीवर्सिटी का आदर्श वाक्य है”Education For All”
2. राधागोविंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
3. झारखंड लॉ कॉलेज
4. सैनिक स्कूल, तिलैया – यह स्कूल कोडरमा जिला में 16 सितंबर 1963 में स्थापित किया गया। इसके संस्थापक तत्कालीन रक्षा मंत्री VK Krishna Menon और तत्कालीन मुख्यमंत्री KB Sahay को माना जाता है। इस स्कूल का आदर्श वाक्य “अग्रे सरत सर्वदा (Forward Ever)” हैं। ये स्कूल रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। हर बर्ष ये स्कूल अपना ईयर बुक प्रकाशित करता है जिसका नाम “The Tilaiyan” है।
5. रामलखन सिंह यादव कॉलेज
6. जे जे कॉलेज
7. ग्रिजली आवासीय विद्यालय(Grizzly School)- यह एक झारखंड की प्रसिद्ध आवासीय स्कूल है।इस स्कूल की स्थापना 1999 में की गई। यह एक आवासीय विद्यालय है।
8. कोडरमा में एक मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है।
Mica Mines In Koderma
1. ढाब
2. ढीबोर
3. ढोढोकोला
4. बांदरचुवां
5. डोमचांच
ऐतिहासिक तथ्य
फिरोजशाह तुगलक के बंगाल अभियान के दौरान (1359-60),इसका सामना बंगाल के नवाब शमशद्दीन इलियास से हुई और उसने बंगाल के नवाब से एक बड़ा हिस्सा छिन लिया और इस छीने हुए हिस्से को अपने अधिकार में लेकर सतगावां (अभी कोडरमा का एक ब्लॉक है) को राजधानी बनाया था।
जैविक केंद्र
1. गौतम बुद्ध अभ्यारण्य
2.कोडरमा अभ्यारण्य
3. मगर प्रजनन केंद्र, चाचरो (तिलैया डैम)
Rivers Of Koderma
बराकर-ये नदी हजारीबाग के पदमा से बहकर कोडरमा के दक्षिण भाग में बहती हैं और हजारीबाग से सीमा बनाती है। कुछ छोटी नदियां जो कोडरमा से आकर बराकर में मिलती है जैसे की केशो, गुखानाा,गुरियो, अक्तो, पोहंचखारा
बरसोती- कोडरमा बरसोती नदी के तट पर स्थित है।
सकरी- यह नदी कोडरमा के सतगवां प्रखंड से(उत्तरी छोटानागपुर पठार) निकलकर उत्तर में बिहार के नवादा जिला में प्रवेश करती है। यह नदी कोडरमा के उत्तरी भाग में बहती है । इस नदी में छोटानथारी, और घघना नदी कोडरमा से बहती हुईं इसमें मिल जाती है। आगे यह नदी साँप की तरह टेढ़ी मेढी चलकर ताल क्षेत्र में गंगा नदी में मिल जाती है। ताल क्षेत्र में गंगा से मिलने के पहले यह नदी किउल नदी और हरोहर नदी से मिल जाती है।इस नदी का जिक्र रामायण में “सुमागधी” नाम से मिलता है। झारखंड की सबसे ज्यादा मार्ग बदलने वाली नदी यहीं है। इस नदी की लंबाई 65 KM है। इस नदी में उच्च किस्म के रेत पाए जाते हैं।
धनार्जय नदी- यह नदी कोडरमा के ढोढाकोला जंगल के एक पहाड़ से निकलती है, बिहार के नवादा जिले में प्रवेश करने के बाद नवादा में ही गिरयक नदी में मिल जाती है।
तिलैया नदी-यह नदी कोडरमा जिला के तिलैया पहाड़ से निकलता है। जो आगे जाके पंचानन नदी की पांच धाराओ में एक बनती है।
दर्शनीय स्थल
1. देवघर धाम, घोड़सिमर
2. उरवन टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स
3. सतगवां पेट्रो झरना
4. चंचला मंदिर शक्तिपीठ
5. सोनबंदर गुफा
6. जलेबीया घाटी
7. मांकोमारो पहाड़
5. ध्वजाधारी पहाड़
6. परमहंस बाबा मकबरा
महत्त्वपूर्ण तथ्य
1. 2001-11की जनगणना में सबसे ज्यादा दशकीय जनसंख्या वृद्धि (43.42%) कोडरमा जिला की हुई।
2. सबसे कम ST प्रतिशत वाला जिला कोडरमा है।
3. बद्री सिंह और विश्वनाथ मोदी कोडरमा के स्वतंत्रता सेनानी थे।
4. झारखंड की एकमात्र माचिस फैक्ट्री कोडरमा में है।
5. दैबोर पहाड़, कोडारमा में है जो इस जिला की सबसे ऊंची पहाड़ी है।
6. कोडरमा जिला में 3 शहर है कोडरमा, झुमरी तिलैया, डोमचांच।
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